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शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

टैफे ने भारत में कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर के निर्माण के लिए जापान की इसेकि के साथ अनुबंध किया

चेन्नई : उत्पादन संख्या के आधार पर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी ट्रैक्टर्सएंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (टैफे) और इसेकि एंड कंपनी लिमिटेड ने भारत में कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर के निर्माण के लिए एक अनुबंध किया है। इसेकि एंड कंपनी लिमिटेड कृषि मशीनरी बनाने वाली जापान की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है, जो ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, रोपण और कटाई मशीनरी, और इंजनों का निर्माण करती है।
इस समझौते के अंतर्गत, इसेकि भारतीय बाजार के लिए इन उत्पादों के निर्माण हेतु टैफे को प्रॉडक्ट टेक्नोलॉजी प्रदान करेगा। इसके अलावा, समझौते के दायरे में टैफे के माध्यम से कम्पोनेंटध्असेंबली की सोर्सिंग सम्मिलितहै, जो टैफे द्वारा दिये जाने वाली संख्या पर लाभ देगी। टैफे भारत में 35-54 एचपी रेंज में इसेकि के प्रीमियम लाइट यूटिलिटी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर उपलब्ध करायेगा। उन्नत सुविधाओं वाले इन मल्टी-यूटिलिटी लाइट वेट ट्रैक्टरों का उपयोग पडलिंग ऑपरेशंस, बगीचे, बागानों और पौधारोपण के लिए जमीन की तैयारी, खेत जोतने, इंटर-कल्टिवेशन और स्प्रे करने से सम्बंधित अनुप्रयोगों, आदि के लिए किया जा सकता है। यह ट्रैक्टर टैफे के मदुरै स्थित प्लांट में बनाये जाएंगे, जिनकी 2020 तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
मल्लिका श्रीनिवासन, चेयरमैन और सी.ई.ओ.दृ टैफे ने कहा कि 'यह समझौता भारतीय ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय प्रॉडक्ट रेंज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वैश्विक स्तर पर लाइट यूटिलिटी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर सेगमेंट में इसेकि के समृद्ध अनुभव, और भारतीय बाजार में अपनी मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और मजबूत सप्लाई चेन रखने वाले टैफे की ताकत को साथ लायेगा, जो अद्वितीय मूल्य आधारित सम्रझ के माध्यम से नये, उभरते हुए अनुप्रयोगों के दौर में उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।'
इसेकि एंड कंपनी लिमिटेड की स्थापना 1926 में मत्सुयामा, इहाइम में एक व्यापारिक सोच के साथ की गई थी कि इसके प्रॉडक्ट उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करेंगे और जापान और दुनिया भर में कृषि विकास में योगदान देंगे। इसेकि के उत्पादों की जापान, दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बाजार में मजबूत उपस्थिति है, और वे अपनी गुणवत्ता और टेक्नोलॉजी के लिए प्रसिद्ध हैं। इसेकि।ळब्व् के लिए भी ट्रैक्टर बनाती है, जिसके साथ टैफे का 50 वर्ष पुराना साहचर्य है, जो ट्रैक्टर उद्योग में सबसे लंबी साझेदारी है।
इस समझौते पर हस्ताक्षर करने पर इसेकि के चेयरमैन श्री किकुची ने कहा कि ष्हम दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर बाजार, भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में टैफे के नाम से प्रसिद्ध सबसे बड़े पार्टनर के साथ प्रवेश करेंगे। हम इस समझौते से टैफे के साथ तकनीकी गठजोड़ को बढ़ावा देंगे और न केवल भारत के लिए, बल्कि लंबी अवधि में हमारी वैश्विक रणनीति के लिए भी, महत्वपूर्ण साझीदारों के रूप में एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे। हमारा मानना है कि हमारी वैश्विक रणनीति टैफे के साथ किये गये इस सहयोग पर आधारित है, और हमें उम्मीद है कि हम एकसाथ मिलकर वैश्विक रणनीति को बढ़ावा देने के लिए तीनों कंपनियों के बीच अच्छे संबंधों को विकसित कर सकते हैं।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

मध्यप्रदेश की जनता के प्रति आभार प्रकट करते हुए बीपीपी अध्यक्ष नरेश यादव ने कहा- हम सदैव आपकी सेवा में उपलब्ध

मध्यप्रदेश : प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया पूर्ण हुई, जिसमें प्रदेश की जनता ने अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर, लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को सफल बनाया। भारतीय पंचायत पार्टी प्रदेश के मतदाताओं जिन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया या जो इससे वंछित रह गए, सभी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है। हम इन विधानसभा चुनावों में जीतें या हारे, यह अधिक मायने नहीं रखता क्योंकि पार्टी का गठन सत्ता के मकसद से नहीं बल्कि जन सेवा की धारणा के साथ हुआ है। हम प्रदेश की जनता को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमारी पार्टी अगले पांच वर्षों तक जन-जन की सेवा में तत्परता से डटे रहने के लिए निश्चित रूप से प्रतिबद्ध है। प्रदेश का कोई भी जन मानस अपनी किसी भी समस्या के मद्देनजर हमारे टोल फ्री नंबर 18001001010 या पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क साध सकता है। हम अपनी पूर्ण शक्ति के साथ उनकी समस्या के निवारण के लिए निरंतर उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश की जनता ने किसान गरीब व मजदूर वर्ग के प्रति हमारी विचारधारा पर जो भरोसा जताया है, हम उसका सम्मान करते हैं और प्रदेश की जनता को यह भरोसा दिलाते हैं कि हम इसी प्रकार देश के कमजोर व पिछड़े वर्ग के हक़ की आवाज को बुलंद करने में अग्रदूत की भूमिका निभाते रहेंगे। अंत में हम सभी मतदाताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं, क़ानून एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं, मीडियाकर्मियों तथा जन संपर्क अधिकारियों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए सभी को सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं।

बुधवार, 28 नवंबर 2018

मिसेज इंडिया वर्ल्ड के लिए जोनल ऑडिशन के मानकों में संस्थापक मोहिनी शर्मा माने ने किया परिवर्तन

  • मिसेज इंडिया वर्ल्ड ने नॉर्थ जोन ऑडिशन से 30 क्वालिफायर्स का चयन किया

दिल्ली : मोहिनी शर्मा माने भारत की सबसे पुरानी सौंदर्य प्रतियोगिता, मिसेज इंडिया की नई सूत्रधार हैं। मोहिनी ने 2016 में मिसेज इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीता था। मिसेज इंडिया इंक, सौंदर्य प्रतियोगिता के प्रति पारंपरिक दृष्टिकोण में बदलाव किया है और नारीत्व और नारीवाद को समझते हुए और इसको गौरव प्रदान करते हुए इसे अधिक आधुनिक बना रहा है। मिसेज इंडिया इंक, विवाहित महिलाओं के लिए मिसेज वर्ल्ड का प्रवेश द्वार बनेगा।
मिसेज इंडिया इंक ने 18 नवंबर, रविवार को ग्रेटर नोएडा के क्राउन प्लाजा में नॉर्थ जोन ऑडिशन का आयोजन किया, जिसमें 200 से अधिक महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों के विभिन्न शहरों की महिलाओं ने भाग लिया। नॉर्थ जोन ऑडिशन के निर्णायक मंडल में बॉलीवुड की चर्चित फैशन डिजाइनर महिमा महाजन, आध्यात्मिक वक्ता और ‘क्वीन इन द मेकिंग’ की संस्थापक डॉ. शिवांगी मलेतिया और मॉडल सोनलिका सहाय शामिल थीं।
निर्णायक मंडल ने न्यायिक रीति से नॉर्थ जोन से 30 प्रतिभागियों का चयन किया। चुनी गईं क्वालिफायर प्रतिभागियों में निम्नलिखित शामिल हैं - श्वेता श्रीवास्तव, डॉ सुकेशनी अग्रवाल, डॉ शुचिल एल. कालिया, डॉ. ज्योति गर्ग, डॉ. पल्लवी वेन्गुरलेकर, डॉ. श्रेया बक्क्षी, हरप्रीत हजेला, श्वेता सागरिका मदुली, अमृता पांडा, मोना दुआ, संगा अरोड़ा, सौम्या अक्षत शाह, निहारिका टंडन, राशि जैन, प्रीती, कल्पना पारचा, प्रियंका पांडेय, अंशिका नौटियाल सती, श्वेता चैधरी, सरू शर्मा, शक्ति अत्रे, गारिमा वैद, नुपूर अरोड़ा, आस्था अग्रवाल, तेजस्मिता महापात्रा, राधिका सक्सेना, फागुन दुआ रायज़ादा, गारिमा शर्मा , प्रिन्सी सुहाग और कंचन शर्मा। इन सफल प्रतिभागियों, यानी क्वालिफायर्स में उद्यमी, डॉक्टर, नगर आयुक्त, सब इंस्पेक्टर और बैंकिंग, आईटी और ग्रूमिंग व्यवसाय से जुड़ी प्रोफेशनल महिलाएं शामिल हैं। ये क्वालिफायर महिलाओं को अब गंभीर रूपांतरण और प्रशिक्षण से गुजरना होगा, जो इन्हें सेमीफाइनल में पहुंचाएगा।
इस अवसर पर, मोहिनी ने कहा, 'मैं वेस्ट और नॉर्थ जोन ऑडिशन में प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रिया को देखकर प्रसन्न हूं। मिसेज इंडिया के आयोजन का उद्देश्न, किसी महिला की सुंदरता के बजाय उसके व्यक्तित्व से अधिक जुड़ा हुआ है। हम अपने प्रतिभागियों के बारे जो निर्णय करते हैं, वह उनके व्यक्तिव, उनके वास्तविक जीवन के अनुभवों और उन बदलावों को लेकर होता है जो वे अपने परिवार और समाज में लाती हैं। हम अपने सफल प्रतिभागियों को बिल्कुल नई और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि वे अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान को सामने ला सकें। हालांकि, मुझे ऐसा अवसर नहीं मिल पाया, लेकिन मैं भारत को श्रीमती अदिति गोवित्रीकर जैसी एक और मिसेज वर्ल्ड विजेता देने की अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं।'
वेस्ट और नॉर्थ जोन के ऑडिशन की सफल प्रतिभागियों की साज-सज्जा अनुभवी सैलून और कॉस्मेटिक ब्रांड पीज ने की है। मिसेज इंडिया इंक, क्राउंड-फंडिंग करने वाले प्लेंटफॉर्म, केट्टो द्वारा समर्थित है। केट्टो के सह-संस्थापकों में से एक, अभिनेता कुणाल कपूर ने कहा कि 'मुझे खुशी है कि मैं मिसेज इंडिया वर्ल्ड जैसे प्लेथटफॉर्म से जुड़ा हुआ हूं, जो विवाहित भारतीय महिलाओं को सफल और सशक्त बनाने का समर्थन करता है। मैं चाहता हूं कि सभी विवाहित भारतीय महिलाएं इस प्रतियोगिता में भाग लें और अपनी प्रतिभा दिखायें।
साउथ जोन के लिए ऑडिशन 1 दिसंबर 2014 को बेंगलुरु के इंदिरानगर क्लब में आयोजित किया जायेगा, और उसके बाद ईस्टि जोन का ऑडिशन होगा। आइए, इस प्रतियोगिता में भाग लेने और अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए नई राहों पर चलने के लिए तैयार हमारे समाज की अग्रणी भारतीय विवाहित महिलाओं को प्रोत्साहित करें।
रजिस्ट्रेशन करने के लिए, http://www-mrsindiainc-com/participation-php पर लॉग ऑन करें।
अधिक जानकारी के लिए, हमारी आधिकारिक वेबसाइट Mrs India Inc पर लॉग ऑन करें।
Instagram, Twitter, Facebook @MrsIndiaWorld पर हमें फॉलो करें।

विमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (इंडिया चैप्टर) ने वाराणासी में मनाया ’गर्ल्स इन एविएशन डे‘

विमानन के क्षेत्र में युवतियों के लिए कॅरियर की संभावनाओं के बारे में जागरूक बनाने की पहल

वाराणासी : विमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (इंडिया चैप्टर) ने एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया के साथ मिलकर आज उत्तर प्रदेश के वाराणासी हवाई अड्डे पर गल्र्स इन एविएशन डे का जश्न मनाया। यह पहल, युवतियों को स्टैम (STEM) विषयों की पढ़ाई का विकल्प चुनने और संबंधित उद्योगों में उपलब्ध कॅरियर के अवसरों का लाभ उठाने के मकसद से की गई है। इसके जरिए एविएशन और एयरो स्पेस जैसे क्षेत्रों में अवसरों को प्रदर्शित किया गया। यह भारत सरकार की ’स्किल इंडिया‘ पहल के लक्ष्यों के भी अनुरूप है।

इस कार्यक्रम के तहत्, विमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (इंडिया चैप्टर) ने विभिन्न स्कूलों के 50 छात्रों को आमंत्रित किया और उन्हें वाराणासी हवाई अड्डे का दौरा कराया। इन छात्रों को एविएशन तथा एयरोस्पेस के विभिन्न पक्षों जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, एयरलाइन डिस्पैच, पायलट, एविएशन में टीनेंस टैक्नीशियन, एयरोनाॅटिकल इंजीनियर या एविएशन मैनेजमेंट को करीब से देखने, जानने और इनके बारे में गहराई से पड़ताल करने का अवसर मिला। साथ ही, छात्राओं को एटीसी टावर, एयरसाइड, टर्मिनल बिल्डिंग तथा एओसीसी का दौरा भी कराया गया तथा संबंधित विभागों में कार्यरत अधिकारियों ने उनके सवालों के जवाब दिए।

इस मौके पर, श्रीमती राधा भाटिया, प्रेसीडेंट, विमेन इन एविएशन इंटरनेशनल, इंडिया चैप्टर ने कहा, ’’विमेन इन एविएशन, इंडिया चैप्टर ने तीसरे वर्ष ’गल्र्स इन एविएशन‘ दिवस का आयोजन किया है और हम वाराणासी में इस कार्यक्रम को मनाते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं। यह दिवस युवतियों को एविएशन को कॅरियर के तौर पर चुनने के लिए प्रेरित करेगा। दुनियाभर में भारत में ही सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं लेकिन इसके अलावा भी कई क्षेत्र हैं जिनमें काम करने की संभावनाएं हैं लेकिन उनकी जानकारी ज्यादा नहीं है। हम इस दिवस के आयोजन के साथ उत्तरप्रदेश की युवतियों को इंजीनियर, ट्रैफिक कंट्रोलर समेत विमान क्षेत्र से जुड़े अन्य कई अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।‘‘

श्रीमती भाटिया ने कहा, ’’हम युवतियों को प्रेरित करने के इरादे से उनके लिए रोल माॅडल पेश करते रहेंगे और साथ ही रोचक तथा सहयोगी वातावरण में उन्हें शिक्षित करना भी जारी रखेंगे। हम अपनी पहल के लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया के साथ भागीदारी कर बेहद गौरवान्वित हैं। युवाओं कोस्टेम (STEM) कॅरियर चुनने के लिए प्रेरित करने की दिशा में उनके प्रयास वाकई सराहनीय हैं।‘‘

इस पहलकदमी के लिए लॉकहीड मार्टिन की प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए, लॉकहीड मार्टिन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव श्री फिल शॉ ने कहा कि 'विमेन इन एविएशन (इंडिया चैप्टर) के साथ साझेदारी में गर्ल्स इन एविएशन डे का यह संस्करण, इस वर्ष होने वाला पांचवां इवेंट है जो युवा महिलाओं को कैरियर की संभावनाओं के संपर्क में आने का अवसर प्रदान करता है, जिससे वे चाहे विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) के जिस क्षेत्र में जाना चाहती हों, एक दिन हासिल कर सकती हैं। लॉकहीड मार्टिन प्रसन्नता जाहिर करता है कि वह एविएशन डे इनिशिएटिव में लड़कियों का समर्थन करता है और इसकी सशक्त प्रगति की कामना करता है। हम भारत में अगली पीढ़ी के इंजीनियरों, खोजकर्ताओं और वैज्ञानिकों को विकसित करने में मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं।'

हवाई अड्डे का दौरा कराने के बाद इन छात्राओं को उद्योग के बारे में एक प्रस्तुति भी दिखायी गई ।
इसके अलावा, वीमेन इन एविएशन इंटरनेशनल इंडिया चैप्टर की प्रतिनिधि, श्रीमती नूपुर आर. चबलानी, सचिव- वीमेन इन एविएशन इंटरनेशनल ने आशु-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की, जिसमें विद्यार्थियों ने प्रसन्नतापूर्वक भाग लिया और प्रतीक स्वरूप छोटे-छोटे पुरस्कार प्राप्त किया। विद्यार्थियों को श्री अनिल कुमार राय, एयरपोर्ट डायरेक्टर, वाराणसी एयरपोर्ट से बातचीत करने का मौका भी मिला। 

मंगलवार, 27 नवंबर 2018

समस्याओं के निवारण के लिए किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाए जाने की जरूरत

इंदौर : देश के कई राज्यों में सियासी माहौल अपने चरम है, इन राज्यों में कृषि संसाधनों से समृद्ध मध्यप्रदेश का नाम भी आता है, जिसे अपनी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए देश में अलग ही पहचान मिली हुई है। अपनी गेहूं, चना, चावल, मक्का, सरसों और अरहर जैसी फसलों में अव्वल रहने वाले मध्यप्रदेश के इंदौर शहर को सोयाबीन की मंडी के लिए भी देशभर के प्रमुख केंद्र का दर्जा प्राप्त है। लेकिन एक समृद्ध कृषि राज्य होने के बावजूद सूबे के हजारों किसान ऐसे हैं जो कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करते हुए सड़कों पर उतर कर, आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। राज्य में बने सियासी माहौल से इतर कुछ किसान हितैषी संस्थाए ऐसी भी हैं जिनका मानना है कि राज्य किसानों की मुख्य समस्याओं के निवारण के लिए उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाए जाने की जरूरत है।
 
कृषि आधारित मोबाइल एप्लीकेशन ’ग्रामोफोन’, मौजूदा समय में मध्यप्रदेश के ज्यादातर किसानों के लिए एक नए व डिजिटल पार्टनर के रूप में उभरा है। ग्रामोफोन सभी प्रकार की कृषि आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए किसानों को एकमुश्त समाधान सौंपने के साथ उन्हें डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने में अग्रदूत की भूमिका निभा रहा है। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से किसान बेहतर पैदावार के लिए समय पर सूचना, तकनीक, फसल सलाहकार और मौसम जैसे तमाम मुद्दों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामोफोन द्वारा डिजिटल रूप से कृषि समस्याओं का हल निकालना किसानों को खूब भी रास आ रहा है और शायद यही कारण हैं कि ग्रामोफोन ऐप का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश समेत देश के हजारों किसानों ने अपनी फसल पैदावार में सकारात्मक अंतर को अंजाम दिया है।
 
ग्रामोफोन ऐप के फाउंडर डायरेक्टर तौसीफ अहमद खान के अनुसार, “कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने में राज्य सरकारों का प्रमुख योगदान होता है। सरकारों की कृषि संबंधी योजनाओं में संसाधन प्रबंधन या तकनीकी विकास की झलक तो देखने को मिलती है लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कई बार भिन्न हो जाती है। जरूरी है कि राज्य सरकारें किसानों को मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम करें। जिस प्रकार केंद्र सरकार देश में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है, उसके अंतर्गत किसानों को भी डिजिटल माध्यमों के प्रति प्रेरित करना चाहिए। उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य व निश्चित इनकम जैसे अन्य पहलुओं पर ध्यान देते हुए, कुछ नए मंत्रालयों व योजनाओं के जरिए किसानों को डिजिटल बनाने के प्रयास किए जाने की जरूरत है।“
 
वह आगे बताते है कि, यदि हम देश के लाखों करोड़ों किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं तो किसानों की आधी से अधिक समस्याएं यूं ही समाप्त की जा सकती हैं। डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़ने के बाद वह कृषि विशेषज्ञों से सीधा संपर्क साध सकते हैं, फसल, कीटनाशकों व मंडी भावों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए सबसे पहले उन्हें डिजिटलीकरण के लिए शिक्षित किए जाने के साथ ऐसे संसाधनों से सम्पन्न किए जाने की जरुरत है जिनके माध्यम से वह बिना किसी झंझट अपनी कृषि संबंधी समस्याओं का हल प्राप्त कर सकें।
 
तौसीफ का मानना है कि डिजिटलीकरण किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। भारत की ज्यादा आबादी कृषि पर आधारित है। किसान अब कुछ ही सेकेंड में अपनी फसल और खेती की संपूर्ण जानकारी ले सकते हैं। ई-कॉमर्स के माध्यम से अब घर बैठे ही अपना कारोबार विकसित किया जा सकता है। इससे कम समय, कम पैसे में अच्छा मुनाफा हासिल किया जा सकता है। उनके अनुसार डिजिटलीकरण के माध्यम से कृषि क्षेत्र को भी शिखर पर पहुंचाने में सफलता हासिल हो सकती है। ग्रामोफोन ऐप किसानों को सभी प्रकार के कृषि उपकरणों को खरीदने की सुविधा देने से लेकर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बीज, फसल पोषक तत्वों, कीटनाशकों, फंगलसाइड और जड़ी-बूटियों से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। हिंदी और अंग्रेजी भाषा में काम कर रहा यह मोबाइल ऐप्लिकेशन बीमारियों, कीटों और पोषण संबंधी समस्याओं के लिए स्वचालित रूप से उत्पाद सिफारिशें देता है। इतना ही नहीं, यह ऐप किसानों को आसानी से बीज, फसल संरक्षण, फसल पोषण, श्रम, पानी आदि पर अपने खर्च का एक अतिरिक्त टैब रखने की सुविधा भी देता है।

केबीसी के फिनाले पर कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर का रेडीमेड इंटरव्यू

"अमित जी का मनोरंजन करके मुझे वाकई अच्छा लगा, जो दशकों से दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं", कपिल शर्मा अमिताभ बच्चन के बारे में कहते हैं।
प्रसिद्ध कॉमेडियन कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर उर्फ चंदू चायवाला ने कौन बनेगा करोड़पति के ग्रैंड फिनाले एपिसोड में बताया कि उन्हें अमिताभ बच्चन से मिलकर कितना अच्छा लगा, उन्होंने बिग बी के गाया भी और बहुत कुछ किया... नीचे दिया गया इंटरव्यू पढ़ें:

आम तौर पर आप लोगों से पूछते हैं कि वे आपके शो में आकर कैसा महसूस करते हैं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि केबीसी 10 के ग्रैंड फिनाले में आने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे हैं? कृपया अपना अनुभव साझा करें?
कपिल शर्मा - बहुत अच्छा लगा! मैं पहले भी केबीसी पर रहा हूं। लेकिन आपको चंदन से उनके अनुभव के बारे में पूछना चाहिए क्योंकि वह पहली बार यहां आया था।
चंदन प्रभाकर - अमित सर बहुत खुश थे। वह लंबे समय से चाहते था कि मैं वास्तव में केबीसी आऊं, ताकि वह मुझसे सवाल पूछे।
कपिल शर्मा- उन्होंने तुमसे कभी भी कोई सवाल नहीं पूछा!
(दोनों हंसते हैं) कपिल शर्मा - इसने बस श्री बच्चन से मुलाकात की, यही कारण है कि इसे इतना घमंड है। सच में तो, अमिताभ बच्चन से मिलने के बाद मैं बहुत अच्छा महसूस करता हूं! मैंने पिछले साल केबीसी के शुरुआती एपिसोड में भाग लिया था और इस बार हमने एक साथ ग्रैंड फिनाले किया। (प्रसन्नता के साथ) एक बात मैं अमितजी के बारे में साझा करना चाहता हूं, जो मुझे लगता है कि सबसे अच्छी बात है कि वह हमारे उद्योग की एक जीवित किंवदंती है, लेकिन वह हर कलाकार को बेहद सहज महसूस कराते हैं। मुझे आज भी याद है जब श्री अमिताभ बच्चन पहली बार कॉमेडी नाइट्स में आए थे, जो कि मेरे जन्मदिन पर था। शूट के पहले पांच मिनटों में उन्होंने मुझे इतना सहज बना दिया कि मुझे लगा जैसे हम एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। लेकिन आज भी जब हम उनसे मिलते हैं, ऐसा लगता है कि हम पहली बार मिले हैं।
चंदन प्रभाकर - वह अपने साथी कलाकार को अपनी ऊर्जा देते हैं ताकि कलाकार सहज महसूस कर सके। वह अपने आस-पास एक सकारात्मक आभा बनाते हैं हम वास्तव में जिसका आनंद लेते हैं।
कपिल शर्मा - हां, हमने आज वास्तव में आनंद लिया और साथ ही हम इस शो में बार-बार आना पसंद करेंगे।

Q2: आप करमवीर रवि कालरा के साथ आएंगे। आप उनके बारे में क्या कहना पसंद करेंगे?
केएस: भगवान को रवि कारला जी जैसे अधिक मनुष्यों को बनाना चाहिए। उनसे मिलने से पहले मैंने सोचा कि हर कोई अपने माता-पिता से प्यार करता है। कोई भी बच्चा अपने बूढ़े माता-पिता को धोखा दे या त्याग नहीं सकता है, लेकिन जब मैंने उन्हें सुना तो मैंने सोचा कि कोई भी बच्चा अपने माता-पिता के लिए इतना निर्दयी कैसे हो सकता है और कैसे उन्हें सड़कों पर छोड़ सकता है! उन्होंने हमें यह भी बताया कि कुछ लोग थे जो लक्जरी कारों में आए और समृद्ध परिवारों से थे, कुछ बड़े व्यवसायी भी थे लेकिन वे वृद्धाश्रम पर माता-पिता को छोड़ देते थे। और फिर रवि कालरा जी अपने गैर सरकारी संगठन में ऐसे बूढ़े लोगों की देखभाल करते हैं। मुझे उम्मीद है कि भगवान उन्हें ऐसे लोगों के लिए काम करने के लिए लंबा जीवन और ताकत दे। उनसे मिलने के बाद मुझे वास्तव में बहुत गर्व महसूस हुआ।

Q3: आप कभी कसूरी मेथी नहीं भूलेंगे, हमें बताएं कि क्यों?
केएस: (हंसते हैं) मुझे नहीं लगता कि केबीसी पर आने वाले किसी भी व्यक्ति ने पहले प्रश्न में लाइफ लाइन लेने के बारे में सोचा होगा। चार विकल्प दिए गए जिनमें से एक रेशमी अदरक था, मुझे इस तरह के मसालों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। तो हम उस सवाल पर फंस गए थे, लेकिन हमने सही विकल्प चुना पर इससे मुझे यह भी समझ में आया कि 1000 रुपये कमाना कितना मुश्किल है। (मुस्कुराते हैं)

Q4: आपको क्यों लगता है कि गोल्फ एक आलसी खेल है?
सीपी - मुझे लगता है कि यह सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक खेल है। सबसे पहले उन्होंने गेंद को मारा और गेंद को खोजने के लिए गोल्फ कोर्ट में प्रवेश किया... आप अपने कार्यालय के घंटों के बाद इसे नहीं खेल सकते क्योंकि इसके लिए समय चाहिए! यदि आप सेवानिवृत्त हो गए हैं और आपके पास बहुत खाली समय है, तो आप सफेद कपड़े पहनकर और पाठ्यक्रम में पहुंचकर अपने गोल्फ स्टिक को पकड़ सकते हैं!
केएस - जो लोग गोल्फ खेलते हैं मुझे लगता है कि ने कुछ दिन घर नहीं आते हैं, क्योंकि काफी समय तक गेंद ढूंढ़ते हैं और उन्हें गेंद नहीं मिलती है। इसके अलावा उनकी पत्नी जानती है कि वह अब सेवानिवृत्त हो गए हैं। उस समय तक पति और पत्नी के बीच मेरा साथी कहां है और क्या कर रहा है, यह काफी कम हो जाता है। तो पत्नी को लगता है कि अगर वह आते हैं तो मैं उन्हें गर्म भोजन दूंगी, लेकिन अगर नहीं आते तो वह गोल्फ खेल रहे हैं, चलो ठीक है... मैं बस मजाक कर रहा हूं

Q5: आपने अमिताभ बच्चन को गीत 'दो लफ्ज़ों की कहनी' किसी विशिष्ट कारण से समर्पित किया?
केएस: मुझे व्यक्तिगत रूप से यह गीत पसंद है। बच्चन सर और ज़ीनत अमान जी वेनिस में एक गोंडोला में बैठे हुए, इस गीत में बहुत सुंदर दिखते हैं। मैं उस स्थान पर गया और गीत के सभी दृश्यों को याद किया और यह इतालवी भाषा में भी गाया गया था। यह मेरे सबसे पसंदीदा गीतों में से एक है और अमित जी के सामने "दो लफ्जों की कहानी" गाने का मेरा सपना था और इसके लिए केबीसी को सच में धन्यवाद! उन्होंने मेरे गायन की सराहना की, जबकि वह एक अच्छे गायक हैं, मुझे उनका मनोरंजन करके वाकई अच्छा लगा, जो दशकों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। 
चंदन और मेरे साथ और अमिताभ बच्चन के साथ कौन बनेगा करोड़पति का ग्रैंड फिनाले 26 नवंबर को रात 9 देखिए, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर।
उसके बाद हम अपने शो के साथ वापस आ रहे हैं, इसलिए हमें इसके लिए भी आशीर्वाद की जरूरत है! 



शनिवार, 24 नवंबर 2018

आपका वोट न डालना, रुपये को फिर से फूटी कौड़ी में बदल देगा : अतुल मलिकराम

मध्यप्रदेश : यूं तो भारतीय मुद्रा का इतिहास अपने आप में ख़ासा पुराना है, लेकिन इसके रोचक होने के भी कई तथ्य मौजूद हैं। मुग़ल शासकों के समय शुरू हुई इसकी कहानी में वक्त के साथ कई नए पन्ने जुड़ते गए। मसलन प्राचीन भारतीय मुद्रा में सबसे पहले फूटी कौड़ी का आना हुआ, जिसका इस्तेमाल आज हम कहावतों के तौर पर किसी को ठेंगा दिखाने के लिए करते हैं। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए हमारी फूटी कौड़ी, कौड़ी में तब्दील हो गई। थोड़े दिन और बहुरे तो कौड़ी से दमड़ी, फिर दमड़ी से धेला, धेला से पाई, पाई से पैसा, पैसा से आना और फिर अंत में आना से रुपया का जन्म हुआ। अब सोचने वाले सोच रहे होंगे कि दशकों पहले बंद हो चुकी कौड़ी-दमड़ी जैसी मुद्राओं का चुनाव या मतदान से क्या लेना देना..! तो यहां इसकी जरुरत को समझने के लिए आपको अधिक दिमाग खर्च करने की जरुरत नहीं हैं, बस इतना समझ लीजिए कि अगर किसी के पास 256 दमड़ी होती थी तो वह 192 पाई के बराबर होती थी। इसी तरह 128 धेला 64 पैसे व 16 आना 1 रुपए के बराबर होता था। वहीं 3 फूटी कौड़ी 1 कौड़ी, 10 कौड़ी 1 दमड़ी, 2 दमड़ी 1 धेला व डेढ़ पाई 1 धेला, 3 पाई 1 पैसा पुराना तथा 4 पैसा 1 आना होता था। उसके बाद 1, 2, 3, 5, 10, 20, 25, 50 पैसे, 1 रुपया तथा 2, 5, 10 रुपए का सिक्का भारतीय मुद्रा में शामिल किया गया।
अतुल मलिकराम द्वारा कही गई उपरोक्त सारी कथा का सार बस इतना है कि, डॉलर के ऊंचे होते दामों के सामने घुटने टेक चुके रूपये को लेकर, छाती पीटने वाले भारतीयों को यदि 21वीं शताब्दी में भी अपने मताधिकार के महत्व का अंदाजा नहीं है, तो फिर उन्हें पेट्रोल-डीजल, महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को कोसने का भी कोई अधिकार नहीं हैं। अंग्रेजी में एक कहावत है ’हिस्ट्री रिपीट्स इटसेल्फ’ माने इतिहास खुद को दोहराता हैं। यदि भारतीय मतदाता आज भी मतदान के लिए मिली छुट्टी पर अपने वोट का इस्तेमाल करने के बजाए, बाहर पिकनिक मनाने को अधिक महत्व देता है, तो फिर भले बन्दर से मनुष्य बना इंसान दोबारा बन्दर न बन पाए लेकिन फूटी कौड़ी से बना रुपया, एक बार फिर फूटी कौड़ी में जरूर तब्दील हो जाएगा। यदि आप अपने वोट का इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो फिर उसी विचारधारा, नीतियों और योजनाओं का सामना करना पड़ेगा, जिनसे दुखी हो आप रोज सुबह भगवान का नाम लेने के बजाए अख़बार या न्यूज़ चैनल्स की ख़बरों को कोसने का काम करते हैं। लिहाजा जरूरी है कि हर आम और ख़ास इंसान मतदान के रोज अपने-अपने घरों से बाहर निकले और अपने मत का इस्तेमाल कर, खुद के लिए एक बेहतर नेतृत्वकर्ता का चुनाव करे। इसके दो मुख्य फायदे होंगे, पहला तो आपके पास किसी अन्य व्यक्ति को कोसने का मौका नहीं होगा और आप खुद को कभी कोसेंगे नहीं। दूसरा ये कि यदि आपने जाने-अनजाने अपने लिए किसी अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव कर लिया तो आपकी आधी समस्याएं ऐसे ही समाप्त हो जाएंगी, क्योंकि आधी समस्याएं तो आपने अपने लिए खुद ही खड़ी की होंगी।
यदि आपको अब भी कौड़ी-दमड़ी और चुनाव-मतदान के बीच समानता का गणित समझ नहीं आया हैं तो कोई बात नहीं, आप यहां दी गई कुछ कहावतों का मजा लीजिए और छुट्टियों की तैयारी, अभी से शुरू कर दीजिए। प्राचीन भारतीय मुद्रा ने हमारी बोलचाल की भाषा में कहावतों का रूप ले लिया है। जैसे अगर घर में किसी सदस्य को कुछ नहीं देना होता है, तब कहते हैं ‘एक फूटी कौड़ी नहीं दूंगा, धेले का काम नहीं करता, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए, पाई-पाई का हिसाब लूंगा, सोलह आने सच’ आदि आदि...

मध्यप्रदेश : अपने डिजिटल सर्वे से सियासी मूड बयां कर रहा ट्रूपल डॉट कॉम

भोपाल : छत्तीसगढ़ के बाद सियासी गतिविधियों की समीक्षा करने वाला देश का पहला डिजिटल प्लेटफार्म ट्रूपल डॉट कॉम, मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर राज्य के पहले महा सर्वे को अंजाम दे रहा है। ट्रूपल डॉट कॉम के डिजिटल सर्वे में राज्य के लाखों मतदाता बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। संस्था अपने सर्वे के माध्यम से विधानसभा चुनावों के नज़रिये से बने प्रदेश के गर्म राजनैतिक माहौल में मतदाताओं का रुझान जानने का प्रयास कर रही है। सूबे में किस राजनीतिक दल को मतदाताओं का साथ मिलेगा और किसे जनता द्वारा नकार दिया जाएगा, इसका खुलासा तो 11 दिसंबर को होगा लेकिन ट्रूपल डॉट कॉम के सर्वे में शामिल हुए 10 लाख से अधिक मतदाताओं ने इस बात का संकेत जरूर दे दिया है कि एमपी विधानसभा चुनाव 2018 में शीर्ष राजनीतिक पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है।
संस्था आगामी 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की हर विधानसभा के लिए एक डिजिटल ओपिनियन पोल का आयोजन कर रही है। जिसके जरिए राज्य के 51 जिलों की 230 विधानसभा सीटों से आने वाले मतदाताओं से चुनाव, सियासत और सरकार से जुड़े प्रश्न किए जा रहे हैं। ट्रूपल डॉट कॉम, संभाग के अनुसार सूबे के मतदाताओं से जुड़ते हुए चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों, मालवा-निमाड़ की 71 सीटों, महाकोशल की 69 सीटों, बुंदेलखंड की 26 सीटों और बघेलखंड की 30 सीटों से आने वाले लगभग 10 लाख मतदाताओं से उनकी राय में जुटा हुआ है. ट्रूपल डॉट कॉम के को-फाउंडर अतुल मलिकराम का कहना है कि, “राजनीतिक गतिविधियों का आकलन करने वाला देश का पहला डिजिटल प्लेटफार्म होने के नाते हम छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान के मतदाताओं के लिए भी अपना डिजिटल सर्वे लेकर आए हैं। जिस प्रकार प्रदेश की जनता ने आगे आकर हमारे सर्वे में किये गए सवालों के प्रति अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, वह हमें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इन विधानसभा चुनावों के बाद हमारा लक्ष्य लोकसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए हर राजनीतिक पहलुओं का गंभीरता से विश्लेषण करना है।“
पांच राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम का चुनावी जायज़ा लेने में जुटा ट्रूपल डॉट कॉम मध्यप्रदेश में अपना अगला सर्वे 26 नवंबर 2018 को करेगा। मतदान से दो दिन पूर्व होने वाले इस सर्वे में राज्य की चुनावी स्थिति और अधिक साफ़ हो जाएगी। विधानसभा चुनावों के बाद ट्रूपल डॉट कॉम की नजर लोकसभा चुनावों पर बनी हुई है। मौजूदा विधानसभा चुनावों के नतीजे काफी हद तक अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की सियासी झलक पेश करेंगे। लिहाजा ट्रूपल डॉट कॉम इन विधानसभा चुनावों से लेकर आगामी लोकसभा चुनावों तक लगातार देशभर के विभिन्न राज्यों का दौरा कर मतदाताओं की राय इकठ्ठा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रूपल डॉट कॉम के माध्यम से आप हर राजनीतिक खबर व राजनेताओं के काम की विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं।

गुरुवार, 22 नवंबर 2018

मनीष पॉल ने अपनी शार्ट फिल्म ब्लैक ब्रीफ़केस के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार मिलने का दोहरा जश्न मनाया

मुम्बई : हम सभी होस्ट मनीष पॉल को जानते हैं, लेकिन हाल ही में इस हैंडसम हंक अपनी डार्क और मनोरंजक फिल्म के साथ दर्शकों के बीच एंट्री मारी थी, जिसके बाद अब हम मनीष पॉल को एक शानदार अभिनेता के रूप में भी जानने लगे हैं। हालांकि मनीष ने कुछ साल पहले मिकी वायरस के साथ एक अभिनेता के रूप में अपना डेब्यू किया था, लेकिन उनकी शार्ट फिल्म ब्लैक ब्रीफ़केस ने ऑडियंस को एक नए अनुभव से वाकिफ कराया है क्योंकि हमने पहले कभी मनीष को इतने डार्क रोल में नहीं देखा था।
दुविधा में फंसे एक आदमी की एक कहानी ब्लैक ब्रीफ़केस ने मनीष को अपने बी-टाउन से आने वाले सभी फ्रेंड्स से प्रशंसा और सराहना दिलवाई है। जहां हमने उन्हें एक होस्ट के रूप में अपने विचित्र और खुश कर देने वाले कमेंट्स के साथ देखा है, वहां उनकों उनके व्यक्तिगत रूप से विपरीत भूमिका में देखना दर्शकों के लिए बिलकुल नया अनुभव था।
इस फिल्म को हाल ही में राजधानी में आयोजित हुए हिंदी सिनेमा सम्मन समरोह 2018 में दो पुरस्कार मिले थे। जहां मनीष को फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला, वहीं पूरी टीम को उनके अथक प्रयास के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार मिला। सिनेमाडाइक्ट्स 9 द्वारा प्रस्तुत की गई यह शार्ट फिल्म अब हमारे प्रिय होस्ट के लिए एक डबल सेलिब्रेशन की तरह हो गई है।
मनीष कहते हैं, “मैं हिंदी सिनेमा सम्मान समरोह द्वारा सम्मानित किए जाने पर गर्व महसूस कर रहा हूं। तब बहुत सुखद अहसास होता है जब आपकी कड़ी मेहनत को स्वीकृति के साथ सराहना मिलती है। यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है और हम सभी ने दर्शकों तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। इस प्रकार की स्वीकृति हमें अत्यधिक मेहनत करने और हमारे दर्शकों को और अधिक एंटरटेन करने के लिए प्रेरित करती हैं।“
मनीष वर्तमान में इंडियन आइडल के 10वें सीजन को होस्ट कर रहे हैं और उन्हें सभी से प्यार और प्रशंसा मिल रही है। उन्हें शो के दौरान महान सिंगर उषा उथुप द्वारा प्यार के प्रतीक के रूप में एक शॉल भी दिया गया था।

प्रतिभा सिंटेक्स को मिले 'डेयर टू ड्रीम' और 'इनोवेशन अवार्ड' समेत तीन पुरस्कार


मध्यप्रदेश : इंदौर स्थित टेक्सटाइल क्षेत्र की अग्रणी कंपनी प्रतिभा सिंटेक्स को हाल ही में राजधानी भोपाल में हुए एक इवेंट के दौरान फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ द्वारा प्रस्तुत किए गए टेक्सटाइल क्षेत्र की इमर्जिंग कंपनी ऑफ द ईयर के लिए डेयर टू ड्रीम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इस समारोह का संचालन एसएपी के सहयोग से किया गया था। एसएपी ने फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफएमपीसीआई) के साथ मिलकर एमपी क्षेत्र्ा से आने वाली विभिन्न कंपनियों और व्यापारियों, जिन्होंने व्यापार के कई पहलुओं को पार करते हुए अपनी सोच और सपने को साकार करने का काम किया है, को नई पहचान दिलाने के मकसद से डेयर टू ड्रीम अवॉर्ड का शुभारम्भ किया है। प्रतिभा सिंटेक्स के लिए इमर्जिंग कंपनी ऑफ द ईयर का अवार्ड कंपनी के एमआईएस एंड आईटी जनरल मैनेजर श्री सतीश सचदेवा ने प्राप्त किया। इसके अलावा एक अन्य समारोह के अंतर्गत प्रतिभा सिंटेक्स को प्रख्यात ब्रांड एन टेलर द्वारा अपने कपड़ों की सर्वोच्च गुणवत्ता व नवीनता के लिए इनोवेशन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। इनोवेशन अवार्ड कंपनी के सीईओ अश्वनी पल्लाह और मार्केटिंग बिजनेस डेवलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी के वाइस प्रेसिडेंट समीर भांड ने प्राप्त किया। 
इसके अतिरिक्त संस्था को सामाजिक कल्याण के प्रति किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी पुरस्कृत किया गया। प्रतिभा सिंटेक्स को अपने सर्व शिक्षा अभियान के तहत, धार कलेक्टर द्वारा सागर के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर और ब्लैकबोर्ड दान करने जैसी सराहनीय पहल के लिए भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार संजय जैन, सीनियर मैनेजर एचआर प्रतिभा सिंटेक्स द्वारा प्राप्त किया गया। उल्लेखनीय है कि संस्था विगत दो वर्षों से सरकारी स्कूल के मेधावी छात्र-छात्राओं को 1000 रुपये की सहायक धनराशि से पुरस्कृत करने का काम भी कर रही है।
कंपनी को मिले पुरस्कारों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए प्रतिभा सिंटेक्स के डायरेक्टर श्री श्रेयष्कर चैधरी ने कहा कि, "हम अपने इनोवेशन और इमर्जिंग कंपनी ऑफ द ईयर अवार्ड्स एवम सर्व शिक्षा अभियान द्वारा दिये सम्मान से बेहद खुश हैं। अपने कस्टमर्स को इनोवेटिव फेब्रिक्स उपलब्ध कराने के लिए हम लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमारे मार्गदर्शक श्री छोगमल जी चैधरी ने जीवनपर्यन्त शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए हम अपने सीएसआर प्रोग्राम के तहत समय समय पर सरकारी स्कूलों के लिए अनेक प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करते रहते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के लिए पुरस्कृत किया जाना हमारे लिए गौरव की बात है। हाल ही में हमने सीएसआर प्रोग्राम के तहत मेरे सपनों का भारत पहल की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत हम महिला सशक्तिकरण व शिक्षा की दिशा में काम कर रहे है।"  

संस्था ने हाल ही में अपने श्स्वछता ही सेवा अभियानश् के अंतर्गत सागौर के एक सरकारी स्कूल की लड़कियों के लिए युवावस्था से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक स्पेशल सेशन का आयोजन किया था। इस सेशन के दौरान कक्षा सात से लेकर कक्षा बाहरवीं तक की लगभग 650 बालिकाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान लड़कियों के बीच छह सैनिटरी नैपकिन का पैक भी दिया गया था।

होम्योपैथी डॉक्टर्स ने चिकित्सा के सुरक्षित तरीकों को अपनाया

नई पैकेजिंग टेक्नोलॉजी और आधुनिक डिस्पेंसिंग प्रथाओं के कारण रोगियों को होम्योपैथिक दवाएं प्राप्त करने के की प्रक्रिया में आए कई सकारात्मक बदलाव
भोपाल : शहर के होम्योपैथी डॉक्टरों और प्रैक्टिशनरों ने दवाओं के पारंपरिक स्वरूप को मानकीकृत और लोकप्रिय बनाने के प्रयास में होम्योपैथिक दवा देने की सुरक्षित प्रक्रियाओं को लागू करना शुरू कर दिया है। बाजार में एलोपैथिक दवाओं और, यहां तक कि स्टेरॉइड्स के साथ, वह भी कभी-कभी बड़ी खुराक में, होम्योपैथी की खुली दवाओं की बिक्री की खबरे आने के बाद इस नई पद्धति को अपनाया गया है।

नई शुरुआत करते हुए डॉक्टरों ने मरीजों को प्री-मेडिकेटेड होम्योपैथिक दवाइयां लिखना भी शुरू कर दिया है, जिससे पारंपरिक दवाओं की तुलना में उनको ज्यादा गुणवत्ता वाली, सुरक्षित और स्वच्छ दवाएं मिल रही हैं। ये प्री-मेडिकेटेड दवाएं जिन्हें बोइरॉन ट्यूब्स भी कहा जाता है, सीलबंद ट्यूब में बिकने वाली उच्चर गुणवत्ता वाली दवाएं होती हैं और इन्हें होम्योपैथी में गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है। ट्यूब्स पर इंग्रेडिएंट लेबलिंग, इंडिकेशंस, बैच संख्या, बेहतरीन डिजाइन, एक्सपायरी की तारीख और एमआरपी का उल्लेख किया जाता है, जिससे मरीजों को ज्यादा विकल्प और सहूलियत मिलती है। इसके अलावा, इन्हें हाथ से स्पर्श किए बिना हाईटेक प्लांट्स में बनाया जाता है।

डॉक्टर अब स्वदेशी पद्धति की तुलना में पैक किए गए ग्लोब्युल्स को तरजीह दे रहे हैं। पारदर्शी ग्लोब्युल्स ने अब पारंपरिक सफेद ग्लोब्युल्स की जगह लेना शुरू कर दिया है, जिन पर दवाओं की कोटिंग होती है। ये नए ग्लोब्युल्स सुनिश्चित करते हैं कि दवा समान रूप से बराबर से वितरित हो, एक-दूसरे से चिपके नहीं, न ही लिक्विड दवा की अधिकता में घुल जाये। इनकी सतह पर अल्कोहल भी नहीं होता है, जिससे ये बच्चों के लिए भी सुरक्षित हैं। ये ट्यूब्स फार्मास्युटिकल ग्रेड के प्लास्टिक से बनायी जाती हैं जो दवाओं के साथ रिएक्ट नहीं करती हैं।

आधुनिक होम्यो चिकित्सालय के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. श्याम सिंह सुंदर ने बताया कि "आधुनिक पैकेजिंग और प्रस्तुति के कारण होम्योपैथी में मानकीकृत दवाएं आ रही हैं। इसके अलावा, खुली दवाओं की जगह प्रीपैकेज्ड और लेबल वाली बोतलों का उपयोग किया जा रहा है जिससे होम्योपैथी अब एलोपैथी के बराबर पर आ रही हैं।"

इसके अलावा, डॉक्टरों ने अपने क्लिनिक्स में ब्रांडेड दवाओं की बिक्री भी बंद कर दी है। अ-कुशल कर्मचारियों को दवाएं देने के काम से अलग किया जा रहा है। डिस्पेंसर्स ग्लोब्यूल्स, पानी या मिल्क शुगर में या होम्योपैथिक डॉक्टर के पर्चे के अनुसार दवाएं देने के अलावा, अन्य मामलों में मैन्यूफैक्चुर्स की सीलबंद दवाओं की बिक्री कर रहे हैं। ओटीसी ब्रांडेड होम्योपैथिक दवाओं की बिक्री करने वाली फार्मेसी भारत सरकार के नए नियमों के अंतर्गत इन दवाओं की सुरक्षा, दक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक योग्यता वाले कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं। 

ये नए उपाय पूरे शहर के होम्योपैथी के ग्राहकों के लिए राहत की बात हैं। वर्तमान में, कई दुकानों पर खुली दवाओं की बिक्री हो रही है, जिनको नियमों के पालन की कोई चिंता नहीं होती है। उपभोक्ता भी होम्योपैथिक डॉक्टरों से ऐसी दवाएं देने की मांग कर रहे हैं, जिन पर लेबल लगा हो और दवा के इंग्रेडिएंट्स या कंटेंट का उल्लेख किया गया हो। पिछले दिनों से कई लोग फैक्ट्री में बनी सीलबंद बोतलों और प्री-सील्ड ट्यूब्स खरीदने लगे हैं, जिन्हें अधिकांश तौर पर जर्मनी और फ्रांस की बोइरॉन जैसी कंपनियों द्वारा बनाया जाता है।

डॉ. सिंह क्लिनिक की जनरल फीजिशियन डॉ. पूजा सिंह ने कहा कि  "दवाएं देने के नये तरीके दवाओं को सुरक्षित बना रहे हैं और उन्हें लंबा जीवन दे रहे हैं ताकि वे अधिक प्रभावी हो सकें और तेजी से काम कर सकें। विभिन्न फार्मेसियों में आसानी से उपलब्ध होने के कारण, ये दवाएं क्लीनिक में दवा तैयार करने में डॉक्टरों का लगने वाला  समय भी बचाती हैं और रोगियों को भी संतुष्टि प्रदान करती हैं कि उन्हें डॉक्टर द्वारा निर्धारित सटीक कंसन्ट्रेशन वाली दवा मिल रही है।"

होम्योपैथी बीमार का इलाज करती है, न कि बीमारी का, और यह ‘समः समं समयति’ के सिद्धांत पर आधारित है। यह दुनिया की दूसरी बड़ी चिकित्सा प्रणाली है और इसमें ‘व्यक्तिगत’ उपचार पर जोर दिया गया है। चाहे रोजमर्रा की बीमारियां हो या पुराने रोग, भारत में होम्योपैथी को सबसे ज्यादा पसंदीदा प्रणाली के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। होम्योपैथिक दवाएं किफायती होती हैं और कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होने के कारण इसे ऐलोपैथिक दवाओं की तुलना में ज्यादा पसंद किया जाता है।

डॉ. सुंदर ने कहा कि ष् एलोपैथी की तुलना में, होम्योपैथी कई बीमारियों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करती है। यह केवल लक्षणों को ही नहीं, बल्कि रोग को ठीक करती है। शरीर की उपचार शक्ति को उत्तेजित करके और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करके, यह शरीर को स्वयं के बलबूते संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।

भारतीय पंचायत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नरेश यादव ने व्यक्त किया छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति आभार

छत्तीसगढ़ की 72 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया पूर्ण हुई। भारतीय पंचायत पार्टी प्रदेश के सभी मतदाताओं जिन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया तथा जो इससे वंछित रह गए, सभी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है। हम इन विधानसभा चुनावों में जीतें या हारे, यह अधिक मायने नहीं रखता क्योंकि पार्टी का गठन सत्ता के मकसद से नहीं बल्कि जन सेवा की सोच के साथ हुआ है और हम अगले पांच वर्षों तक छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा में तत्परता से खड़े रहने के लिए निश्चित रूप से प्रतिबद्ध हैं।
प्रदेश का कोई भी जन मानस अपनी किसी भी समस्या के मद्देनजर हमारे टोल फ्री नंबर 18001001010 या पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क कर सकता है। हम उनकी समस्या के निवारण के लिए निरंतर उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ की जनता ने हमारी विचारधारा पर जो भरोसा जताया है, हम उसका सम्मान करते हैं और प्रदेश की जनता को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि हम इसी प्रकार किसान, मजदूर और गरीबों के हक की आवाज को बुलंद करने में अग्रदूत की भूमिका निभाते रहेंगे। अंत में हम सभी मतदाताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रशासनिक व्यवस्था व मीडियाकर्मियों व अन्य सहयोगियों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए सभी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

- लैप ने अपने भोपाल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पर किया 22 करोड़ रुपये का निवेश

लैप, जो कि वैष्विक उद्योगों के लिए केबल और कनेक्षन टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में एकीकृत समाधानों और ब्रांडेड उत्पादों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक, ने आज पीलूखेड़ी, भोपाल में अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पर 22 करोड़ रुपये का निवेष करने की घोषणा की है। इस निवेष का उद्देष्य 2020 तक 10 अरब रुपये के अपने दृष्टिकोण की दिषा में लैप के प्रयास को मजबूती देना है।
लैप का भोपाल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट वर्ष 2012 में स्थापित किया गया था और इसमें 45 करोड़ रुपयेका शुरूआती निवेष किए गए हैं जो अब बढ़कर 81 करोड़ रुपये तक हो गया है। फिलहाल यह प्लांट 60,000 वर्गफुट में फैला हुआ है जिसकी क्षमता तेजी से बढ़ते बिल्डिंग एंड पैनल बिल्डर सेक्टर को सेवाएं देने के लिए 2,16,000 किमी सिंगल कोरवायर के साथ 36,000 किमी मल्टी कोरकेबल उत्पादन करने की है। इस निवेष के साथ यह प्लांट अतिरिक्त 30,000 वर्ग फुट में फैल जाएगा। कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए रोजे नडाल इंसुलेषन लाइन और ट्यूबलर स्ट्रैंडिंग लाइन जैसी नई बेहतरीन उच्चस्तरीय मषीनें लगाई हैं।यह फैसिलिटी ओईएम, आॅटोमेषन, मषीनटूल्स, पैनल बिल्डर्स और आवासीय एवं वाणिज्यिक भवन बाजारों को सेवाएं देने में मदद करेगा। लैप इंडिया ने फूड एंड बेवरेज जैसे प्रसंस्करण उद्योगों के लिए शील्डेड मल्टी कोरकेबल्स एवं डेटा कम्युनिकेषन केबल्स के लिए बढ़ती मांग को समर्थन देने के लिए ब्रेडिंग मषीनें खरीदी हैं।
विस्तारित प्लांट का उद्घाटन श्री जाॅर्ज स्टोवोवी, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी एवं सदस्य, निदेष कमंडल, लैप होल्डिंग एजी, डाॅ. हिलमरडोएरिंग, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी एवं सदस्य, मार्ग दर्षन मंडल और श्री हुंजियाॅन पार्क, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, लैप एषिया पैसिफिक की उपस्थिति में हुआ। लैप के चैनल पार्टनर्स और ग्राहकों ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। लैप के ग्लोबल और एषिया पैसिफिक से जुड़े अधिकारियों का पिलुखेड़ी के सरपंच ने स्वागत कर कंपनी के प्रति आभार जताया।लैप ने अपनी सीएसआर गतिविधियों के तहत्, हमेषा से समुदाय के विकास का समर्थनकियाहै।
कार्यक्रम में श्रीजाॅर्ज स्टोवोवी ने कहा, ’’भोपाल प्लांट लैप की सबसे उत्पादन प्लांटहै। इस वर्ष निवेष से ÖLFLEX® ब्रांड के अंतर्गत पावर एंड कंट्रोल केबल्स में भोपाल की उत्पादन क्षमता न सिर्फ दोगुनी हो जाएगी बल्कि इससे लैप को हमारे UNITRONIC® ब्रांड के उत्पादन के साथ कम्युनिकेषन केबल्स के उभरते बाजार में विस्तार करने और तेजी से वृद्धि करते एवं बेहतर होते ग्राहकों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इस प्लांट में विस्तारित भंडारण क्षमता भी होगी और पूरे भारत में ग्राहकों को उत्पादों की डिलिवरी करने के लिए मुख्य भंडारण के तौर पर काम करेगा।
श्री मार्कजराॅल्ट, प्रबंध निदेषक, लैप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ’’हमारा भोपाल प्लांट भारत में हमारी वृद्धि में सबसे अहम् योगदान देता है।अपनी भौगोलिक परिस्थिति के कारण यह पूरे देष में उत्पादों की तेज डिलिवरी कराने में मदद करता है और हमारे ग्राहकों के खुषनुमा खरीद अनुभव में पूरी तरह योगदान देता है।’’
लैप ने 2018 में भारत में अपनी विनिर्माण उपस्थिति की 20वीं वर्षगांठ मनाई है। भारत में परिचालन शुरू करने वाली केबल एवं कनेक्षन टेक्नोलाॅजी क्षेत्र की पहली बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के नाते लैप इंडिया जर्मनी के बाहर लैप ग्रुप की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है।

फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस ने अपना फंड बिजनेस मजबूत बनाया, नया कॉम्प्रिहेन्सिव एम्पलॉयी बेनिफिट्स प्लान लॉन्च किया

मुंबई :  सबसे तेज बढ़ती जीवन बीमा कंपनियों में से एक फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस प्रा. लि. (FGILI) ने कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए कॉम्प्रिहेन्सिव एम्पलॉयी बेनिफिट्स प्लान के रूप में अपनी नई पेशकश की घोषणा की है। यह प्लान कंपनियों (नियोक्ताओं) को ग्रेचुइटी से जुड़ी अपनी वैधानिक देनदारी का प्रबंधन करने तथा विभिन्न अन्य कर्मचारी लाभ जैसे लीव एनकैशमेंट एवं सुपरएन्युएशन पेश करने के लिए एक बार में संपूर्ण समाधान प्रदान करेगा।
फ्यूचर जनराली कॉम्प्रिहेन्सिव एम्पलॉयी बेनिफिट्स प्लान में छह अलग-अलग फंड पेश किये गये हैं, जिनके पोर्टफोलियो एलोकेशन मनी मार्केट, डेट सिक्योरिटीज एवं इक्विटीज में किये गये हैं। इन फंड्स का चुनाव या आपस में बदलाव कंपनी (नियोक्ता) अथवा कर्मचारी द्वारा अपनी जोखिम क्षमता और मौजूदा बाजार स्थिति के हिसाब से किया गया जा सकता है। एक ही मूल कंपनी से जुड़े नियोक्ता अगर अपने फंड प्रबंधित करने का विकल्प चुनते हैं, तो यह फंड उन्हें प्रोत्साहन आर्थिक लाभ देता है, जिसके लिए प्रत्येक वित्त वर्ष की समाप्ति फर फंड्स में उच्च लॉयल्टी एडिशन दिये जाएंगे।
फ्यूचर जनराली कॉम्प्रिहेन्सिव एम्पलॉयी बेनिफिट्स प्लान के प्रमुख अंश
1. ग्रेचुइटी, लीव एनकैशमेंट और सुपरएन्युएशन के लिए एक बार में संपूर्ण समाधान

2. सुपरएन्युएशन के अंतर्गत उत्पादों द्वारा डिफाइन्ड बेनिफिट (निर्धारित लाभ), डिफाइन्ड कॉन्ट्रिब्यूशन (निर्धारित योगदान) और दोनों का एक कॉम्बिनेशन नियोक्ता कंपनी को लेना होगा

3. छह विविध फंड विकल्पों की पेशकश जिसमें से नियोक्ता कंपनी या कर्मचारी अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार फंड चुन सकते हैं

4. पॉलिसी रिटर्न में बढ़ोत्तरी के लिए वित्तीय वर्ष के अंत में लॉयल्टी एडिशन दिये जाएंगे। यह लॉयल्टी एडिशन, स्कीम साइज पर निर्भर करेंगे और औसत फंड वैल्यू के 0.25ः तक हो सकते हैं।

5. एक ही मूल कंपनी से संबंधित नियोक्ता जिनके पास इस उत्पाद के अंतर्गत ग्रेचुइटी, लीव एनकैशमेंट या सुपरएन्युएशन स्कीम है, उन्हें लॉयल्टी एडिशन की दर को हासिल करते वक्त क्लबिंग का लाभ मिलता है

6. एक फंड से दूसरे फंड में निवेशित रकम के सिस्टमैटिक ट्रांसफर की सुविधा, जिसका  इस्तेमाल करते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण फंड वैल्यू गिरने से सुरक्षा हासिल की जा सकती है

7. प्लान के अंतर्गत कोई भी पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्जेस नहीं

8. सुपरएन्युएशन स्कीम्स के लिए यह प्लान 100.1 प्रतिशत का (योगदान में से निकासी घटाकर) निश्चित लाभ की पेशकश करता है, जिसससे नियोक्ता कंपनीध्कर्मचारी को गारंटी मिलती है

9.  पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय प्रीमियम भुगतान की सुविधा

10.  नियोक्ता कंपनी और कर्मचारी अपनी इच्छानुसार असीमित फंड बदलाव और भुगतान राशि में फेरबदल कर सकते हैं।

इस मौके पर श्री राकेश वाधवा, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर एवं ईवीपी, स्ट्रैटजी एवं रीटेल एश्योरेंस, फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस प्रा. लि. ने कहा, “थ्ळप्स्प् में हम ग्राहकों की विशिष्ट जरूरतों के आधार पर समाधान तैयार करने में यकीन रखते हैं। हमारे कॉर्पोरेट ग्राहकों को विभिन्न रिटायरल प्रोग्राम्स संचालित करने और अपने एम्पलॉयी बेनिफिट फंड्स पर स्थाई एवं निरंतर रिटर्न हासिल करने में पेश आने वाली चुनौतियों को हम समझते हैं। हमारा नया उत्पाद इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।”

हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में सरकार द्वारा रोजगार निर्माण पर जोर दिये जाने और टैक्स-मुक्त ग्रेचुइटी सीलिंग को रु. 10 लाख से बढ़ाकर रु. 20 लाख किये जाने से एम्पलॉयी बेनिफिट्स सेगमेंट में बढ़त देखने मिलेगी।

कॉम्प्रिहेन्सिव एम्पलॉयी बेनिफिट्स प्लान के इस नए प्रोडक्ट को शामिल करते हुए हमारे ब्रांड सिद्धांत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता कायम रहती है, जिसके तहत हम अपने ग्राहकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने वाले सरल एवं अलग उत्पाद पेश करना चाहते हैं।

सोमवार, 19 नवंबर 2018

एमवे इंडिया द्वारा जन कला साहित्य मंच संस्था के साथ बाल दिवस का आयोजन


जयपुर : देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एमवे इंडिया ने पूरे भारत में 10 एनजीओ सहयोगियों के साथ मिलकर लगातार दसवें साल बाल दिवस मनाया। बाल दिवस समारोह एमवे के सीएसआर प्रोजेक्ट सनराइज का हिस्सा है , जिसके तहत एमवे भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुलभता के द्वारा अल्प सुविधा प्राप्त बच्चों की तंदुरुस्ती को बढ़ावा देता है।

इस समारोह में अनेक क्रियाकलाप किये गए जिनमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जयपुर में एमवे इंडिया ने जन कला साहित्य मंच संस्था के साथ मिलकर बच्चों को आकर्षित करने के लिए मजेदार गतिविधियाँ आयोजित की जिनमें हस्तशिल्प, विषयवस्तु आधारित चित्रांकन प्रतियोगिता, मनोरंजक खेल और पपेट शो (पुतली प्रदर्शनी) सम्मिलित थे. मनोरंजक गतिविधियों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

एमवे इंडिया के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट (नॉर्थ एवं साउथ), जी.एस.चीमा ने कहा कि, “एमवे इंडिया का सिद्धांत विविध पहलों के माध्यम से लोगों के समग्र कल्याण को बढ़ावा देना और उन्हें अधिकार संपन्न बनाना है। सनराइज प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2008 में की गयी थी। तब से इसके द्वारा पूरे भारत में अल्प सुविधा प्राप्त बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता के माध्यम से काफी समृद्धि आयी है. बाल दिवस एक ऐसा दिन है जब बच्चे मौज-मस्ती करते हुए सीख सकते हैं और हमें उनकी उत्साहपूर्ण सहभागिता देखकर खुशी हो रही है. उनके लिए इस दिन को खास बनाना हमारे लिए प्रसन्नता की बात है. हम अल्प्सुविधाप्राप्त बच्चों के कल्याण के लिए सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.”

इस अवसर पर जन कला साहित्य मंच संस्था के सचिव, कमल किशोर ने कहा कि, “हमें अपने बच्चों के लिए विगत दस वर्षों से एमवे इंडिया का लगातार सहयोग मिल रहा है. एमवे इंडिया द्वारा इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश में समारोहों के आयोजन से बाल दिवस सचमुच खास हो गया है. अपने बच्चों को इतने उत्साह के साथ गतिविधियों में भाग लेते और आनंद उठाते हुए देखकर बेहद खुशी हो रही है.”

सहभागी बच्चों के बीच पुरस्कार वितरण के साथ समारोह का समापन हुआ.

एमवे इंडिया की सीएसआर इनिशिएटिव्स के विषय में

एमवे इंडिया की सीएसआर इनिशिएटिव्स इस मान्यता पर आधारित है कि सामाजिक उत्तरदायित्व का दायरा सामाजिक लाभ के लिए खर्च या संसाधन या पुण्यध्लोक कल्याण के कार्यों से ज्यादा बड़ा है. यह सामाजिक नवोन्मेकष और परिवर्तन लाने का एक अवसर है. यह मान्यता लोगों को बेहतर जीवन जीने में एमवे की सहयोगात्मक दृष्टि में परिलक्षित होती है. कॉर्पोरेट नागरिकता के प्रति समर्पण के मामले में एमवे इंडिया लोगों तक पहुँचने और उनका जीवन उन्नत करने के लिए गंभीर एवं सघन प्रयाक करता है.

एमवे इंडिया अनेक प्रकार की पहलों के द्वारा एक व्यापक सीएसआर प्रोग्राम को सपोर्ट कर रहा है. इसमें विनिर्माण संयंत्र के आस-पास डिंडीगुल जिले के 7 गाँवों में भूजल स्तर उन्नत करने के लिए जल संभरण परियोजना शामिल हैं. एमवे डिंडीगुल जिले में 26 लक्षित गावों के लिए एक ग्राम्य स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहयोग कर रहा है जिसका उद्देश्य अल्पग सुविधा प्राप्त लोगों को उत्तम स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना है. इसके तहत लाभार्थियों का निःशुल्क सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण, चुनिन्दा पैथोलॉजिकल जांच करके दवाएं दी जातीं हैं. करीब 20 महीनों में 240 से अधिक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं जिनसे स्थानीय समुदायों के 50,000 से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचा है.
एमवे इंडिया ने डिंडीगुल जिले में ग्रामीणों को लगातार स्वास्थ्य सेवा सपोर्ट मुहैया कराने के लिए एक टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किया है. इस प्रोग्राम की बदौलत दूरी समाप्त हो गयी है और सुदूर ग्रामीण समुदायों को बेहतर चिकित्सीय सेवाएं सुलभ हुयी हैं. इस सेंटर का लक्ष्य एक साल में 7,000 से अधिक मरीजों का निःशुल्क इलाज करना है.

गत वर्ष एमवे इंडिया ने उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों में आजीविका संबंधी प्रशिक्षण और उद्यमिता कौशल प्रदान करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य एवं उद्यमिता कार्यक्रम आरम्भ किया था. इस प्रोग्राम का उद्देश्य स्त्रियों के स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना और सस्ती स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पद्धतियों के बारे में जागरूकता पैदा करना है.

एमवे इंडिया ने हाल में पश्चिम दिल्ली के चुनिन्दा स्लम क्षेत्रों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में पोषण अवस्था उन्नत करने के लिए समुदाय आधारित पोषण शिक्षण प्रोग्राम आरम्भ किया है.

प्रमुख फोकस एरिया के रूप में एमवे ने दृष्टि दुर्बलता की समस्यार को दूर करने के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं. एमवे ‘सनराइज’ नामक प्रोजेक्ट के तहत अल्पू सुविधा प्राप्त बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता में भी सहयोग करता है. फिलहाल, एमवे इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत देश भर में 15 से ज्यादा एनजीओ को सहायता प्रदान कर रहा है.

एमवे इंडिया को “दिव्यांग नियोजन प्रोत्साहन” वर्ग में ‘सीएसआर लीडरशिप समिट ऐंड अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है.

हाल में एमवे इंडिया को दृष्टि दुर्बलता वालों के कल्याण में बहुमूल्य अंशदान के लिए सीएसआर टाइम्स द्वारा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सीएसआर सम्मलेन एवं पुरस्कार समारोह 2018 में ‘दिव्यांग’ वर्ग में ‘बेस्ट कॉर्पोरेट’ अवार्ड भी दिया गया है.

शनिवार, 17 नवंबर 2018

मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया सीजन 10 : शेफ सारांश गोइलाने में बटर चिकन पकाकर धूम मचाई

राष्ट्रीय : सेलिब्रिटी शेफ और गोइला बटर चिकन के सह-संस्थापक सारांश गोइला- मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया के 10 वें सीजन में गेस्ट जज के रूप में नजर आएंगे, जहां वे प्रतिभागियों को इंडियन फूड बनाने के लिए चुनौती देते नजर आएंगे। वह पहले भारतीय शेफ होंगे जिनके पास बटर चिकन कुकिंग के लिए पूरा सेगमेंट होगा और वे शो के स्पेशल एपिसोड में अन्य सजजेस शेफ जॉर्ज कैलोम्बारिस, मैट प्रेस्टन और शेफ गैरी मे हगन के साथ नजर आएंगे। यह एपिसोड स्टार वर्ल्ड पर 23 नवंबर को रात 9 बजे प्रसारित होगा।

मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया ने न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल की है! इसकी 10वीं वर्षगांठ के विशेष सीजन में शेफ सारांश को गॉर्डन राम से और निगे ला लॉसन जैसे दिग्गजों के साथ शामिल किया जाएगा, और यह वास्तव में रोमांचक होने का वादा करता है।

शेफ सारांश गोइला मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया पर कांटे की टक्कर और वाले एलिमिनेशन चैलेंज में प्रतिभागियों को बटर चिकन रेसिपी को फिर से बनाने के लिए चुनौती देंगे, और यह युवा शेफ इस एपिसोड के देश में प्रसारण के लिए विशेष रूप से उत्साहित है।

दुनिया के सबसे बड़े कुकिंग रियलिटी शो में से एक के जज के बारे में अपने अनुभव को याद करते हुए सारांश गोइला ने कहा कि ‘‘मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा था, इसलिए मुझ पर भी काफी दबाव था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और सुनिश्चित करना पड़ा कि हमारे व्यंजन का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व किया जाए और सभी को रेसिपी का स्वाद बहुत अच्छा लगे।’’

इस बात को दोहराते हुए कि कैसे उन्होंने प्रतिभागियों के लिए बटर चिकन रेसिपी को फिर से तैयार करने का फैसला किया, सारांश ने कहा कि यह इतना आसान नहीं था। ‘‘हर कोई यह जानकर हैरान था कि कैसे टमाटर, क्रीम और मक्खन का उपयोग करके बनाई गई एक सामान्य डिश नहीं है, बल्कि मेरे वर्जन में पुरानी टेक्निक्स और मसालों के दिलचस्प मिश्रण का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे फाइनल चेलेंज के लिए रेसिपी को प्रतिभागियों के साथ साझा करने से पहले मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया किचन में चार बार इस काटेस्ट करना पड़ा।’’ उनके गोइला बटर चिकन ने पूरे देश में नॉन वेजिटेरियन फूड लवर्स को प्रभावित किया और इसका ऐसा ही प्रभाव मास्टर शेफ ऑस्ट्रेलिया के जज शेफ जॉर्ज कैलोम्बारिस पर पड़ा था, जब वे पिछले साल भारत आए थे।
 
शेफ सारांश ने 2017 में शेफ कैलोम्बारिस से मुलाकात की थी और उन्हें अपने बटर चिकन रेसिपी का स्वाद चखाया था, जिसने शेफ को खुशकर दिया और उन्होंने सारांश गोइला को ‘‘दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बटर चिकन शेफ’’ का लेबल दिया था! सारांश गोइला को मार्च 2018 में मेलबर्न फूड एंड वाइन फेस्टिवल के हिस्से के रूप् में पॉप-अप की मेजबानी के लिए आमंत्रित किया गया था।

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए शेफ सारांश ने कहा, ‘‘मैं इंडियन फूड को ग्लोबल बनाने को लेकर दृढ़ संकल्पित हूं और हमारे पास भारत में ही विविध और शानदार व्यंजन हैं। ये कहानियां और अद्वितीय अनुभव इसे वैश्विक स्तर पर ले जाने के मेरे मिशन का हिस्सा हैं!’’

देखिये भारत में इस एपिसोड का प्रसारण 23 नवंबर 2018 को रात 9 बजे होगा।

कैंसर पीड़ित फैन के साथ मनीष ने एक इमोशनल मूमेंट शेयर करते हुए उसे इंडियन आईडल के सेट पर बुलाया


मुम्बई : कुछ सेलेब्रिटीज के लिए सिर्फ उनकी उपस्थिति ही हर किसी के लिए एक सबसे बड़े उपहार का कारण बन सकती है, खासकर उन प्रशंसकों के लिए जो गंभीर मेडिकल कंडीशन से गुजर रहे हैं। अपने पसंदीदा स्टार से मिलना हमेशा ही एक भावनात्मक अनुभव होता है, बिमारी से जूझ रहे इन फैंस के लिए यह उनके जीवनभर के सबसे ख़ास पलों में से एक होता है। उनकी हंसी, आंसू और मुस्कान सब कुछ इन प्रसिद्ध लोगों की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी दिखाई पड़ता है। हमारे बहुत प्रिय होस्ट मनीष पॉल ने इंडियन आईडल के सेट पर अपने सबसे बड़े फैन के साथ एक ऐसा ही पल शेयर किया।
जहां हम मनीष को उनकी बेमिसाल कॉमिक टाइमिंग और अचूक कमबैक के लिए जानते हैं, वहां उनकी एक ऐसी मेडिकल पेशेंट फैन भी है जो इंडियन आईडल के किसी भी एपिसोड को मिस नहीं करती। असल में, वह केवल मनीष के लिए शो देखती है और पिछले दिनों अपने सबसे कूलेस्ट होस्ट से मिलने भी पहुंच गई थी। जैसी ही मनीष को इस बात की खबर लगी वह खुद को रोक नहीं पाए और उसके पसंदीदा होस्ट को मंच पर लाइव दिखाने के लिए इंडियन आईडल के सेट पर बुला लिया। इसके बाद दोनों ने कुछ समय साथ बिताया और मनीष ने उन्हें मंच पर भी बुलाया, इस पल ने पूरे सेट पर एक इमोशनल माहौल पैदा कर दिया!
एक सोर्स के मुताबिक, “सौम्या ने खुलासा किया कि वह कैंसर के लिए अपना इलाज करा रही हैं, और उनके इन मुश्किल दिनों में वो एकमात्र व्यक्ति जो उनके चेहरे पर मुस्कान लाता है वह मनीष हैं, यही कारण है कि वह यह शो देखती हैं। इसके अतिरिक्त मनीष भी उन्हें अपने साथ सेट पर लाने के लिए बेहद प्रसन्न नजर आए।“

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार किसी पार्टी ने दिया दिव्यांगों को विधानसभा पहुंचने का मौका

देश के पंचायती संगठनों से उभरी भारतीय पंचायत पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की ओर से दिव्यांग प्रत्याशियों को टिकट देने का फैसला किया है। राजस्थान समेत मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी भारतीय पंचायत पार्टी की इस अनूठी पहल ने राजस्थान विधानसभा चुनावों को और अधिक दिलचस्प बना दिया है। पार्टी ने फिलहाल 50 दिव्यांग प्रत्याशियों की एक लिस्ट तैयार की है जिनमें ज्यादातर सीटों पर महिलाओं को भी मौका दिया गया है। यह स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है जब कोई राजनीतिक पार्टी दिव्यांग जनों को चुनावी मैदान में उतारने जा रही है। बीपीपी ने अपने इस कदम के जरिये भाजपा और कांग्रेस सरीखी अन्य दिग्गज पार्टियों को इस बात का संकेत दे दिया है कि पार्टी हर वर्ग विशेष को समानता के साथ आगे लाने और एक आम नागरिक से जुड़ी जमीनी समस्याओं को प्रमुखता देने में विश्वास रखती है। बीपीपी के इस फैसले से दिव्यांगों को भी संवैधानिक सभ्यता से जुड़ने और राजनीतिक के माध्यम से देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का मौका मिलेगा।
भारतीय पंचायत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश मलिक जो खुद एक दिव्यांग हैं, उन्होंने पार्टी का नारा सांझा करते हुए कहा कि, ष्आज आजादी के इतने वर्षों बाद भी हम दिव्यांग हासिये पर क्यों हैं! यह सोचने वाली बात है इसलिए अब हम बीपीपी के माध्यम से श्दया नहीं सम्मान चाहिए, कृपा नहीं अधिकार चाहिएश् के नारे को बुलंद कर रहे हैं। बीपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश यादव ने कहा कि जब प्रशासनिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों से लेकर गायन वादन जैसे क्षेत्रों में विकलांग जन सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं तो फिर राजनीति में भी वह निश्चित रूप से सफल हो सकते हैं। हमारी पार्टी नैतिक रूप से दिव्यांग जनों के साथ बनी हुई है।
भारतीय पंचायत पार्टी के कार्यालय में आयोजित हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए नरेश यादव ने कहा कि, " देश की किसी भी पार्टी ने जिनको नेशनल पार्टी का दर्जा प्राप्त हैं, पिछले 70 वर्षों में कभी भी किसी दिव्यांग को अपने प्रत्यासी के रूप में चुनावों का हिस्सा नहीं बनाया। राजस्थान में लगभग 15 लाख से अधिक दिव्यांग भाई बहन हैं लेकिन कांग्रेस-बीजेपी जैसे दलों ने आजाद भारत के इतिहास में उन्हें कभी भी मुख्य राजनीति का हिस्सा नहीं बनने दिया। भारतीय पंचायत पार्टी ने किसान, मजदूर, भूमिहीन व दिव्यांग वर्गों के लिए, जिसके लिए कोई भी राजनीतिक दल आज तक आगे नहीं आया हैं, उन्हें लोकसभा-विधानसभा में पहुंचने का अवसर दिया है, क्योंकि जब तक वह खुद विधानसभा और लोकसभा का हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक उनकी बात कोई नहीं सुनेगा।"
नरेश यादव के अनुसार, इस देश में अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि जब तक आप अपने हक व अधिकार के लिए सड़कों पर नहीं उतरेंगे तब तक आपके मुद्दे की सुनवाई नही होगी। ऐसे में जरूरी है कि इन वर्गों से आने वाले इच्छुक उम्मीदवारों को सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आज संविधान की कसम खाने वाले संसद में खड़े होकर झूठे आंकड़े पेश करते हैं, इसलिए ऐसे लोगों के पास देश की जिम्मेदारी नही होनी चाहिए। यह भारतीय पंचायत पार्टी की मांग भी है और समय की पुकार भी। आप देख सकते हैं कि देश में किसानों और युवाओं की कितनी बुरी स्थिति है। युवाओं के पास रोजगार नही है, किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है। लिहाजा जरूरी है कि देश की भागदौड़ ऐसे हाथों में हो जो देश से गरीबों को हटाने के बजाय गरीबी हटाने और जन मानस को एक करने की दिशा में काम करे।

न्युवोको : जोजोबेरा सीमेंट प्लांट ने गुणवत्ता माह आयोजित किया

जोजोबेरा : गुणवत्ता पर जोर देते हुए न्युवोको के जोजोबेरा सीमेंट प्लांट (जेसीपी) ने गुणवत्ता माह का उद्घाटन किया, जिसके अंतर्गत गुणवत्ता कार्यक्रमों के माध्यम से महीने भर का जश्न मनाया जायेगा। गुणवत्ता माह का उद्घाटन मनोज अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट - जेसीपी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में गुणवत्ता ध्वज फहरा कर किया गया।
गुणवत्ता माह का जश्न मनाने का उद्देश्य संगठन के प्रत्येक पहलू में, यहां तक कि छोटे क्षेत्रों में भी, गुणवत्ता को लाना और उसे बेहतर बनाना है। किसी भी संगठन के विकास की महत्वपूर्ण पूर्व-आवश्यकताओं में उत्पाद की गुणवत्ता, प्रक्रिया और प्रणाली में सुधार शामिल हैं और इसीलिए नवाचार और भरोसे के साथ न्युवोको के तीन आधार स्तंभों में से एक गुणवत्ता भी है।
इस वर्ष के गुणवत्ता माह का विषय 'हाउसकीपिंग' है, जो प्लांट को साफ-सुथरा रखने के लिए 5एस की जापानी अवधारणा (Sort, Set In order, Shine, Standardize और Sustain) पर आधारित है। लॉन्च के दौरान मनोज अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट - जेसीपी ने कहा कि 'गुडवत्ता माह का जश्न मनाने का उद्देश्य, विकास को प्रोत्साहित करने के लिए गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। ट्रस्ट, इनोवेशन और सेफ्टी के साथ गुणवत्ता, हमारे संगठन के आधार स्तंभ हैं। हमें गुणवत्ता को आपूर्ति-संचालित बनाने की बजाय मांग-संचालित बनाने की आवश्यकता है। हम उम्मीद करते हैं कि विश्व गुणवत्ता माह में भाग लेकर, आप संगठन के भीतर सभी गतिविधियों में गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेंगे, जिसका भारी असर पड़ेगा और यह पहल जल्द ही भारत में एक मिशन के रूप में विकसित होगी।'
महीने भर का जश्न मनाने के लिए, जोजोबेरा प्लांट ऑनलाइन क्विज, निबंध लेखन, आंतरिक आईएमएस लेखा परीक्षा, पर्यावरण कानूनों के बारे में प्रशिक्षण, हाउसकीपिंग लेखा परीक्षा और कर्मचारियों, अनुबंधित कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के लिए ऐसे ही कई अन्यं कार्यक्रमों सहित विभिन्न पहल की शुरुआत करेगा।
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