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गुरुवार, 15 नवंबर 2018

विश्व मधुमेह दिवस 2018 पर, लखनऊ में जागरूकता वॉकेथन का आयोजन

  • मधुमेह के असरदार प्रबंधन के लिए स्वस्थ, सक्रिय जीवनशैली महत्वपूर्ण है
लखनऊ : भारत में जिस तेजी से मधुमेह के रोगी बढ़ते जा रहे हैं, इस पुरानी बीमारी के प्रभावी प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण हो गया है। मधुमेह के प्रबंधन में शारीरिक गतिविधि का महत्व बताने के उद्देश्य से, विश्व मधुमेह दिवस 2018 पर लखनऊ में एक जागरूकता वॉकेथन का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व आरएमएलआईएमएस के एंड्रोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. मनीष गुच ने किया। इस वॉकेथन में शरी संख्या में लोगों की व्यापक भागीदारी रही।
मधुमेह सभी उम्र समूहों के लोगों को प्रभावित करता है। भारत में मधुमेह रोगियों में 7 करोड़ 30 लाख वयस्क हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन वयस्कों में से लगभग 58 प्रतिशत इलाज के दायरे में नहीं हैं। इसके अलावा, अनुमान है कि भारत के हर 12 वयस्कों में से एक व्यस्क मधुमेह से प्रभावित है।
 
डॉ. मनीष गुच ने बताया कि ष्मधुमेह के जोखिम के प्रति संवेदनशील लोगों की संख्या में वृद्धि का मुख्या कारण उनकी गतिहीन बैठे-बिठाये रहने वाली जीवन शैली है, जिनमें चलने-फिरने के अवसर बहुत कम मिल पाते हैं। लेकिन लोग इससे अनजान हैं। लोगों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना समय की आवश्यकता है। रोगियों, स्वास्थ्य का देखभाल करने वाले पेशेवरों और बड़े पैमाने पर जनता की भागीदारी के साथ ही, इस वॉकाथन जैसी पहल, मधुमेह की रोकथाम और इसके प्रभावी प्रबंधन के बारे में चर्चाओं को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।ष्
 
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने प्रारंभिक निदान और मधुमेह के प्रभावी प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किये जा रहे अपने प्रयासों के रूप में वॉकेथॉन का समर्थन किया।
 
हालांकि समग्र मधुमेह की देखभाल की स्थिमति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में मधुमेह प्रबंधन के महत्व और तरीकों के बारे में जागरूकता अभी भी कम है। मधुमेह की रोकथाम और प्रभावी प्रबंधन के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि बेहद जरूरी है। कई मामलों में, जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाकर मधुमेह की रोकथाम की जा सकती है या इसे स्थकगित भी किया जा सकता है।
 
आज भी, मधुमेह को केवल हाई ब्लरड शुगर यानी उच्च रक्त शर्करा वाला रोग माना जाता है। लेकिन उच्च रक्त शर्करा के कारण होने वाली समस्याओं जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक,गुर्दे की विफलता और अंधापन दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर जागरूकता में कमी है। एक संतुलित और स्वस्थ आहार के साथ नियमित शारीरिक गतिविधि मधुमेह के प्रभावी प्रबंधन में, और कुछ मामलों में रोग की रोकथाम में भी, मदद कर सकती है।
 

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