देश के पहले
ऑनलाइन स्क्रैप ट्रेड
प्लेटफार्म ’स्क्रेबिड’ की शुरुआत करने
वाले 12वीं कक्षा
के छात्र प्रफुल
चैहान का मानना
है कि स्टार्टअप इंडिया
के तहत कई
छोटे-बड़े स्टार्टअप्स के
खुलने और बंद
होने के पीछे
एक ख़ास वजह
मार्केट रिसर्च और एनालिसिस की
कमी हो सकती
है। इसके अलावा
प्रोडक्ट या सर्विस का
हद से ज्यादा
जटिल होना और
जो बाजार चाहता
है उसके अनुकूल
काम का न
होना भी एक
प्रमुख कारणों में
गिना जा सकता
हैं. बता दें
कि प्रफुल के
ऑनलाइन स्क्रैप मैटेरियल्स बेचने
वाले इस यूनिक
कांसेप्ट को सीएम स्टार्टअप योजना
हिमाचल प्रदेश के
तहत जून 2018 में
पंजीकृत किया जा चुका
है. हाल ही
में प्रफुल ने
अपने इस बेहतरीन आईडिया
के बारे में
खुलकर बात की
और ’स्क्रेबिड’ से जुड़े कई
प्रश्नों के उत्तर दिए...देखें इस सवाल-जवाब से जुड़े
कुछ अंश...
1.
स्क्रैप को लेकर सबसे बड़ा अवसर और चुनौती क्या समझते हैं?
उत्तरः क्वांटिटी और
वर्थ दोनों के
लिहाज से स्क्रैप सेक्टर
सबसे बड़े सेक्टर्स में
से एक रहा
है। हमारे देश
में 6 मिलियन टन
से अधिक मेटल
स्क्रैप का इम्पोर्ट होता
है और लगभग
30 मिलियन
टन स्क्रैप का
उत्पादन इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा
किया जा रहा
है। इसलिए, जैसे-जैसे हम डिजिटल
युग की ओर
बढ़ रहे हैं,
हमारे सामने एक
बड़े अवसर का
दरवाजा खुलता जा
रहा है। स्क्रैबिड को
अपने शुरुआती दौर
में कुछ चुनौतियों का
सामना करना पड़
सकता है- जैसे
1. ग्रास रुट
स्क्रैप डीलर्स के बीच
जागरूकता या अशिक्षा का
अभाव जो इस
प्लेटफार्म का उपयोग करने
में कठिनाई महसूस
कर सकते हैं.
2. इस व्यापार में
नकद लेनदेन का
अधिक चलन है
3. रिमोट रीजंस
में कम डाटा
कनेक्टिविटी भी एक बड़ी
चुनौती है।
2. क्या आपकी नए बाजारों से जुड़ने जैसी कोई योजना है? यदि हां, तो वे क्या हैं और उनका टाइम स्केल क्या है?
उत्तरः फिलहाल
हम स्क्रैबिड को
एक सफल स्क्रैप ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाने
की तरफ ही
अपना पूरा ध्यान
केंद्रित कर रहे हैं।
लेकिन निश्चित रूप
से हमारे पास
एक या दो
साल बाद नए
बाजार में प्रवेश
करने की योजना
जरूर है।
3.
उत्पाद के लिए बाजार कितना बड़ा है? यह कितनी तेजी से बढ़ रहा है? क्या आप इसे एक स्थिर बाजार समझते हैं?
उत्तरः हमारी सर्विसेस के
लिए मार्केट काफी
बड़ा है! हर
इंडस्ट्री यूनिट या थोक
स्क्रैप बनाने वाले संस्थान और
रीसाइकिं्लग इंडस्ट्रीज, पिघलाने वाली भट्टियां या
स्क्रैप डीलर जैसे खरीदार
हमारे ग्राहक हैं।
औद्योगीकरण और ग्लोबल ट्रेड
में वृद्धि के
साथ, स्क्रैप सेक्टर
भी एक साथ
बढ़ेगा और हमारे
देश के मौजूदा
स्थिति को देखते
हुए बात करें
तो हम एक
संभावित अग्रणी रीसाइकिं्लग राष्ट्र के
रूप में उभर
रहे हैं, जिस
वजह से हमारी
सेवा के लिए
एक बड़ा बाजार
तैयार हो रहा
है। कुल मिलाकर
देखें तो स्क्रैप मार्केट को
स्थिर माना जा
सकता है, हालांकि स्क्रैप मैटेरियल्स की
कीमतें, ख़ास तौर
से फेरस स्क्रैप में
तमाम कारणों की
वजह से बहुत
बड़ा उतार चढ़ाव
देखने को मिलता
है।
4.
अगले छह से 12 महीनों में सफलता के लिए आपके मेन मैट्रिक्स क्या हैं?
उत्तरः हमारे
प्रमुख मैट्रिक्स हैं-
1. बड़ी इंडस्ट्रियल यूनिट्स/ एमएनसीस को
इस प्लेटफॉम्र्स के
माध्यम से उनके
वार्षिक कॉन्ट्रैक्टस बेचने के लिए
प्रोत्साहित करना।
2. कई इंडस्ट्रीज और
स्क्रैप ट्रेडर्स को कैप्चर करके
इस प्लेटफॉर्म के
तहत छोटे स्तर
के स्क्रैप ट्रेड
से जोड़ना।
3. इस प्लेटफार्म को
जितना हो सके
आसान बनाना जो
किसी के द्वारा
भी उपयोग किया
जा सके। यूजर
इंटरफ़ेस में सुधार किया
जाएगा और अधिक
भाषाओं को जोड़ा
जाएगा।
5. इन्वेस्टर्स कौन
हैं? क्या वे
एक एक्टिव रोल
प्ले कर रहे
हैं?
उत्तरः हमारे इन्वेस्टर मुख्य
रूप से इंडस्ट्रियल बैकग्राउंड से
आते हैं और
नेटवर्किंग, मार्केट रिसर्च और एनालिसिस में
हमारी मदद करते
हुए एक सक्रिय
भूमिका निभा रहे
हैं और उन्होंने इस
प्लेटफार्म को बनाने में
बहुत मदद की
है। हमारे निवेशक
होने के अलावा,
वे हमारे ग्राहक
भी होंगे।
6. आपके ग्रोथ
टार्गेट्स को पूरा होने
से रोकने वाले
तीन मुख्य मुद्दे
क्या हो सकते
हैं?
उत्तरः हमारे प्लेटफ़ॉर्म का
केवल बीटा वर्जन
अभी लाइव है
और इसमें फिलहाल
लिमिटेड सुविधाएं ही हैं। लेकिन
जल्द ही हम
इसमें कुछ मुख्य
विशेषताओं को भी जोड़ेंगे और
उसके बाद ही
हम इसके ग्रोथ
का एनालिसिस सकते
हैं।
7. आपको इस
प्रोजेक्ट पर काम करने
के लिए किस
चीज़ ने प्रोत्साहित किया?
उत्तरः मैंने हमेशा
कुछ बड़ा और
महत्वपूर्ण करने का सपना
देखा है। मेरे
पास रचनात्मकता और
समस्या सुलझाने के
कौशल का एक
अनोखा मिश्रण है।
भारत में विशेष
रूप से इंडस्ट्रियल जोन्स
में स्क्रैप ट्रेड
के मौजूदा हालातों को
देखते हुए बात
करें तो स्क्रैप ट्रेड
से जुड़ी कई
समस्याएं हैं जैसे कि
अनऑर्गनाइज्ड ट्रेड, ट्रांस्पिरेन्सी की
कमी, स्क्रैप माफियाओं का
शामिल होना है,
इन चुनौतियों को
अवसर में परिवर्तित किया
जा सकता है
और इसी चीज
ने मुझे इस
सेक्टर में काम
करने के लिए
प्रेरित किया। इसलिए, यहां
मुझे उद्यमिता की
दुनिया से जुड़ने
और कुछ ऐसा
करने का मौका
मिला जो देश
के लिए भी
योगदान दे सके।
8. स्टार्ट अप
इंडिया के तहत
कई स्टार्ट अप
शुरू हुए और
बंद हुए, आपको
क्या लगता है
कि इन असफलताओं के
पीछे का कारण
हो सकता है?
उत्तरः वैसे इसके
पीछे कई कारण
हो सकते हैं
जैसे
1. मार्केट रिसर्च
और एनालिसिस की
कमी।
2. प्रोडक्ट/सर्विस
का जटिल होना,
जो बाजार चाहता
है उसके अनुकूल
न होना।
3. धैर्य या
पर्याप्त फण्ड की कमी।
4. मार्केट ट्रेड्स और
सरकार की नीतियों में
बदलाव।
9. क्या आप
आने वाले वर्षों
में स्क्रैप मार्केट में
स्क्रेबिड को एक माइलस्टोन के
रूप में देखते
हैं?
उत्तरः जरूर, क्यों
नहीं। अगर आप
इस सेक्टर को
वो देने में
कामयाब होते हैं
जिसकी इसे असल
में जरूरत है
और हमारे ग्राहकों द्वारा
इसे पसंद किया
जाता है, तो
बेशक स्केबिड, स्क्रैप ट्रेडिंग इंडस्ट्री में
एक लीडिंग प्लेटफार्म के
रूप में देखा
जा सकता है।
10.ScraBid CM Start up योजना के तहत
आया, आप इस
बारे में क्या
कहना चाहेंगे?
उत्तरः खैर, स्क्रैबिड सीएम स्टार्टअप योजना एचपी के तहत जून 2018 के महीने में पंजीकृत किया गया था और हमने इस योजना के तहत जेपी विश्वविद्यालय, सोलन से ऊष्मायन प्राप्त करना शुरू किया। एक युवा उद्यमी के रूप में, मुझे वास्तव में विश्वास है कि राज्य सरकार इस योजना के तहत बहुत सारे अद्भुत प्रोत्साहन प्रदान कर रही है जो निश्चित रूप से राज्य में एक शानदार स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के निर्माण में मदद करेगी। यह भविष्य के जॉब क्रिएटर्स के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगा।