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शनिवार, 29 दिसंबर 2018

एसडीजी के समर्थन में काम करते हुए वसुधा ऑर्गेनिक किसानों के लिए अधिक कमाई और कम खर्च सुनिश्चित करता है

वर्तमान और भविष्य में लोगों, और धरती की शांति और समृद्धि के लिए साझा ब्लूप्रिंट प्रदान करने के उद्देश्य से 2015 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों द्वारा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को अपनाया गया था। सतत विकास लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय विकास संबंधित लक्ष्यों का समूह हैं, जिनको 2015 से 2030 तक हासिल करने की परिकल्पना की गई है। लेकिन यथार्थ की जमीन पर देखें तो 2030 तक सभी लक्ष्यों का पूरा होना संभव नहीं दिखता, इसलिए सरकारों और संस्थाओं ने प्राथमिकता के आधार पर लक्ष्यों को पूरा करने का संकल्प लिया है। वसुधा ऑर्गेनिक भी सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का समर्थन करता है। वसुधा ऑर्गेनिक निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने की अपनी सोच पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति अपनाता हैरू गरीबी निषेध, भूख की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जलीय जीवन, भूमि पर जीवन, शांति, न्याय, मजबूत संस्थाएं और लक्ष्यों के लिए साझेदारी। इन लक्ष्यों  को गरीबी खत्म करने वाले, धरती की रक्षा करने वाले और सबके लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने वाले वैश्विक लक्ष्यों के रूप में भी जाना जाता है। वसुधा आर्गेनिक, निरंतर विकास हेतु वैश्विक साझेदारी को पुनर्जीवित करने के लिए, अपने विभिन्न पहलों में फेयर ट्रेड, पीस इंडिया, टेक्सटाइल एक्सचेंज, एसएसी, कॉटन कनेक्ट, सीएंडए फाउंडेशन, बीसीआई, आदि सस्टेनेबल आर्गेनाइजेशन के साथ सहयोग करते हुए काम करता है।

एक वक्त था जब किसान कृषि से सम्बंधित सामग्री के लिए पूरी तरह से बाजार पर निर्भर थे, लेकिन भारत की अग्रणी परिधान निर्माता प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड की एक पहल, वसुधा ऑर्गेनिक ने किसानों की जिन्दगी और आजीविका में बदलाव लाने का प्रयास किया है। वसुधा के प्रयासों से, आज किसानों को कृषि सम्बंधित जैविक सामग्री का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इस प्रयास से किसानों के जीवन पर काफी असर पड़ा है, क्योंकि इससे खेती की लागत में 40 प्रतिशत की कमी आई है, और बाजार पर निर्भरता भी काफी कम हो गई है। न्यायोचित, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने का समर्थन करते हुए, वसुधा सहकारी समितियों, लोकतंत्र और साझा मूल्यों की स्थापना के लिए सहयोगी के तौर काम करने को भी प्रोत्साहित करती है।

पिछले कुछ दशकों के दौरान, रासायनिक खेती ने दुनिया भर की खेती पर कब्जा कर लिया था। रासायनिक खेती ने न केवल घातक रसायनों के सीधे संपर्क में आने वाले किसानों के लिए स्वास्थ्य सम्बंधी गंभीर खतरे पैदा किये, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए घातक साबित हुई। खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों के अनियंत्रित प्रयोग से न केवल सभी हितधारकों का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है, बल्कि पूरा पारिस्थिति की तंत्र भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। जो तत्व सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं, वे प्रकृति के सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं जैसे मिट्टी, पानी और वायु। मिट्टी का स्वास्थ्य विलुप्त होने के स्तर तक चला गया है। रासायनिक प्रदूषण के कारण भूजल को गंभीर रूप से दूषित हो गया है और वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। इस परिस्थिति को देखते हुए वसुधा ने प्राकृतिक पर्यावरण संतुलन को बहाल करने के लिए पहल की है।

यह देखा गया है कि सारे लक्ष्य आपस में जुड़े हुए हैं। कोई भी सिर्फ एक लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यापन केंद्रित नहीं रख सकता है। इन सभी लक्ष्यों को एक साथ हासिल किया जाना चाहिए। इसलिए, अन्य लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, वसुधा ऑर्गेनिक की पहल के केन्द्र में समग्र विकास भी है। फेयर ट्रेड और अन्य कंपनियों के सहयोग से, वसुधा ऑर्गेनिक करही गांव में किसानों के 500 बच्चों के लिए वसुधा विद्या विहार स्कूल चलाता है। यह फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी के 50 स्कूलों को समर्थन भी देती है। वसुधा का लक्ष्य 2020 तक करही में एक कॉलेज शुरू करना है। सबका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए, विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य जागरूकता और स्वास्थ सम्बंधी जांच शिविर आयोजित किए जाते हैं। अपने विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से, वसुधा ऑर्गेनिक ने पिछले तीन वर्षों में, नेत्र स्वास्थ्य , दंत स्वास्थ्य, पल्स् पोलियो आदि के लिए विभिन्न चेक-अप शिविर और मधुमेह, स्त्री रोग, कोलेस्ट्रॉल आदि के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं, जिनसे कई समुदाय लाभान्वित हुए हैं।

जलीय जीवन, भूमि के ऊपर के जीवन जितना ही महत्वपूर्ण है। जहरीले और जल्दी नष्ट न होने वाले रसायनों को खत्म करके, जैविक कपास का उत्पादन स्थानीय रूप से उपयोग किए जाने वाले स्वच्छ और स्वस्थ पानी के लिए, जो अंततः महासागरों में जाकर मिल जाता है, एक सक्रिय योगदानकर्ता का काम करता है। इसका न केवल सकारात्मक आर्थिक प्रभाव होता है, बल्कि यह जैव विविधता, पानी और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग को भी बढ़ाता है। वसुधा ऑर्गेनिक टिकाऊ वन प्रबंधन प्रथाओं को भी प्रोत्साहित करता है।

वसुधा ऑर्गेनिक के प्रमुख उद्देश्यों में से एक जैविक खेती को बढ़ावा देना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान की आय अधिक हो, कृषि रसायन जैसे इनपुट पर खर्च कम हो, और साथ ही कमोडिटी बाजार पर निर्भरता भी कम हो जिससे उनकी लागत कम करने में मदद मिले। 2020 तक, वसुधा ऑर्गेनिक किसान की वर्तमान स्तर की आय को दोगुनी करने की इच्छा रखता है। मालवा क्षेत्र के एक किसान सरदार मथु ने बताया कि " किसान बाजार से कृषि इनपुट खरीदते थे, लेकिन अपने खेतों में जैविक इनपुट बनाने के बाद, लागत काफी कम हो गई है। किसान इस पैसे को अपने परिवार की भलाई के लिए खर्च कर सकते हैं। " जैविक कपास उत्पादन के मामले में, परस्पर निर्भरता को सम्मान देते हुए वैश्विक साझेदारी और सहयोग के प्रति वसुधा आर्गेनिक की दृढ़ प्रतिबद्धता बुनियादी रूप से महत्वपूर्ण है।


वसुधा ऑर्गेनिक मध्यप्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में सबको पौष्टिक भोजन उपलब्ध् कराने के लिए ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती को प्रोत्साहन देता है। जैविक कपास खाद्य फसलों के साथ चक्रानुक्रम यानी रोटेशन में उगाया जाता है, जिससे उच्च पोषण वाले भोजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होती है। टिकाऊ कपास का उत्पादन करने के लिए 160,000 एकड़ से अधिक की भूमि पर 35,000 किसानों को शामिल करते हुए, वसुधा टीम दोनों मौसमों में कारगर, अभिनव बहु-फसल प्रणाली विकसित करने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है। इन किसानों में प्रति एकड़ आय में पर्याप्त वृद्धि करने की क्षमता है। 

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

पॉलिटिशियन्स एवं स्टार्टअप इमेज बिल्डिंग की को मिलेगी मुफ्त सलाह

पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में वर्ष 1999 से सफलता की अनेकों कहानियां गढ़ चुकी, देश की प्रतिष्ठित कंपनी पीआर 24x7 ने, पिछले दिनों इस क्षेत्र में अपने 19 वर्षों का महत्वपूर्ण सफर पूरा किया है। अपनी इस शानदार यात्रा को सभी के लिए ख़ास बनाने के उद्देश्य से, कंपनी ने देश भर के अनेकों छोटे-बड़े स्टार्टअप्स को उनकी ब्रांडिंग की फ्री सलाह देने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी, देश के विभिन्न पॉलिटिशियन्स को भी, उनकी इमेज बिल्डिंग की फ्री सलाह उपलब्ध कराने जा रही है। पीआर 24x7 की यह पहल, देश में तेजी से उभर रहे स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने एवं उनका पोर्टफोलियो बेहतर बनाने में उपयुक्त साबित होगी। साथ ही इसके जरिये पॉलिटिशियन्स को 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले जन-जन से जुड़ने का बेहतरीन अवसर भी प्राप्त होगा। कंपनी यह सेवा नए साल की शुरुआत से आगामी तीन महीनों तक के लिए उपलब्ध कराएगी।

पीआर 24x7 के डायरेक्टर अतुल मलिकराम ने जानकारी देते हुए बताया कि, "आज भी देश में ज्यादातर लोग मानते हैं कि किसी प्रोडक्ट या कंपनी की इमेज बिल्डिंग के लिए पीआर (पब्लिक रिलेशन) एक महंगा सौदा हैं। जबकि असल में यदि आपका पीआर डिपार्टमेंट मजबूत है तो प्रोफेशनल फ्रंट पर आपको अधिक अवसर मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। पब्लिक डीलिंग का सही तरीका ही आपकी बेहतर इमेज बनाने का काम करता है और बेशक हम इस काम में माहिर हैं। पीआर 24x7, नए साल की शुरुआत से 31 मार्च 2019 तक देश के सभी स्टार्टअप्स और पॉलिटिशियन्स को उनकी ब्रांडिंग व इमेज बिल्डिंग की फ्री सलाह देने जा रहा हैं। ऐसा शायद पहली बार होगा जब किसी पब्लिक रिलेशन कंपनी ने ब्रांडिंग के लिए फ्री एडवाइस देने की घोषणा की है।"

अतुल जी ने आगे कहा, "किसी भी नए स्टार्टअप के लिए उसके ब्रांड की जानकारी मार्केट व ग्राहकों के बीच होना बेहद जरूरी है ताकि लोगों को उनके प्रोडक्ट और सर्विसेज के बारे में पता लग सके। ये समझना महत्वपूर्ण है कि किसी भी ब्रांड को मार्केट तक पहुंचाने और ब्रांड के प्रति ग्राहकों को आकर्षित करने में पीआर का एक अहम रोल होता है। इसी तरह यह पॉलिटिकल पार्टीज़ के पॉलिटिशियन्स के लिए भी काम करता है। कोई भी पॉलिटिकल कैंपेन एक पीआर प्रोफेशनल की सलाह के साथ ही आगे बढ़ता है। 2014 में मोदी सरकार की एकतरफ़ा जीत को बेहतरीन पीआर के एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। भारत सरकार के स्वच्छ भारत या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों की सफलता के पीछे भी पीआर प्लानिंग्स का ही फार्मूला लगा है। हम प्रिंट व डिजिटल पीआर के जरिये अपने क्लाइंट्स से जुड़ी हर खबर को ट्रैक करने का काम करते हैं। साथ ही उनके मार्केट कॉम्पिटिटर्स की हर मूवमेंट पर भी पैनी नजर बनाए रखते हैं।"

संस्था ने अपने 19 वर्षों के संघर्ष को कामयाबी में तब्दील करते हुए देश की कुछ गिनी चुनी पीआर कंपनियों में शीर्ष पर बने रहने का गौरव हासिल किया है। साल 1999 में एक कमरे और दो लोगों के साथ शुरू हुआ पीआर 24x7 का सफर, आज देश भर के कई बड़े शहरों तक अपनी पहुंच बना चुका है। कंपनी मुंबई, बंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, गुवाहाटी और श्रीनगर जैसे देश कुल 81 छोटे-बड़े शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रही है। 1700 से अधिक अख़बारों से आने वाली हर खबर पर सीधी पकड़ रखने के साथ ही, संस्था अपने क्लाइंट्स के लिए उनके मार्केट सेगमेंट से जुड़ने व उनके संदेशों को जाहिर करने में मदद करती है। इसके लिए संस्था के पास 100 से अधिक प्रोफेशनल्स की टीम मौजूद हैं, जिनमें स्ट्रेटजी प्लानर्स, मीडिया मैनेजर्स, कॉपी राइटर्स, रिसर्चर्स और पीआर व मार्केटिंग एक्सपर्ट्स शामिल हैं।

सोमवार, 24 दिसंबर 2018

जेआइसीए ने 920 कारोड़ रुपये के ओडीए लोन के साथ अपनी तरह की पहली डेरी उत्पादन वृद्धि परियोजना की मदद की

किसानों के दूध की बिक्री में वृद्धि और विपणन रणनीति में सुधार के द्वारा चिरस्थायी विकास को बढ़ावा

नई दिल्ली : जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने भारत सरकार के साथ आज एक अनुबंध किया है जिसके तहत वह ‘प्रोजेक्ट फॉर डेरी डेवलपमेंट’ के लिए 14,978 मिलियन जापानी येन (भारतीय मुद्रा में लगभग 920 करोड़ रुपये) का आधिकारिक विकास सहायता लोन (ओडीए) प्रदान करेगा।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है । इस दिशा में संगठित बाज़ार तक किसानों की आसान पहुँच, डेरी प्रोसेसिंग सयंत्रों और विपणन संबंधी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना, और उत्पादक-स्वामित्व वाले संस्थानों में सुधार किया जाएगा ताकि प्रोजेक्ट एरिया में दुग्ध उत्पादकों को ज्यादा रिटर्न मिल सके।
इस ओडीए लोन अनुबंध पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामला विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सी.एस.मोहापात्रा और जेआइसीए इंडिया ऑफिस के मुख्य प्रतिनिधि कात्सुओ मात्सुमोतो ने हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर जेआइसीए इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि, श्री कात्सुओ मात्सुुमोतो ने कहा कि, “जेआइसीए भारत में किसी डेरी प्रोजेक्ट को पहली बार सहायता दे रहा है. हम उपभोक्ताओं को उत्तम और स्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत दूध उपलब्ध कराने के लिए डेरी सयंत्रों के उन्नयन और आत्म-निर्भर मॉडल की आवश्यकता को समझते है । यह प्रोजेक्ट ‘विज़न-2022 नेशनल ऐक्शन प्लान ऑन डेरी डेवलपमेंट’ के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य डेरी सहकारी संगठनों की क्षमता बढ़ाना और आधुनिकीकृत बाज़ारों की बेहतर सुलभता और कोल्ड चेन्स के उन्नयन के द्वारा दूध की बिक्री बढ़ाकर किसानों की आय दोगुनी करना है । हमारा उद्देश्य एक ऐसा आत्म-निर्भर मॉडल स्थापित करना है जिससे दूध की बर्बादी रोकी जा सके और किसानों का प्रतिलाभ बढ़ सके । इस दिशा में विशेषकर लघु एवं सीमान्त दुग्ध उत्पादकों के लिए रोजगार सृजन और महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया जाएगा । ”

नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) इस प्रोजेक्ट की कार्यान्वयन एजेंसी है

सहभागिता की इच्छा और वास्तविक वित्तीय मांग के आधार पर प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और पंजाब राज्यों को शामिल किया गया है. यह प्रोजेक्ट एक अद्वितीय दो-चरणीय (टू-स्टेप) लोन मॉडल पर बनी है जिसमे नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड को फण्ड मुहैया किया जाएगा । फण्ड का भुगतान मिल्क यूनियनों और उत्पादन कंपनियों की वित्तीय मांग एवं ज़रुरत के आधार पर होगा. प्रोजेक्ट द्वारा न केवल वित्तीय सहायता दी जायेगी, बल्कि सहभागी संस्थानों को रणनीतिक प्रबंधन, व्यवसाय नियोजन और विपणन रणनीति पर कार्यशालाओं और प्रशिक्षणों के माध्यम से उनका क्षमता निर्माण भी किया जाएगा।
भारत में दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण एक महत्वपूर्ण उद्योग है, और भारतीय अर्थव्यवस्था एवं शहरीकरण के अपेक्षित विस्तार को देखते हुए दुग्ध उत्पादों की मांग भी बढ़ने का अनुमान है। किन्तु, ताज़ा दूध जल्दी खराब हो जाता है. इसे बैक्टीरिया के फैलने से बचाने के लिए दूध दूहने के बाद जीवाणुरहित और असंक्रमित करने और उसके तुरंत बाद प्रशीतन करना ज़रूरी होता है । इसलिए, दूर-दराज इलाकों के किसानों को, जिनके पास प्रशीतन सुविधा उपलब्ध नहीं है, भारी मांग वाले शहरी इलाकों में अपना दूध बेचने में कठिनाई होती है। फिलहाल आधुनिक बाज़ारों में, या तथाकथित संगठित क्षेत्र में बेचे जाने वाले दूध की मात्रा भारत में कुल दुग्ध उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है । दुग्ध उत्पादक उन किसानों के लिए, जो सहकारी समितियों और निजी डेरी कंपनियों के साथ व्यापार नहीं करते हैं, औपचारिक बाज़ार की सुलभता एक बड़ा मुद्दा है।

इस प्रोजेक्ट द्वारा कोल्ड चेन्स और प्रोसेसिंग जैसे उपकरणों को उन्नत करने और विपणन तकनीकों की क्षमता बढ़ाने में सहायता की जायेग । इससे दूर-दराज के किसानों से दूध जमा करने वाले सहभागी संस्थानों को दुग्ध के कारोबार से ज्यादा आमदनी प्राप्त करने में मदद मिलेगी. आधुनिकीकृत बाज़ार तक लघु किसानों की पहुँच बढ़ने से बेचे जाने वाले दूध की मात्रा और इस तरह किसानों की आमदनी बढ़ेगी ।

एम्वे इंडिया ने भारत में बाल कुपोषण से निपटने के लिए शुरू किया ‘पावर ऑफ 5‘ अभियान

  • पावर ऑफ 5‘’ वैश्विक स्तर पर हर साल लगभग 23 देशों में 1 लाख से ज्यादा बच्चों को लाभान्वित कर रहा है
  • भारत में एम्वे‘ का उद्देश्य अभियान के शुरुआती वर्ष के दौरान 5 साल तक की आयु वाले 10,000 बच्चों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए माताओं को शिक्षित करना है
  • एम्वे ने बच्चों में सबसे निर्णायक प्रारंभिक 5 वर्षों के दौरान पोषण के महत्व को लेकर माताओं और देखभाल करने वालों को शिक्षित करने के लिए ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के साथ साझेदारी की है
गुरुग्राम : देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एम्वे इंडिया ने आज भारत में बच्चों के बीच कुपोषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ‘पावर ऑफ 5‘ अभियान शुरू किया। लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करने के एम्वे के विजन के अनुरूप, पावर ऑफ 5 एक समुदाय-आधारित अभियान है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों की माताओं और देखभाल करने वालों को केंद्र में रखता है। इस अभियान का उद्देश्य पूरक आहार, स्वच्छता प्रथाओं, बच्चे के विकास पर निगरानी और विविधतापूर्ण आहार सहित पोषण संबंधी ज्ञान और प्रणालियों को बेहतर बनाना है। यह अभियान संबंधित विभागों (एकीकृत बाल विकास योजना, स्वास्थ्य और स्वच्छता) के सेवा प्रदाताओं के बीच तालमेल विकसित करना चाहता है, ताकि कुपोषित और संक्रमण से पीड़ित बच्चों की पहचान की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 70 लाख बच्चों की मौत ऐसे कारणों से हो जाती है, जिनकी रोकथाम संभव है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इन मौतों में से 45 प्रतिशत के पीछे असल कारण कुपोषण है। भारत में भी, बाल कुपोषण चिंता का बड़ा विषय है, जो देश की बढ़ती आर्थिक उपलब्धियों पर सवालिया निशान लगा रहा है। विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि लगभग 80 लाख भारतीय बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण (लंबाई के अनुपात में बहुत कम वजन) से पीड़ित हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 5 साल से कम उम्र के 36 प्रतिशत बच्चे सामान्य से कम वजन वाले (अंडरवेट) हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 38 प्रतिशत कम कद वाले (स्टंटेड) हैं, 21 प्रतिशत कमजोर (वास्टेड) हैं, 7.5 प्रतिशत गंभीर रूप से कमजोर (सीवरली वास्टेड) हैं, और 58 प्रतिशत खून की कमी से पीड़ित (एनिमिक) हैं।’’
इस कार्यक्रम की शुरुआत के बारे में एम्वे इंडिया के सीईओ श्री अंशु बुधराजा ने कहा, ‘‘भारत में पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय पोषण मिशन में योगदान देने हेतु एम्वेे इंडिया पोषण और कल्याण के क्षेत्र में अपने व्यापक वैश्विक अनुभव का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपने अनुभव से हम अच्छी तरह समझते हैं कि सेहतमंद विकास और समग्र कल्याण की नींव जीवन के आरंभिक 5 वर्षों में सर्वोत्तम पोषण से ही डलती है। पावर ऑफ 5 के लॉन्च के जरिए हमारा लक्ष्य बाल्यावस्था के कुपोषण के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना और व्यापक स्तर पर माताओं और समुदायों में बेहद जरूरी व्यवहारगत बदलाव लाना है। यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर बहुत सफल रहा है और 23 से अधिक देशों में हर साल एक लाख से ज्यादा बच्चों को लाभान्वित कर रहा है। भारत में इस पहल को लॉन्च करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। हम अधिक से अधिक बच्चों और परिवारों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने की उम्मीद करते हैं।‘‘
श्री संदीप शाह, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, एम्वे इंडिया ने कहा, ‘‘बच्चें के जीवन के शुरूआती 5 वर्ष खासतौर से उसके समग्र विकास के लिये बेहद महत्व पूर्ण होते हैं और इसलिये उन्हें स्वस्था एवं पोषण से भरपूर आहार देना जरूरी होता है। भारत में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में पोषण का मौजूदा निम्न स्तर चिंता का विषय है।वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट ‘इंडियाज मैलनॉरिश्ड चिल्ड्रेन प्रतिशत कॉल फॉर रिफॉर्म एंड ऐक्शकन‘ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 80 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण से ग्रस्त हैं। 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुपोषण के कारण मृत्यु दर 20 प्रतिशत से अधिक है। बच्चों में कुपोषण के प्रमुख कारणों में, सही तरीके से मां का दूध नहीं पिलाना, अपर्याप्त आहार देना, बार-बार होने वाले संक्रमण’’ इत्यादि शामिल हैं। इस तरह के मुद्दों को उपयुक्त शिक्षा और मार्गदर्शन से ही सुलझाया जा सकता है। भारत में पावर ऑफ 5 कैम्पेन के लॉन्च के जरिये, हमारा उद्देश्य 5 साल से कम उम्र के बच्चों उनकी माताओं और समुदाय तक पहुंच स्थापित करना तथा उन्हें यह बताना है कि वे अपने पास मौजूद संसाधनों का किस तरह से सर्वश्रेष्ठ रूप से इस्तेामाल कर बच्चों का पोषणयुक्त विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। बच्चों को पर्याप्त् पोषण देने के लिये मां के लिये यह समझना जरूरी है कि एक अच्छे आहार में क्या शामिल होना चाहिये। साथ ही उन्हें बच्चों के लिये अच्छी भोजन पकाने का कौशल भी होना चाहिये। पावर ऑफ 5 पहल का लक्ष्य माताओं एवं समुदाय को यहे बेहद आवश्यकक जानकारी उपलब्ध कराना है, ताकि बच्चेच स्वस्थय तरीके से विकास कर सकें।‘‘
इस अभियान का लक्ष्य समुदायों को एकजुट करके भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना और लाभार्थियों के बीच सेवाओं और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर लोगों को सशक्त बनाना है। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्यवहारगत परिवर्तन के लिए माता-पिता और समुदायों को संवेदनशील बनाएंगे, ताकि निर्धारित लक्षित लाभार्थियों को समय पर समावेशी सेवा देने के लिए तालमेल स्थापित किया जा सके। इसे अमलीजामा पहनाने वाले साथी के रूप में ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के साथ एम्वेे पहले पायलट वर्ष में पश्चिम दिल्ली के किराड़ी क्षेत्र में लगभग 10,000 बच्चों तक उनकी माताओं के माध्यम से सीधे पहुंचेगा और उन्हें लाभ पहुंचाएगा। इसके साथ ही 30,000 लोग (अभिभावक, देखभाल करने वाले और सामुदायिक सदस्य) अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।

एम्वेल के साथ साझेदारी पर बोलते हुए ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के एक्जीवक्यूडटिव डायरेक्टंर श्री सुनील मेहरा ने कहा, ‘‘इस इलाके में बहुत से वंचित बच्चे ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिन्हें उनके पोषण में मामूली बदलाव करके ही दूर किया जा सकता है। पावर ऑफ 5 अभियान इन बच्चों के जीवन पर एक चिरस्थायी प्रभाव डालेगा, क्योंकि यह उनके दैनिक आहार में बुनियादी बदलाव लाने की ख्वाहिश रखता है। हमें इस पहल के अंतिम परिणाम को लेकर वाकई में काफी उम्मीद है।‘‘

गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

जेके सीमेंट 23 दिसंबर को कानपुर में जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन के विशेष संस्करण की मेजबानी करेगा

कानपुर : देश के प्रमुख सीमेंट निर्माताओं में से एक जेके सीमेंट 23 दिसंबर को कानपुर में जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन के विशेष एडिशन की मेजबानी करेगा। जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन का सिद्धांत दो अत्यधिक महत्वपूर्ण विषयों - स्वच्छ भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के फ्लैगशिप अभियान और दिव्यांगों को समाज में समानता का स्थान दिलाने में सहयोग देने के लिए प्रारंभ किया गया है।

कानपुर का चरण राजस्थान के पाँच शहरों में जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन के तीसरे संस्करण के बाद आयोजित किया जा रहा है, जिनमें 17,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था।

जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन के कानपुर के संस्करण में स्कूल के 6000 विद्यार्थियों सहित 7,000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। रन के बाद दिव्यांगों सहित प्रतिभागी स्वच्छता अभियान संचालित करने में भी सहयोग करेंगे।

जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन की प्रेरणा भारतीय सेना द्वारा की जाने वाली निस्वार्थ सेवा की भावना से मिली है। यह विचार कारगिल युद्ध के अनुभवी, मेजर डीपी सिंह - भारत के पहले ब्लेड रनर एवं लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड्स धारक ने दिया, जिन्होंने 18 से अधिक मैराथन दौड़ पूरी की हैं।
 
जेके सीमेंट लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, यदुपति सिंघानिया ने कहा, ‘‘हमारे साथ इस सबकी शुरुआत कानपुर शहर से ही हुई। हमारा हृदय यहीं पर है। तीन सालों के बाद हमें जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन का विशेष संस्करण कानपुर शहर में आयोजित करने पर बहुत खुशी हो रही है। रन की भावना यह है कि मैराथन को टियर 1 शहरों से आगे ले जाकर छोटे शहरों तक पहुंचाया जाए और इस खास उद्देश्य के लिए लोगों की प्रतिभागिता को प्रोत्साहित किया जाए। देश के रूप में हमारे लिए जो कुछ भी श्रेष्ठ है - सेवा करने की भावना एवं समावेशन के सिद्धांत को आगे बढ़ाना, जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन उस सबको मूर्त रूप प्रदान करता है। मैं पूरे कानपुर को आमंत्रित करता हूँ कि वो 23 दिसंबर को होने वाली इस भव्य रन का हिस्सा बनें।’’

इस ईवेंट में रन की दो श्रेणियां हैं - पांच किलोमीटर और तीन किलोमीटर। पांच किलोमीटर रेस समयबद्ध है और इसमें कोई भी हिस्सा ले सकता है। इस अभियान में प्रतिभागिता बढ़ाने के लिए तीन किलोमीटर की दौड़ खासतौर से स्कूली बच्चों या छोटी दूरी दौड़ने के इच्छुकों के लिए आयोजित की गई।

जेके सीमेंट कानपुर गौरव के रोटरी क्लब के सहयोग से रन को कानपुर में लेकर आया है। कंपनी भारतीय सेना से मिले सहयोग के लिए बहुत आभारी है और इस अभियान के संचालन के लिए इसने गैरलाभकारी संगठनों जैसे ‘द चैलेंजिंग वन्स’ और ‘फ्लैग्स आॅफ आॅनर’ के साथ सहयोग किया है। जेके सीमेंट स्वच्छेबिलिटी रन पिछले तीन सालों में क्रांति का रूप ले चुका है और इसमें पंजाब, हरियाणा, गोवा, कर्नाटक एवं राजस्थान के 17 शहरों से 40,000 से अधिक लोग हिस्सा ले चुके हैं।

जेके सीमेंट संगठन केयर करता है। यह भावनाशीलता के साथ निर्मित बिज़नेस माॅडल का संचालन करता है। यह संगठन ग्राहकों, हितधारकों, कर्मचारियों तथा समाज के लिए बेहतर दुनिया के निर्माण की प्रतिबद्धता के साथ काम करता है।

मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

आर्गेनिक हार्वेस्ट सर्दियों के लिए एक ख़ास ऐन्टीबैक्टेरियल उपाय लेकर आया हैः यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑयल

नई दिल्ली : भारत की लीडिंग ऑल-ऑर्गेनिक ब्रांड फर्म ऑर्गेनिक हार्वेस्ट ने अपने एक्सटेंसिव स्किनकेयर, हेयर केयर और बॉडी केयर रेंज के बाद आर्गेनिक पर्सनल केयर इंडस्ट्री में एक नया प्रोडक्ट ’यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑइल’ पेश किया है.  
ब्रांड की फिलॉसफी ऐसे प्रोडक्ट्स की क्राफिं्टग पर अधिक जोर देना है, जो ऑर्गनिक, सेफ और लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स देने का काम करे। यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑयल ठंड के मौसम के लिए सबसे अधिक आवश्यक तेलों में से एक है जो गले में खराश, खांसी, मौसमी एलर्जी और सिरदर्द से लड़ने में मदद करता है। यह तेल इम्युनिटी को इम्प्रूव करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने की क्षमता के साथ एक एंटीबैक्टीरियल के रूप में काम करता है। यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑयल खांसी, एलर्जी को कम करने या अपने घर को शुद्ध करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय भी साबित होता है, जिसे आपके प्रियजनों को गिफ्ट के तौर पर भी दिया जा सकता है। 
यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑयल
यह चमत्कारी तेल चुने हुए नीलगिरी पेड़ प्रजातियों की पत्तियों से बना है और ठंडे तापमान में इम्यूनपावर को बढ़ावा देने के लिए एक मुख्य स्रोत के रूप में कार्य करता है। चुने हुए यूकेलिप्टस प्रजातियों की पत्तियों को भाप का इस्तेमाल करके शुद्ध नीलगिरी तेल निकाला जाता है। तेल को पुरानी फेफड़े संबंधी बीमारी (सीओपीडी), अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसिसिटिस, नार्मल सर्दी, खांसी या फ्लू जैसी बिमारियों के खिलाफ एक प्रभावी उपाए माना जाता है।
मुख्य सामग्रीः शुद्ध यूकेलिप्टस तेल
मूल्यः
यूकेलिप्टस आवश्यक तेल - 300 / -

ग्राडो ब्लेजर पहनकर भारतीय अभिनेता अमर उपाध्याय, टीवी के लोकप्रिय मिहिर ने चौकाया!

ग्राडो फैब्रिक में भारतीय अभिनेता अमर उपाध्याय, टीवी के लोकप्रिय मिहिर !

मुंबई : शहर के फैशन को नईं ऊंचाइयों पर ले जाते हुए अभिनेता अमर उपाध्याय,  टीवी सीरियल 'क्यूंकि सास भी कभी की बहू थी' के लोकप्रिय ‘मिहिर’ ने जीबीटीएल-ग्रासिम और ओसीएम के ग्राडो द्वारा शानदार ब्लेजर के साथ क्लासिक व्हाइट टी-शर्ट पहनकर अपना स्टाइल स्टेटमेंट दिया। कम्फर्ट और स्टाईल का दुर्लभ, लेकिन आवश्यक कम्बिनेशन होने के कारण, ब्लेजर ने अमर के पूरे लुक को खास बना दिया, जो आजकल चलने वाले फैब्रिक ट्रेंड्स के साथ तालमेल बनाते हुए एक नया लुक देता है।

अमर के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया ब्लेजर, ग्राडो के ट्वीड फैब्रिक से तैयार किया गया था जो नीले रंग के उपयुक्त शेड्स के कारण अमर को बिल्कुल नया और जेस्टी लुक दे रहा था। यह आधुनिक, बेहद आकर्षक और सुपर स्मार्ट ब्लेजर इस तथ्य को स्थाापित कर रहा था कि चेक्स हमेशा फैशन में बने रहेंगे।


ब्लेजर की अद्भुत फिटिंग पर जोर देते हुए भारतीय अभिनेता अमर उपाध्याय ने कहा कि ष्ग्राडो की एक अलग पहचान है, यह अद्वितीय है। इसकी फिटिंग, डिजाइन, लुक और कम्फर्ट के कारण कोई इसे पहन कर बहुत सहज महसूस कर सकता है और मुझे यकीन है कि मेरी चॉइस सही है। ब्लेजर आमतौर पर औपचारिक अवसरों पर पहने जाते हैं लेकिन ग्राडो फैब्रिक इतने वर्सेटाइल होते हैं कि उनको कहीं भी, और कभी भी पहना जा सकता है! इतना ही नहीं, ब्लेजर के साथ शर्ट पहनना भी जरूरी नहीं है, आप किसी के साथ भी, यहां तक कि एक साधारण टी-शर्ट के साथ भी, ग्राडो ब्लेजर की जोड़ी बना सकते हैं। ग्राडो के आप्शंस की विशाल रेंज से चयन करने में मुझे चार से 5 घंटे लग गये! उनके पास ऐसे फील-गुड फैब्रिक्स की विविधता है और मेरा विश्वास करें कि एक बार पहनने के बाद, आप उन फैब्रिक्स को हर समय पहनना चाहेंगे।

फूडपांडा अब पूरे भारत में 100 शहरों में उपलब्ध, देश का सबसे बड़ा फूड डिलीवरी नेटवर्क बना

  • मध्य प्रदेश में 6 शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रीवा, उज्जैन और सतना में उपस्थिति 
  • टियर 2 और 3 बाजारों का अब कंपनी के देशव्यापी कारोबार में 40 प्रतिशत से अधिक योगदान 
इंदौर : भारत की सबसे तेजी से विकसित हो रही फूड डिलीवरी कंपनी फूडपांडा ने समूचे भारत के 100 शहरों में अपने डिलीवरी नेटवर्क का विस्तार करने की घोषणा की है। इस विस्तार के साथ, फूडपांडा अब भारत के सभी प्रमुख टियर 2 और 3 शहरों तथा कस्बों में सेवायें प्रदान करती है। वर्तमान में फूडपांडा का डिलीवरी नेटवर्क मध्य प्रदेश में 6 शहरों में लाइव है और ब्रांड आगामी महीनों में विस्तार करने के लिए तत्पर है। फूडपांडा के ऑन-ग्राउंड डिलीवरी नेटवर्क के लॉन्च से ग्राहकों के लिये एक बेहतर और निरंतर फूड ऑर्डरिंग अनुभव सुनिश्चित होगा।

फूडपांडा इंडिया के सीईओ प्रणय जिवराजका ने कहा, ’’फूडपांडा को 100 शहरों में पेश कर हम बेहद खुश हैं और आने वाले महीनों में देश के प्रत्येक कोने में हमारी मौजूदगी होगी। पहुंच और आकार के नजरिये से फूडपांडा नेटवर्क, किसी भी ऑनलाइन लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म के लिये भारत में मूल कंपनी ओला के बाद दूसरे स्थान पर है और इसकी सिनर्जी यहां पर देखी जा सकती है। देश भर में ओला की व्यापक उपस्थिति से मिले गहन ज्ञान और सीख से ही इस तरह का तेज विस्तार संभव हो पाया है।’’

उन्होंने आगे बताया, ’’इन कई टियर 2 और 3 शहरों में लाखों ग्राहकों के लिए पहला ऑनलाइन फूड अनुभव पेश करते हुये हमें बेहद खुशी हो रही है। ये बाजार पहले से ही हमारे राष्ट्रीय कारोबार में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान कर रहे हैं और हमें पूरा भरोसा है कि निकट भविष्य में व्यवसाय में इसकी बहुत बड़ी हिस्सेदारी होगी। जयपुर, लखनऊ, भावनगर, राजमुंदरी, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर, उज्जैन जैसे शहर आज हमारे सबसे तेजी से विकसित हो रहे बाजार हैं और भारत के 100 शहरों में हमारे ग्राहकों को उत्कृष्ट फूड अनुभव देकर हमें बेहद खुशी हो रही है।’’

ग्राहक अपने संबंधित शहरों में खाने पीने के कई चर्चित और मशहूर स्थलों एवं आस-पास के फूड ज्वाइंट्स से आर्डर कर सकते हैं, जो अब फूडपांडा एप्पन पर लाइव है। वर्तमान में देश भर में फूडपांडा के 60,000 से अधिक रेस्टोरेंट पार्टनर्स हैं और जनवरी 2019 तक इस संख्या को दोगुना करने के लिये प्रयासरत है।

सोमवार, 17 दिसंबर 2018

एमजे पुनीत को गर्वनर राम नाइक ने किया सम्मानित

लखनऊ : संयुक्ता भाटिया द्वारा लखनऊशहर के मेयर के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा करने के मौके पर नगर निगमत्रिलोकी हॉल में उत्सव मनाया गया। इस समारोह में बिग एफएम के एमजे पुनीत और बिगएफएम की पूरी टीम को आमंत्रित किया गया था। 

इस कार्यक्रम में पहुंचे गवर्नर राम नाइक और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बिग एफएम एमजे पुनीत द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की, और शुरुआत से ही लोक मंगल एक्टिविटी का विशेष हिस्सा बने रहने के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। शहर की मेयर संयुक्ता भाटिया, लखनऊ शहर के लोगों के लिए चलाई गई पहल में आगे आईं, जहां एमजे पुनीत 6 मार्च से शुरू हुए इस लोक मंगल दिवस एक्टिविटी का एक विशेष हिस्सा बन गए।

इस पहल के अंतर्गत शहर की मेयर, महीने के हर मंगलवार को उनकी टीम के साथ शहर के एक जोन का दौरा करने के लिए गई, जहां इलाके के लोगों की विभिन्न समस्याओं का संज्ञान लिया गया। एमजे पुनीत एक हफ्ते तक संबंधित जोन के श्रोताओं को अपनी समस्याएं भेजने के लिए आमंत्रित करते रहे और मंगलवार को वह मेयर के साथ प्राप्त हुई समस्याओं को लेकर जोन में पहुंच गए। महापौर द्वारा इन सारी समस्याओं को सुना गया और इसके बाद उन समस्याओं का समाधान सुझाया गया।

आरपीएफ की केंद्रीय नियुक्ति समिति ने (ग्रुप ए से एफ तक) की ऑनलाइन परीक्षा 19 दिसम्बर 2018 से शुरू होने की घोषणा की

  • उम्मीदवारों के लिए उपस्थिति समय, प्रवेश पत्र सम्बन्धी महत्वपूर्ण निर्देश

  • उम्मीदवारों के लिए “अभ्यास जांच” का लिंक अधिकारिक वेबसाइट www.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध है

आगरा : आरपीएफ की केन्द्रीय नियुक्ति समिति (सीआरसी) ने घोषणा की है कि नियुक्ति 2018 ऑनलाइन परीक्षा (ग्रुप ए से एफ तक के लिए) बुधवार 19 दिसम्बर, 2018 से शुरू होगी। इस परीक्षा में देश भर के 73 लाख उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है।

परीक्षा 19 और 20 दिसंबर 2018 को आयोजित की जाएगी

परीक्षा समय सारिणी समयबद्ध और सचारू रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सीआरसी ने प्रवेश पत्र में उम्मीदवारों के लिए आरपीएफ ऑनलाइन परीक्षा के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्देशों का उल्लेख किया है। इस परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे विस्तार से उल्लिखित निर्देशों को पढ़ें और ‘क्या करें’ तथा ‘क्या नहीं’ को ठीक से समझें।
प्रवेश पत्र परीक्षा के 10 दिन पहले उपलब्ध कराया जायेगा। जैसे एसआई समूह (ई तथा एफ) की परीक्षा 19 दिसम्बर को होनी है तो प्रवेश पत्र अब आधिकारिक वेबसाइट www.indianrailways.gov.in   पर 9 दिसम्बर 2018 से डाउनलोड और प्रिंट किये जाने के लिए उपलब्ध है।
उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर प्रवेश पत्र के साथ “अभ्यास परीक्षा” का भी लिंक उपलब्ध कराया जायेगा जिससे वे कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) से भी परिचित हो सकेंगे।

आरपीएफ (ग्रुप ए से एफ तक) ऑनलाइन परीक्षा 2018 :

उम्मीदवार परीक्षा के दिन महत्वपूर्ण दिशानिर्देश का पालन करें

उम्मीदवार परीक्षाके दौरान अलग-अलग बैच में निम्नलिखित समय सारिणी के मुताबिक उपस्थित रहें। उन्हें सलाह दी जाती है कि प्रवेश पत्र में उल्लिखित सम्बंधित बैच के मुताबिक निम्नलिखित समय सारिणी जैसे : उम्मीदवार का उपस्थिति समय, गेट बंद होने का समय और परीक्षा शुरू होने का समय आदि सावधानी से नोट कर लें। कृपया ध्यान दें कि प्रवेश पत्र में उल्लिखित गेट बंद होने के समय के बाद उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

फोटो पहचान प्रमाण :

उम्मीदवारों के लिए प्रवेश पत्र में दिए गए निर्देश के मुताबिक सरकार द्वारा प्रमाणित किसी एक फोटो पहचान पत्र की मूल प्रति (Original Government Approved Photo ID Cards) लाना अनिवार्य होगा। कृपया ध्यान रखें कि फोटो पहचान पत्र की ज़ेरॉक्स/फोटो कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि उम्मीदवारों के पास प्रवेश पत्र हो भी और फोटो पहचान पत्र की मूलप्रति न हो तो उन्हें परीक्षा स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे उक्त निर्देशों का सख्ती से पालन करें।

अन्य महत्वपूर्ण निर्देश जिनका पालन करना अनिवार्य है :

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है उन्हें मोबाइल फ़ोन, पेजर, घड़ी, ब्लूटूथ से चलने वाले उपकरण, कैलकुलेटर, धातु के बने साजो-सामान, चूड़ियाँ, बेल्ट, कड़े या किसी अन्य तरह के रेडियो फ्रीक्वेंसी से काम करने वाले उपकरण परीक्षा केंद्र के भीतर लाने की अनुमति नहीं होगी। यदि परीक्षा कक्ष में उम्मीदवार उक्त सामग्री के साथ पकड़े जाते हैं तो उन्हें अयोग्य करार दिया जायेगा और उन्हें परीक्षा देने नहीं दिया जायेगा। परीक्षा केंद्र में उम्मीदवारों का सामन सुरक्षित रखने का कोई प्रावधान नहीं होगा।
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे बाएं अंगूठे पर मेंहदी/हिना न लगाएं क्योंकि इससे पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान बायोमेट्रिक डाटा संग्रहण में मुश्किल आ सकती है।
स्व-घोषणा वाला हिस्सा, परीक्षा शुरू होने से पहले कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखेगा। सभी उम्मीदवारों के लिए परीक्षा कक्ष में ही प्रवेशपत्र में उपलब्ध स्थान में लिखना अनिवार्य होगा।
उम्मीदवार को किसी प्रश्न का उत्तर देने के लिए विकल्प के चुनाव के बाद सेव और नेक्स्ट (Save और Next) क्लिक करना होगा। यदि उम्मीदवार सीधे दूसरे सवाल का जवाब देना चाहते हैं तो उनका उत्तर सेव नहीं हो पायेगा और इसकी जांच नहीं हो पायेगी। सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आरपीएफ की वेबसाइट पर उपलब्ध अभ्यास जांचखंड को ठीक से देख-समझ लें।
यदि उम्मीदवार को परीक्षा कक्ष में किसी भी प्रकार के कदाचार/नकल आदि/दुर्व्ययवहार/अनुशासनहीनता/दूसरे के बदले परीक्षा में उपस्थित होने का दोषी पाया जाता है तो उसे रेलवे कीसभी भावी आरपीएफ परीक्षाओं और नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा और इसमें कभी शामिल नहीं होने दिया जायेगा।

चेतावनी :

“ठगों, दलालों और रोज़गार दिलाने के नाम पर चालबाज़ी करने वालों से सावधान रहें
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है और चयन विशुद्ध रूप से मेधा के आधार पर होगा।”

सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल ने सेलिब्रिटी डिजाइनर निधि यशा को यंग अचीवर्स अवॉर्ड से किया सम्मानित

  • सेलिब्रिटी डिजाइनर निधि यशा ने अपने स्कूल में युवा डिजाइनरों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावशाली बयान दिया
  •  अपने सपनों को जुनून के साथ पूरा करने का प्रयास करें तो आप मनचाही चीज हासिल कर सकते हैं

पटना  : पटना की सेलिब्रिटी डिजाइनर निधि यशा लोकप्रिय बॉलीवुड कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित डिजाइन हाउस ‘‘द एनवाई स्टूडियो’’ की मालिक हैं, जिसका फैशन लेबल निधि यशा है। निधि को उनकी मातृ शैक्षिक संस्था‘ सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाईस्कूल में एलुमनाई एसोसिएशन ऑफ जोसेफ साइट्स (एएजे) ने ‘‘ डिस्टिग्विस्ड अचीवर’’ की उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने सेंट जोसेफ और निफ्ट पटना दोनों के छात्रों को संबोधित करने के लिए अपने गृह नगर पटना का दौरा किया था।
उनके स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह से ही मौजूद युवा उत्साही और उत्सुक छात्र उनका इंतजार कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान निधि को उनके स्कूल अधिकारी मंच पर ले गये और युवा छात्रों ने उनका तालियों से स्वागत किया। कार्यक्रम के बाद निधि ने स्कूल के अधिकारियों के साथ-साथ छात्रों के साथ मुलाकात की। छात्रों ने सेलिब्रिटी डिजाइनर से बहुत सारे प्रश्न पूछे। इसके बाद निधि ने निफ्ट पटना में एक इंटरैक्टिव सत्र का संचालन किया। यह सत्र अन्य संस्थानों के छात्रों के लिए भी खुला था।
सुश्री निधि ने दिये गये सम्मान के प्रति आभार व्यिक्त करते हुए कहा कि ’’जब आपकी मातृ शैक्षिक संस्था आपका सम्मान करती है तो यह आपके माता-पिता द्वारा आपके प्रयासों को स्वीकार करने जैसा लगता है, और यह सभी सम्मानों से बड़ा है। मैं बेहद खुश हूं कि स्कूल ने मेरे काम पर ध्यान दिया, और उम्मीद जताई की कि इससे युवा डिजाइनरों को पूरी लगन के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। तकनीकी क्षेत्रों में अपनी ताकत और नियंत्रण के लिए पहचाने जाने वाला राज्य एसजेसी और एनआईएफटी जैसे शानदार संस्थानों के कारण रचनात्मक कला और व्यापक तौर पर उपलब्ध कॅरियर का दावा भी कर सकता है, जो इन क्षेत्रों में व्यापक अवसरों को देखते हुए भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षित करता है। इन युवा प्रतिभाओं को देखना और स्कूल में वापस आना पुरानी यादों में खो जाना है और जिससे मुझे प्रोत्साहन मिल रहा है और जो मुझे सशक्त बनाता है। मेरा मानना है कि हर प्रतिभा विशेष होती है, चाहे वह राज्य के किसी भी हिस्से से आती हो, और यदि उसके पास क्षमता है, तो उनको अपने माता-पिता और स्कूल से समर्थन मिलना चाहिए। पटना स्वयं में प्रतिभाओं का केंद्र है और हमें ऐसे काम करना चाहिए जिन पर हमारे शहर और राष्ट्र को गर्व हो।’’
पटना की सेलिब्रिटी डिजाइनर निधि यशा लोकप्रिय बॉलीवुड कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित डिजाइन हाउस ‘‘द एनवाई स्टूडियो’’ की मालिक हैं, जिसका फैशन लेबल निधि यशा है। निधि को उनकी मातृ शैक्षिक संस्था‘ सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाईस्कूल में एलुमनाई एसोसिएशन ऑफ जोसेफ साइट्स (एएजे) ने ‘‘ डिस्टिग्विस्ड अचीवर’’ की उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने सेंट जोसेफ और निफ्ट पटना दोनों के छात्रों को संबोधित करने के लिए अपने गृह नगर पटना का दौरा किया था।

उनके स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह से ही मौजूद युवा उत्साही और उत्सुक छात्र उनका इंतजार कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान निधि को उनके स्कूल अधिकारी मंच पर ले गये और युवा छात्रों ने उनका तालियों से स्वागत किया। कार्यक्रम के बाद निधि ने स्कूल के अधिकारियों के साथ-साथ छात्रों के साथ मुलाकात की। छात्रों ने सेलिब्रिटी डिजाइनर से बहुत सारे प्रश्न पूछे। इसके बाद निधि ने निफ्ट पटना में एक इंटरैक्टिव सत्र का संचालन किया। यह सत्र अन्य संस्थानों के छात्रों के लिए भी खुला था।
सुश्री निधि ने दिये गये सम्मान के प्रति आभार व्यिक्त करते हुए कहा कि ’’जब आपकी मातृ शैक्षिक संस्था आपका सम्मान करती है तो यह आपके माता-पिता द्वारा आपके प्रयासों को स्वीकार करने जैसा लगता है, और यह सभी सम्मानों से बड़ा है। मैं बेहद खुश हूं कि स्कूल ने मेरे काम पर ध्यान दिया, और उम्मीद जताई की कि इससे युवा डिजाइनरों को पूरी लगन के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। तकनीकी क्षेत्रों में अपनी ताकत और नियंत्रण के लिए पहचाने जाने वाला राज्य एसजेसी और एनआईएफटी जैसे शानदार संस्थानों के कारण रचनात्मक कला और व्यापक तौर पर उपलब्ध कॅरियर का दावा भी कर सकता है, जो इन क्षेत्रों में व्यापक अवसरों को देखते हुए भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षित करता है। इन युवा प्रतिभाओं को देखना और स्कूल में वापस आना पुरानी यादों में खो जाना है और जिससे मुझे प्रोत्साहन मिल रहा है और जो मुझे सशक्त बनाता है। मेरा मानना है कि हर प्रतिभा विशेष होती है, चाहे वह राज्य के किसी भी हिस्से से आती हो, और यदि उसके पास क्षमता है, तो उनको अपने माता-पिता और स्कूल से समर्थन मिलना चाहिए। पटना स्वयं में प्रतिभाओं का केंद्र है और हमें ऐसे काम करना चाहिए जिन पर हमारे शहर और राष्ट्र को गर्व हो।’’

दिल्ली पब्लिक स्कूल ने विश्‍व स्‍तरीय खेलकूद की सुविधाओं के साथ राऊ, इंदौर में अपने दूसरे ब्रांच का उद्घाटन किया

प्रीमियर स्कूल ने एम. एस. धोनी क्रिकेट एकेडमी और एरिक बेनी फुटबॉल स्कूल और एचएमजी सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्‍सीलेंस स्‍थापित करने की घोषणा की

इंदौर : दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी, नई दिल्ली के सहयोग से जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी (जेएसडब्‍ल्‍यूएस) ने आज राऊ, इंदौर में अपना नवीनतम दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) खोलने की घोषणा की। यह शहर में दूसरा दिल्ली पब्लिक स्कूल होगा और 2019 से शुरू होने वाले अपने पहले सत्र के साथ राऊ, इंदौर में स्‍थापित होगा। इंदौर में 32 एकड़ के सुरम्य परिसर में फैले इस नये स्कूल में दो सबसे प्रतिष्ठित स्पोर्ट्स ब्रांड नामों पर, एम. एस. धोनी क्रिकेट एकेडमी और एरिक बेनी फुटबॉल स्कूल, दो केन्‍द्र भी बनने जा रहा है।

दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी, नई दिल्ली के सहयोग से जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में पहली बार दिल्ली पब्लिक स्कूल की वर्ष 2000में स्थापना थी और इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की शानदार विरासत बनाई है। सफलता हासिल करने की अपनी समृद्ध परंपरा पर गर्व करते हुए, डीपीएस ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर के खिलाड़ियों को पैदा किया किया है,  जिन्‍होंने एकलव्य पुरस्कार जैसे सम्‍मान हासिल किया है और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रशंसा प्राप्त की है।

डीपीएस इंदौर के लोगों से मिले भरोसे के साथ सशक्त बना है और डीपीएस इंदौर की उत्कृष्टता के 15वर्षों का जश्न मनाने के लिए जेएसडब्‍ल्‍यूएस ने आज विशेष खेल सुविधाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए इस विश्व स्तरीय डे बोर्डिंग स्कूल के उद्घाटन की घोषणा की।

दिल्ली पब्लिक स्कूल राऊ, इंदौर में निम्‍नलिखित अनूठी सुविधाएं शामिल होंगी: शैक्षणिक,खेल और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के बीच सर्वोत्‍तम संतुलन बनाते हुए हॉलिस्‍टिक डे बोर्डिंग को-एड स्कूल;दुनिया भर में प्रशंसित छह दशक पुराने दिल्ली पब्लिक स्कूल का शिक्षण शास्‍त्र;32-एकड़ के परिसर में 1,50,000 वर्गफुट काविशाल बुनियादी ढांचा;कक्षा प्री-नर्सरी से लेकर प्रेप तक के छात्रों के लिए खास तौर पर तैयार की गई वातानुकूलित इमारत; नो होमवर्क पॉलिसी वाला इंदौर का पहला बैगलेस स्कूल;मध्य भारत में अपनी तरह की आउटडोर और वातानुकूलित इनडोर स्पोर्ट्स सुविधाएं;मध्य भारत में पहली बार,अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप न्‍यू जेनेरेशन स्मार्ट क्लासेस; अनुभवात्मक शिक्षा के लिए संवर्धित रियलिटी और 3डी प्रिंटिंग लैब्स और पौष्टिकता से भरपूर, विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मेनू के साथ स्कूल में ही भोजन की सुविधा।

इसके अलावा, इस स्कूल में अच्छी तरह से सुसज्जित एयर कंडीशनिंग इनडोर और आउटडोर स्पोर्ट्स सुविधाएं भी होंगी, जिनमें फीफा के मानक स्‍तर का फुटबॉल ग्राउंड,टर्फ विकेट वाला क्रिकेट ग्राउंड और मध्य प्रदेश में पहली बार इनडोर क्रिकेट प्रशिक्षण सुविधाएं, रोशनी में जगमगाता सिंथेटिक टेनिस कोर्ट और बास्केटबाल कोर्ट,इंडोर शूटिंग रेंज,बैडमिंटन कोर्ट्स,ओलंपिक स्‍तर के स्विमिंग पूल शामिल हैं। ये स्‍पोर्ट्स सुविधाएं स्‍कूल के खेलकूद के प्रति बढ़ते दृष्टिकोण के अनुरूप हैं और एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करने के लिए भावनात्मक, शैक्षिक, सामाजिक, रचनात्मक और शारीरिक कौशल के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेंगी और यह सुनिश्‍चित करेंगी कि प्रत्येक बच्‍चा स्कूल और जीवन मेंआत्मविश्वास से भरपूर हो, खुशमिजाज बने और पूरी तरह से तैयार हो।

जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी के चेयरमैन और डीपीएस राऊ, इंदौर के प्रो वाइस चेयरमैनश्री हरि मोहन गुप्ता ने कहा कि "अपनी परंपरा के अनुरूप प्राथमिक, माध्‍यमिक और उच्च शिक्षा में 20 से अधिक वर्षों के भरोसे और अनुभव के साथ,दिल्ली पब्लिक स्कूल राऊ,इंदौर लंबे समय तक टिके रहने वाला स्थायी प्रभाव पैदा करेगा और न केवल मध्य प्रदेश के इंदौर, बल्कि पूरे भारत से छात्रों के लिए कार्यरत रहेगा। जो बात वास्तव में हमें अन्य विद्यालयों से अलग करती है, वह समग्र विकास के जरिये शैक्षणिक प्रगति और खेलकूदमें उत्‍कृष्‍टता हासिल करने के अनूठे संतुलन पर आधारित हमारी समझ और सोच है,जो बच्‍चों को 21वीं शताब्दी का कौशल पढ़ाने और उनको मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई है।"

इस अवसर पर श्री हरि मोहन गुप्ता ने स्पोर्ट्स एक्सीलेंस के लिए एचएमजी सेंटर लॉन्च करने की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य मध्य भारत के प्रमुख खेलकूद केन्‍द्र के रूप में स्‍थापित होना है। 10 एकड़ भूमि और इनडोर स्पोर्ट्स केन्‍द्र के 45,000 वर्ग फुट पर निर्मित यहकेंद्र एथलीट, कोच और खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं प्रदान करेगा और देश की योग्य युवा प्रतिभा की पहचान करने और उसकी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस केंद्र की सबसे प्रमुख सुविधाओं में से एक एरिक बेनी फुटबॉल स्कूल है, जिसमें डीपीएस राऊ, इंदौर के सहयोग से एक आवासीय विद्यालय कार्यक्रम संचालित होगा, जो पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी और भारतीय फुटबॉल टीम के महाप्रबंधक एरिक बेनी द्वारा परामर्श और प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करेगा। फुटबॉल स्कूल डीएफआई, जर्मनीकी तकनीकी इनपुट के साथ पूर्णकालिक जर्मन कोच, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ विशेष शिविर, और यूरोपीय क्लबों के लिए एक्सपोजर यात्रा प्रदान करेगा।

एरिक बेनी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट (ईबीएसएम) के संस्थापक और सीईओ श्री एरिक बेनी ने कहा कि "ईबीएसएम में,हमारा मिशन फुटबॉलरों की एक अध्‍ययनशील नस्‍ल का निर्माण करना है। एचएमजी सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस और डीपीएस राऊ, इंदौर के साथ किया गया सहयोग, हमें अपने छात्र-एथलीटों को समग्र विकास प्रदान करने के संयुक्त मिशन को प्राप्‍त करने के लिए निर्देशित करेगा।"

आज पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनीके साथ प्रतिष्‍ठित साझेदारी का भी शुभारंभ किया गया। मध्यप्रदेश में पहली बार एम. एस. धोनी और डीपीएस राऊ, इंदौर ने एम. एस.धोनी क्रिकेट एकेडमी स्थापित करने के लिए साझेदारी की है, जिसे डीपीएस राऊ, इंदौर में स्‍थापित किया जायेगा और इसमें एम. एस. धोनी और अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों द्वारा विशेष शिविरों और क्रिकेट टूर के जरिये परामर्श दिया जायेगा और एकेडमी में इनडोर और आउटडोर अभ्यास क्षेत्र,बॉलिंग मशीन,वीडियो विश्लेषण सुविधाएं,ऐप आधारित प्रोग्रेस ट्रैकिंग उपलब्‍ध रहेंगी।

एम. एस. धोनी ने इस अवसर के लिए भेजे गये अपने संदेश में कहा है कि "इंदौर में मध्य प्रदेश की पहली एम. एस. धोनी क्रिकेट एकेडमी की स्थापना के लिए डीपीएस राऊ, इंदौर के साथ सहयोग करने में मुझे खुशी मिली है। यह एकेडमी आपको चैंपियन बनाने के लिए आपको एक चैंपियन की तरह प्रशिक्षित करेगी"।

खेलकूद को लेकर की गई यह साझेदारी खेल के माध्यम से अगली पीढ़ी के बच्चों को शिक्षित करने और सशक्त बनाने की डीपीएस, राऊ की प्रतिबद्धताका स्‍वाभाविक विस्तार है।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए 2018 खेलकूद और मनोरंजन के नाम रहा

1.    इस वर्ष गूगल पर फीफा विश्व कप से सम्बंधित खोज ट्रेंडिंग में सबसे ऊपर रही

2.    समग्र सूची में एकमात्र फिल्म के रूप में रोबोट 2.0 ट्रेंडिंग में शीर्ष  पर रहा


नई दिल्ली : साल की विदाई करते हुए और 2019 के आगमन से उम्मीद रखते हुए, गूगल इंडिया ने आज भारत में 2018 के टॉप सर्च रुझानों को संक्षेप में प्रस्तु त करते हुए अपने खोज वर्ष के परिणामों की घोषणा की। गूगल का खोज वर्ष समाचार, खेल, राजनीति, मीडिया और मनोरंजन, और भारत के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मन में उठने वाले सभी प्रश्नों से सम्बंखधित सबसे महत्वपूर्ण क्षणों के लिए अद्वितीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है।

इस वर्ष, खेलकूद और मनोरंजन फीफा वर्ल्ड कप 2018 से सम्बंधित प्रश्नों के साथ शीर्ष रुझान वाले चार्टों पर सबसे सुपर रहा, इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)का स्थान रहा। दिलचस्प बात यह है कि फुटबॉल ने समग्र खोज सूची में क्रिकेट को भी पीछे छोड़ दिया और आईपीएल सीजन के दौरान क्रिकेट से अधिक प्रश्न फुटबॉल वर्ल्ड कप के बारे में पूछे गये।

कर्नाटक के राज्य चुनावों के दौरान, कर्नाटक चुनावों से सम्बंधित सवाल शीर्ष रुझानों के बीच बने रहे, जबकि बिग बॉस इस वर्ष मनोरंजन की श्रेणी में शीर्ष विकल्प बन कर उभरा और रजनीकांतध्अक्षय के ब्लॉकबस्टर रोबोट 2.0 से संबंधित प्रश्नों को पीछे छोड़ गया। सूची में बच्चों के मनोरंजन कार्यक्रम बालवीर और मोटूपतलू से सम्बंधित खोज ने भी जगह बनायी है।

सिनेमा की श्रेणी में, बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर्स ने खोज सूची में हॉलीवुड को मात दे दिया। रोबोट 2.0 शीर्ष स्थान पर रहा, इसके बाद एक्शन थ्रिलर और बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर बागी 2 और रेस 3 रहे। सूची में मार्वल स्टूडियो की तीन हॉलीवुड प्रविष्टियां शामिल हुईं: एवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर, ब्लैक पैंथर, और डेडपूल 2।


खोज सूची में शामिल रहने वाले बॉलीवुड के गानों में नेहा कक्कड़ का दिलबर दिलबर, अरिजीत सिंह के तेरा फितूर और आतिफ असलम का देखते देखते शामिल रहे। दिलचस्प बात यह है कि अकेला अंग्रेजी गाना हमेशा लोकप्रिय रहने वाला लोकप्रिय लातिनी गीत डेस्पेसीटो था, जो पिछले साल की खोज सूची में भी शामिल रहा था!

इस वर्ष महत्वपूर्ण बने रहने वाले सबसे अधिक खोजे गये व्यक्तित्वों में प्रिया प्रकाश वैरियर अपने आंख मारने के कारण सूची में शीर्ष स्थान पर रहीं, जिसके बाद प्रियंका चोपड़ा के पति, निक जोनास रहे। प्रियंका चोपड़ा चैथे स्थान पर रहीं, जबकि सपना चैधरी शीर्ष तीन में शामिल रहीं। अमेरिकी अभिनेत्री मेघन मार्कल के ससेक्सा की रानी बनने के कारण शाही शादियों में रूचि बढ़ी, और मेघन मार्कल सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले व्यक्तित्वों की सूची में शामिल रहीं।

सामान्य समाचारों से लेकर समाचार से सम्बंधित घटनाओं तक, इस वर्ष विषयों की विस्तृत श्रृंखला के बारे में की गई खोज ने उपयोगकर्ताओं के युग चेतना को दर्शाया। इस वर्ष सेलिब्रिटी शादियां काफी चर्चा में रहीं, क्योंकि प्रशंसकों ने अपने पसंदीदा शख्सीयतों के विवाहों से सम्बंधित नवीनतम चर्चा के बारे में जानकारी के लिए वेब को खंगाल डाला, जिनमें तीन विवाह - प्रियंका चोपड़ाध्निक जोनास, दीपिका पादुकोणध्रणवीर सिंह और सोनम कपूरध्आनंद आहूजा प्रमुख रूप से शामिल थे। ध्यान आकर्षित करने वाले अन्य घटनाओं में दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति, स्टैच्यू  ऑफ यूनिटी से सम्बंधित प्रश्न शामिल थे, जिसका इस वर्ष के शुरुआत में ही गुजरात में अनावरण किया गया था। खोज सूची में नये विषय - धारा 377, यूनियन बजट, बिटकॉइन, और निपाह वायरस सभी शामिल रहे।

खोज में सबसे दिलचस्प शब्द हाउ टू .., और व्हाट्स इज ... के आसपास केंद्रित थे, जिसमें ह्वाट इज द किकी चैलेंज से लेकर हाउ टू सॉल्व रूबिक्स क्यूब तक के विविध प्रश्ने पूछे गये थे। श्नियर मी  ...श्वाले प्रश्नों की सूची मोबाइल स्टोर, सुपर मार्केट, गैस स्टेशन और कैश पॉइन्ट्स के आसपास घूमती रही, जिसमें जॉब्सं नियर मी की खोज भी शामिल रही।

2018की भारत-केन्द्रित सूचियों और वैश्विक रूझानों को विस्तार से देखें और 75 से अधिक देशों की पॉप संस्कृति, खेल, संगीत, राजनीति, समाचार, और अन्य ढेर सारे विषयों की हजारों वैश्विक टॉप टेन की सूचियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, वार्षिक खोज वर्ष के वीडियो को भी देखें।

महिंद्रा फर्स्ट चॉइस सर्विसेज ने अब मल्टी-ब्रांड टू-व्हीलर सर्विसिंग के क्षेत्र में प्रवेश किया

पटना : महिंद्रा फर्स्ट चॉइस सर्विसेज (एमएफसी सर्विसेज) ने मल्टी ब्रांड टू-व्हीलर सर्विसिंग बिजनेस में आने की घोषणा की। एमएफसी सर्विसेज, मल्टी ब्रांड कार सर्विसिंग में पहले से ही मार्केट लीडर के रूप से स्थापित है।
महिंद्रा फर्स्ट चॉइस सर्विसेज (एमएफसी सर्विसेज) 20.7 अरब अमरीकी डालर वाले महिंद्रा ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और 25 राज्यों के 250 से अधिक शहरों में 330 कार सर्विस वर्कशॉप के मजबूत नेटवर्क के साथ असंगठित ऑटो आफ्टरमार्केट इंडस्ट्री को संगठित करने में नेतृत्वकारी भूमिका निभायी है। एमएफसी सर्विसेज के ग्राहकों को अपने वर्कशॉप तक आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलती है जहां उन्हें गुणवत्ता सेवा,समय पर डिलिवरी और उच्च ग्राहक संतुष्टि प्रदान करने वाले कुशल टेकनीशियन्स की सेवा प्राप्त होती है। अब कंपनी का लक्ष्य टू-व्हीलर सर्विसिंग के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाना है और कंपनी की योजना लगभग सभी जिलों और तालुको (तहसीलों) में मल्टी-ब्रांड टू-व्हीलर सर्विस वर्कशॉप शुरू करने की है।
आलोक कपूर, हेड-फ्रेंचाइजी बिजनेस ऑपरेशंस, महिंद्रा फर्स्ट चॉइस सर्विसेज ने कहा कि 'वर्तमान में टू-व्हीलर्स सर्विसिंग व्यवसाय पर स्वतंत्र गैराजों का प्रभुत्व है। हम टू-व्हीलर सर्विसिंग के लिए संगठित और व्यवस्थित वातावरण बनाने में सबसे अग्रणी भूमिका निभाना चाहते हैं। अपने ग्राहकों को सस्ती सेवाएं प्रदान करते हुए, हमारा उद्देश्य सर्विस कॉस्ट, स्पेयर पार्ट्स की अनुपलब्धता के साथ-साथ पहुंच योग्य सर्विस सेन्टर जैसी चुनौतियों का समाधान करना है। वर्तमान में, हमने 16 स्थानों पर टू-व्हीलर सर्विसिंग बिजनेस लॉन्च किया है, और 2023 तक, भारत में 2,500 सर्विस सेंटर्स बनाने का हमारा लक्ष्य है।'
टू-व्हीलर सर्विसिंग बिजनेस का मॉडल फ्रेंचाइजी आधारित होगा। कर्मचारियों, तकनीकी सहायता, वर्कशॉप प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन और ग्राहक उपलब्ध कराने में सहयोग करने के लिए, सभी फ्रेंचाइजी धारकों को ब्रांड समर्थन, अतिरिक्त आपूर्ति, डिजिटल सहायता, प्रक्रिया प्रशिक्षण और तकनीकी प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जायेगी। आमतौर पर, टू-व्हीलर सर्विसिंग वर्कशॉप के लिए लगभग 800 वर्गफुट की आवश्यकता होती है, जिसमें लगभग 12-16 लाख रुपये का निवेश करना होता है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कोई समझ नहीं भी रखने वाले, लेकिन उद्यमशीलता की मानसिकता रखने वाले बिजनेस और सर्विस दोनों वर्ग के 25 से 35 वर्ष के आयु के युवा लोगों ने एमएफसी सर्विसेज टू-व्हीलर बिजनेस की अपनी उद्यमशीलता की अपनी सपनों की यात्रा शुरू कर दी है।
इस नई पहल के अतंर्गत, एमएफसी सर्विसेज मल्टी-ब्रांड टू-व्हीलर्स के लिए सेवाओं की विस्तृत सूची प्रदान करेगी, जिसमें जनरल चेकअप, ऑयल चेंज, दुर्घटना के मामले में मरम्मत, एएमसी पैकेज, इंजन जॉब्स और ब्रेकडाउन सहायता शामिल है। महिंद्रा फर्स्ट चॉइस सर्विसेज ने पहले ही टू-व्हीलर के लिए फिल्टर, हॉर्न, रिले, इंजन ऑइल और स्विच जैसे प्राइवेट लेबल पार्ट्स लॉन्च कर दिया है। ये कई बड़े टू-व्हीलर ब्रांड्स के लिए उपयुक्त हैं।
अपने सभी फार्मेट्स में,एमएफसी सर्विसेज न केवल बाजार में भौतिक उपस्थिति के साथ, बल्कि अपनी डिजिटल संपत्तियों के माध्यम से भी प्रभुत्व बनाये हुए है। ऑटो आफ्टरमार्केट इंडस्ट्री को डिजिटाइज करने के उद्देश्य से, कंपनी ने एक नया फ्लैगशिप प्रॉडक्ट, डियरओ, लॉन्च किया है, जो सबसे सरल और स्मार्ट वर्कशॉप मैनेजमेंट सिस्टम है। यह वर्कशॉप के अपने रोजाना के संचालन का सबसे प्रभावी और कुशल तरीके से प्रबंधन करने में सहायक है। डियरओ समझदारी से ग्राहकों के इतिहास का रखरखाव करता है, और सेवा शेड्यूलर और पार्ट-फाइंडर उपलब्ध कराता है। अगले 3-6 महीनों में, एमएफसी सर्विसेज, वर्कशॉप और स्पेयर हब के अपने नेटवर्क के डिजिटल पार्ट्स प्रबंधन को डिजिटल रूप से स्वचालित कर देगा।
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