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रविवार, 25 फ़रवरी 2018

सेंट्रल मॉल एचडी का इंदौर में भव्य री-लॉन्च

18 शहरों में मौजूद 33 सेंट्रल स्टोर्स

इंदौर : फ्यूचर ग्रुप ने इंदौर मध्य में ग्रैंडर, बिगर और बैटर ‘ट्रेजर आइलैंड नेक्स्ट मॉल‘ को री-लांच किया है, जिसका वादा है कि वो इंदौर के फैशन बेंचमार्क को हमेशा के लिए बदल देगा। ये मॉल 75,000 वर्ग फुट के विशाल एरिया में फैला है। री-लांच किया गया नए अवतार वाला मॉल अपने ‘हाई डेफिनिशन‘ ऑफर्स, विश्व स्तरीय डिजाइन और लेटेस्ट ट्रेंड्स के 500 से ज्यादा ब्रांडों के साथ खरीददारी करने वाले उन लोगों के लिए वन स्टॉप डेस्टिनेशन बनने जा रहा है, जो हमेशा वक्त के साथ चलना पसंद करते हैं। यह प्रतिष्ठित लॉन्च कार्यक्रम बॉलीवुड अभिनेत्री ऐली अवराम के साथ होगा, जिससे इस इवेंट में स्टाइल और ग्लैमर का जोड़ लगेगा। रेडियो चैनलों के सेलिब्रिटी आरजे, इस विशाल इवेंट का हिस्सा बनेंगे। रेडियो सुनने वाले अपने पसंदीदा आरजे को सुन सकेंगे और स्टोर के बारे में अपना अनुभव साझा करेंगे। 

ऐसे आयोजनों में बॉलीवुड की हस्तियां और आरजे अपना अलग ही आकर्षण और जलवा बिखेरते हैं। इसके अलावा ग्राहकों के लिए हमेशा नए ऑफर्स भी एक पुरस्कार जैसा है, जो बड़े स्तर पर उत्सवी भावना को उजागर करता है। 3,000 रुपए की खरीददारी करने वाले ग्राहकों को मार्च, अप्रैल और मई के महीने के लिए 1500 रुपए (500 रुपए में) का गिफ्ट वाउचर मिलेगा। इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कार्ड धारक ग्राहकों को 2,000 रुपए की शॉपिंग पर 500 रुपए की छूट मिलेगी। पहले 1,000 खरीददार को सेंट्रल मॉल से एक टी-शर्ट प्राप्त होगी, वो भी मुफ्त में। ‘पे-टीएम‘ और ‘मोबिकविक‘ के उपयोगकर्ताओं के लिए भी कई तरह की कस्टमाइज्ड ऑफर्स हैं। निजी आमंत्रण वाले ग्राहकों को 4,000 रुपए की खरीददारी पर 500 रुपए की छूट है। बड़े क्लब और सोसायटी के ग्राहकों के लिए भी ऑफर प्रदान किया गया है। मॉल का री-लॉन्च आयोजन का दिन 360 डिग्री का है, जो खास है और हर किसी के लिए अविस्मरणीय है।  

इस आयोजन के बारे बताते हुए सेंट्रल मॉल के सीईओ श्री विष्णु प्रसाद ने कहा, ‘आज भारत के अधिकांश लोग फैशन के प्रति जागरूक और फैशन केंद्रित हैं। इंदौर को अकसर फैशन की अगली राजधानी के रूप में जाना जाता है। इसलिए, व्यवसायिक स्तर पर, सेंट्रल मॉल को भव्य स्तर पर एचडी-अवतार में री-लांच करना आवश्यक था।‘ 

सेंट्रल के बारे में :

फ्यूचर लाइफ स्टाइल फैशन का प्रमुख रिटेल स्टोर है। ‘सेंट्रल‘ बड़े भारतीय महानगरों और शहरों के केंद्रीय क्षेत्रों में स्थित फैशन डिपार्टमेंटल स्टोर की एक चैन है। सेंट्रल स्टोर्स बड़े आकार के स्टोर हैं जो कि 60,000 वर्ग फुट के बीच 230,000 वर्ग फुट में फैले होते हैं। पुरुषों के परिधान, केजुअल ड्रेस, एथेनिक कपडे, महिलाओं के परिधान, बच्चों के कपड़े, जूते और एस्सेसरीज सहित हर श्रेणी में 500 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ब्रांडों की पेशकश करते हैं। ये स्टोर ऐसे स्थानों पर स्थित हैं जहाँ फूड-कोर्ट, रेस्तरां, सुपर मार्केट और इलेक्ट्रॉनिक्स सुपर स्टोर्स भी हैं। सेंट्रल मॉल मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद और गुड़गांव जैसे बड़े शहरों में हैं, इसके साथ ही बड़ौदा, इंदौर, विजाग, पटना और सूरत जैसे छोटे शहरों में भी स्थित हैं। वर्तमान में 18 शहरों में मौजूद 33 सेंट्रल स्टोर्स हैं जो पूरे भारत में 3 मिलियन स्क्वायर फुट रिटेल स्पेस से संचालित होते हैं।

शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018

चुनाव जीतने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त बनाने के लिए लेने लगे हैं पीआर कंपनियों का सहारा

- अतुल मालिकराम

इन्दौर : इन दिनों कंपनियों के बीच आपसी होड़ बढ़ी है। अपने हर प्रोडक्ट को बेहतरीन बताने की मार्केटिंग बनाई जा रही है। अपने हर प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन तो दिया नहीं जा सकता, इसलिए रणनीति के तौर पर पब्लिक रिलेशन कंपनियों (पीआर) का महत्व बढ रहा है। उद्योग संगठन 'एसोचैम' के अनुमान के मुताबिक भारत में पब्लिक रिलेशन का बिजनेस सालाना 32 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। 2008 में इस उद्योग का सालाना कारोबार 300 करोड़ डॉलर था, जो आज हज़ार करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है। इसके पीछे तर्क यही है कि आर्थिक तेजी के इस दौर में ज्यादातर कंपनियां बिक्री और कारोबार बढ़ाने के लिए 'पब्लिक रिलेशन' पर ज्यादा भरोसा कर रही है। लेकिन, 'ऐसोचैम' को चिंता ये है कि तेजी से बढ़ते इस कारोबार के लिए पारंगत लोग मिलेंगे कहाँ से?

कम्पनी ने सोशल मीडिया पर दिखाया कमाल

अब इन पीआर कंपनियों का उपयोग सियासी कामकाज के लिए भी होने लगा है। चुनाव जीतने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त बनाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियां और नेता पीआर कंपनियों का सहारा लेने लगे हैं। अब नेताओं और कार्यकर्ताओं का जन-संपर्क अभियान और पब्लिक की नब्ज़ पकड़ने का काम भी पीआर कंपनियों को दिया जाने लगा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पीआर कंपनियों के माध्यम से खुलकर चुनाव अभियान चला था। इन कंपनियों ने सोशल मीडिया पर अपना कमाल दिखाया और नरेंद्र मोदी को अच्छी खासी बढ़त मिली! प्रतिद्वंदी के इस कदम का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टीम ने भी ऐसी ही एक कंपनी की सेवाएं ली! वह कंपनी सोशल अपने क्लाइंट का शेयर और लाइक बढ़ाती है।

पार्टी की छवि चमकाने की जिम्मेदारी भी इन कंपनियों के कंधों पर होती है

अगले चुनाव में हर पार्टी पीआर कंपनियों की मदद लेने की तैयारी में है। पार्टी के नेता स्वीकार भी करते हैं कि पार्टी के दफ्तर में दो-चार घंटे रोज देने और रणनीति बनाने में कोई समय नहीं देना चाहता! इसलिए पीआर कंपनियों की मदद लेना मजबूरी है। नारे तैयार करने, पार्टी  और नेता के संबंध में प्रचार सामग्री तैयार कराने से लेकर पार्टी की छवि चमकाने की जिम्मेदारी भी इन कंपनियों के कंधों पर होती है। पार्टी नेताओं को उनकी योजना के तहत ही चलना पड़ता है।

राजनीतिक पार्टियाँ भी पीआर कंपनियों की सेवाएं लेने से नहीं हिचकती

चुनाव में पीआर कंपनियों के असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बड़ी राजनीतिक पार्टियाँ भी पीआर कंपनियों की सेवाएं लेने से नहीं हिचकती। राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करने वाली पीआर कंपनियों का होमवर्क चुनाव के काफी पहले से शुरू हो जाता है। इनका सबसे पहला काम प्रत्याशी की इमेज बिल्डिंग करना होता है। पीआर कंपनी जनता के बीच प्रत्याशी की पॉजिटिव इमेज बनाती हैं। प्रत्याशी की इमेज बिल्डिंग के साथ कंपनी अलग-अलग कैंपेन चलाकर मतदाताओं के दिल-ओ-दिमाग पर छाप छोड़ने का काम करती हैं।

भाषण के कंटेंट से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक पर रेकॉर्डिंग देखकर किया जाता है काम

पब्लिक रिलेशन और डिजिटल मार्केटिंग के इस दौर में पीआर कंपनियों ने चुनाव को पूरी तरह से प्लांड और मैनेज्ड बना दिया है। चुनाव की हर छोटी-बड़ी जरूरत को ये पीआर कंपनियां अपने तरीके से निपटाती हैं। ये कंपनियां डिजिटल कैंपेन, सोशल मीडिया प्रमोशन और ईमेल एंड एसएमएस मार्केटिंग के जरिए कैंडिडेट के लिए माहौल तैयार करने का काम करती हैं। डिजिटल कैंपेन के तहत कैंडिडेट के भाषणों को लाइव प्रसारित और रेकॉर्ड करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाता है। भाषण के कंटेंट से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक पर रेकॉर्डिंग देखकर काम किया जाता है। इसके अलाव ईमेल और एसएमएस के जरिए लगातार और ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क बनाने की कोशिश की जाती है। चुनाव के दौरान वोटर्स तक अपनी बात पहुंचाने और विरोधी दल पर हमला करने का सबसे बड़ा साधन भाषण होता है। पीआर कंपनियां नेताओं के भाषण अपनी स्ट्रैटजी के मुताबिक तय करवाती हैं।
(लेखक  "अतुल मालिकराम" 1999 से बिल्डिंग रेपुटेशन, पीआर और डिजिटल कम्युनिकेशन कंपनी के निदेशक और राजनीतिक विश्लेषक हैं) 

गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

'ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी' का ही विज्ञापन बाजार पर असर बढ़ता दिखेगा

- अतुल मालिकराम

इन्दौर : बदलते समय के साथ विज्ञापन, मार्केटिंग और ब्रांडिंग को लेकर कई नए ट्रेंड सामने आए हैं जो आने वाले दिनों में नई उम्मीद जगाते हैं। ख़ास बात ये कि इसकी नीव रखी है डिजिटिल मीडिया, सोशल मीडिया और इंफ्लुएंसर मार्केटिंग (एआर) ने! विज्ञापन बाजार पर नए ट्रेंड का बढता महत्व और टेक्नोलॉजी का विज्ञापन पर बढ़ता प्रभाव सबसे महत्वपूर्ण है। अब सिर्फ अख़बारों में या टीवी  पर विज्ञापन देना काफी नहीं है। नया ट्रेंड सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर अपने प्रोडक्ट को विज्ञापित करना है। आंकड़े बताते हैं कि प्रिंट मीडिया का बाजार 8%, टीवी 12% और डिजिटल / सोशल मीडिया का 24% प्रति साल की दर से बढ़ रहा है। आने वाले सालों में डिजिटल और सोशल मीडिया का बाजार और ज्यादा तेजी से बढ़ेगा! इसका सीधा सा कारण है कि विज्ञापन एजेंसियों को जहाँ उपभोक्ता दिखेगा, वहीं वे उसे प्रभावित करने की कोशिश करेंगी। ऐसे में तय है कि 2018 में सबसे ज्यादा प्रभावशाली क्षेत्र यही होगा।

2018 में विज्ञापन जगत के हॉट ट्रेंड के ब्रांड का फोकस डिजिटिल और सोशल मीडिया होगा। सबसे ज्यादा विस्तार होने वाला क्षेत्र डिजिटल मीडिया ही होगा। जो माहौल 2017 में दिखाई दिया, उसके मुताबिक डिजिटल, सोशल और इंफ्लुएंसर मार्केटिंग हर मामले में हावी रहेगा। 2018 में 'एआरटी' यानी 'ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी' का ही विज्ञापन बाजार पर असर बढ़ता दिखेगा। आने वाले सालों में विज्ञापन जगत में वीडियो का भी दखल बढ़ेगा, जिसका चलन सोशल मीडिया में शुरू भी हो गया है। इससे ब्रांड और उपभोक्ता के बीच की दूरी घट रही है। इसके अलावा अब रीजनल प्लेयर्स भी इस मैदान में दिखाई देंगे। लेकिन, हर ब्रांड का फोकस डिजिटल मीडिया पर ही होगा। स्मार्टफोन ने ब्रांड-कंज्यूमर की दूरी को कम कर दिया है। अनुमान कि 2018 में डिजिटल मार्केटिंग 25-30 फीसदी बढ़ेगी। इसलिए कि ब्रांड की उपभोक्ता  तक पहुंच आसान हुई है।

देश में अनुमानत: तकरीबन 12 से 15 करोड़ से अधिक ऐसे लोग हैं जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से तीन करोड़ से ज्यादा लोग रोज ऑनलाइन होते हैं। इसके अलावा देश में सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले करीब 5 से 6 करोड़ लोग हैं। इनमें ज्यादातर लोग फेसबुक और लिंक्डइन पर हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों में करीब 70 फीसदी लोग वहां रियलिटी शो, फिल्म के ट्रेलर, विज्ञापन आदि से जुड़े वीडियो भी देखते हैं। देश में 10 हज़ार से ज्यादा इंटरनेट कैफे हैं। इसके अलावा देश में करीब 20 करोड़ मोबाइल फोन कनेक्शन हैं, जिनमें से करीबन 15 प्रतिशत स्मार्ट फोन हैं, जिनपर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है। ये आंकड़े अपने आप में बहुत व्यापक नजर आते हैं। लेकिन, जब 1.2 अरब की आबादी के नजरिए से देखा जाए तो ये उतने व्यापक नजर नहीं आते। इसलिए जब डिजिटल मीडिया को एक सहायक माध्यम के तौर पर देखा जाता है, तो आश्चर्य नहीं होता है। हालांकि, यह बात सोचने की है कि क्या हमारे पास इस विस्तार को मापने का सही पैमाना है और क्या पहुंच के मामले में डिजिटल मीडिया बहुत जल्द बड़ा स्वरूप ग्रहण कर लेगा?

मीडिया बाजार का स्वरूप कितनी तेजी से बदल रहा है यह बात चकित करने वाली है। 80 के दशक को याद करें, तो उस वक्त भारत में प्रिंट मीडिया का दबदबा था और महज दो ही सरकारी टेलीविजन चैनल थे। इनका स्वामित्व दूरदर्शन के पास था। 90 के दशक में जब अर्थव्यवस्था में उदारीकरण की शुरुआत हुई तो टेलीविजन जगत में भी तेजी आई और मीडिया जगत पर अचानक टेलीविजन का वर्चस्व हो गया। नई सदी में लक्जरी और प्रीमियम ब्रांडों के उदय तक प्रिंट मीडिया के रचनात्मक लोग प्रमोशनल विज्ञापनों तक सिमट कर रह गए। 90 के दशक के अंत की बात करें तो मोबाइल फोन एक ऐसी लक्जरी थे जिनका इस्तेमाल एक खास तबके के लोग ही करते थे। आज हर हाथ में मोबाइल है। किसी कार्यक्रम की प्रतिक्रियास्वरूप एसएमएस करना आम बात हो चुकी है। अगर व्यापक पैमाने पर डिजिटल को परिभाषित किया जाए और इंटरनेट और मोबाइल को इसमें शामिल कर लिया जाए तो संचार का समूचा परिदृश्य बदला हुआ नजर आ सकता है। यह कुछ ऐसे ही होगा जैसे 90 के दशक में टेलीविजन की वजह से हुआ था। यह बदलाव किसी भी क्षण हो सकता है। मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन बहुत जल्द संचार और आपसी चर्चा का दबदबे वाला माध्यम बन सकती है।

अधिकांश बाजारविदों के लिए अधिकाधिक उपभोक्ताओं तक संदेश का प्रसार करना प्रमुख काम रहा है। ऐसे में पिछले दो दशकों के दौरान मास मीडिया की ताकत के सहारे ब्रांडिंग ने उसकी मदद की है। जब इंटरनेट का उदय हुआ तो मास मीडिया से जुड़े लोगों ने इसे व्यक्तिगत स्तर पर संचार का बेहतर माध्यम माना लेकिन इसकी ताकत कहीं अधिक थी। एमटीवी पर युवाओं पर आधारित सबसे सफल कार्यक्रम 'रोडीज' है। इसकी शुरुआत 10 साल पहले एक रियलिटी शो के रूप में हुई। लेकिन, 2008 में एमटीवी ने युवाओं को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया की मदद लेने का फैसला किया। आज फेसबुक पर इसके 37 लाख फैन हैं। जबकि, हर सप्ताह टेलीविजन पर इसे 20 लाख लोग देखते हैं। 'रोडीज बैटलग्राउंड' नामक इस पेज की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि जब यह कार्यक्रम प्रसारित नहीं हो रहा हो तब भी उपभोक्ताओं को इससे जोड़कर रखा जा सके। लेकिन, यह अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा। 'रोडीज़' की सफलता इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया की पहुँच कहाँ तक है!

राजनीति में डिजिटल मीडिया 

राजनीति में जीत-हार का गणित अब पीआर (पब्लिक रिलेशन) एजेंसियां और डिजिटल कंपनियां करने लगी हैं। वे ही अब नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनसंपर्क अभियान और पब्लिक की नब्ज़ पकड़ने की कला सिखाने लगी है। कहते हैं कि राजनीति के खिलाड़ी काफी चतुर होते हैं। लेकिन, अब उनकी चतुराई को भी पीछे छोड़ने वाले और रणनीतियां बनाने वाले सामने आ गए। अब डिजिटल और सोशल मीडिया वाली कंपनियां नेताओं की राजनीति में मददगार बन रही हैं। देखा जाए तो यह ट्रेंड 'राजनीति' के लिए थोड़ा अटपटा है, लेकिन, जिस तरह देश में युवाओं की संख्या बढ़ रही है, राजनीति का ट्रेंड बदलना भी जरुरी है। क्योंकि, जब जीवन के हर क्षेत्र का कारपोरेटीकरण हो रहा है, तो राजनीति को भी पुराने ढर्रे से बाहर निकालना जरुरी था।

पीआर यानी 'पब्लिक रिलेशन' कंपनियों का मुख्य काम होता है 'ब्रांडिंग और इमेज बिल्डिंग' जिससे नेताओं या पार्टी की समाज में सकारात्मक छवि बनाई जाए। जिसके सहारे उसकी 'चुनावी नैय्या' पार हो सके! इसकी कार्यप्रणाली की बात करें तो, पीआर कंपनियां जनता या टार्गेट ऑडियंस के मन में अपनी क्लाइंट पॉलिटिकल पार्टी या नेता की सकारात्मक छवि बनाने में सक्षम होती हैं। अभी तक वोटर अपने नेता को सिर्फ नाम और चेहरे से ही जानता था, पर अब ये कंपनियां नेता के सकारात्मक पक्ष और उसकी सक्रियता को लोगों के सामने रखती हैं, जो जरुरी होता है। सोशल और डिजिटल मीडिया दोनों के जरिए किया जाता है। इससे सबसे ज्यादा आसानी पार्टी या नेता की होती है, जिसके कार्यक्रम, छवि, विचारधारा, सक्रियता और कामकाज का नजरिया लोगों के सामने आ जाता है। आने वाले कुछ सालों में यदि पूरा चुनाव ही सोशल और डिजिटल मीडिया पर लड़ा जाने लगे तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।

(लेखक अतुल मलिकराम 1999 से बिल्डिंग रेपुटेशन, पीआर और डिजिटल कम्युनिकेशन कंपनी के निदेशक और राजनीतिक विश्लेषक हैं) 

रविवार, 18 फ़रवरी 2018

टिकर ने नया उत्पाद 'टिकर मार्केट' किया लांच, मिली मल्टीपल एप्स से आजादी

इंदौर : टिकर प्लांट लिमिटेड (टिकर) पूरी तरह से 63 मून्स टेक्नोलॉजी की साझेदार हैं। टिकर प्लांट लिमिटेड (टिकर) ने नया और बाजार संचार समृद्ध फीचर लांच करने के शुभारंभ की घोषणा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है, जिसे टिकर मार्केट कहा गया है। इसमें इक्विटी, कमोडिटीज, करेंसी, म्यूचुअल फंड जैसी सभी संपत्ति शामिल हैं। नए ऐप के लांच के साथ टिकर का मकसद आम निवेशकों के लिए शून्य लागत पर गुणवत्ता वाले उत्पाद की पेशकश करना है।

इस नए ऐप में कई नई विशेषताएं जैसे मार्केट एनालिसिस, वीडियो कम्युनिकेशन, फंड डिटेल, लर्निंग टूल्स, आईपीओ सिक्लेक्शन शामिल हैं। इस सेगमेंट के पहले फीचर में टिकर टीवी और ट्रेड नाऊ आदि जैसी कुछ विशेषताएं हैं।

इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए ट्रेड नाऊ का उपयोग किया जा सकता है। ऐप के उपयोगकर्ता इस सेगमेंट में दिखाई गई संस्थाओं के साथ एकाउंट खोलने में सक्षम होंगे, साथ ही उनके द्वारा पेश किए गए उत्पाद/सेवाओं को देख भी सकते हैं।

निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त लाभ के रूप में वे मार्केट और इकोनॉमी के बारे में अर्थशास्त्री/शोध, प्रमुख/विशेषज्ञों के विचार देख सकते हैं। यह उम्मीद भी की जाती है कि कई मार्केट एक्सपर्ट और अन्य रोज टिकर टीवी का हिस्सा होंगे।

17 फरवरी, 2018 को इंदौर में एक कार्यक्रम के माध्यम से यह ऐप लॉन्च किया गया है। पहली बार भारतीय शेयर बाजार के सभी लोकप्रिय सेगमेंट जैसे फ्रेंडली फीचर, आईपीओ, टिकर टीवी, लर्निंग, एमएफ इत्यादि सभी इस एक ऐप में उपलब्ध हैं। इस ऐप में टिकर मार्केट के अलावा 2018 में टिकर से जुड़े नौ नए उत्पादों को देखा जाएगा। उनमें से कुछ मशीन संबंधी सीख और अर्टिफीशियल इंटेलिजेंसी में भी मदद देगी। टिकर के उपयोगकर्ताओं की संख्या ने हाल ही में 1000 संस्थाओं को चिन्हित किया गया है जो वित्तीय बाजार की पूरी वैल्यू चैन की जानकारी रखने के इच्छुक हैं- ये बात टिकर के जॉइंट सीईओ अरिंदम साहा ने कही।

इंदौर में आयोजित टिकर के इसी समारोह के दौरान कई बड़े तेल और तिलहन उत्पादों की विभिन्न किस्मों सहित कृषि बाजार को रिपोर्टों कवर करने की भी शुरूआत की गईं। भारत के साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डॉ बी वी मेहता ने कहा - सही और समय पर बाजार की जानकारी निर्णय लेने में मदद करती है। टिकर का ये नया ऐप व्यापार, उद्योग और किसानों को अद्यतन जानकारी पाने में मदद करेगा और उनके व्यवसाय में मददगार बनेगा। सरसों, क्रूड पाम आयल, रिफाइंड सोया और मूंगफली की रिपोर्ट कवर करना टिकर एमवीटी (डेस्कटॉप सोल्युशन) और टिकर एमवीएम (मोबाइल बेस्ड सोल्युशन) के प्रमुख उत्पाद होंगे।

टिकर प्लान्ट लिमिटेड के बारे में (टिकर)

टिकर वित्तीय सूचना सेवा उद्योग में अग्रणी वैश्विक कंटेंट प्रदाताओं में से एक है जो अल्ट्रा-लो विलंबता डेटा फीड्स, समाचार और सूचना को एकीकृत करके प्रसारित करता है। रीयल-टाइम मार्केट डाटा और सूचना, टिकर के स्वयं के अत्याधुनिक मंच पर उपयोगकर्ता के अनुकूल और लचीली प्रारूप में वितरित की जाती है, साथ ही साथ मोबाइल फोन सहित तीसरे पक्ष की वेबसाइट पर भी वितरित की जाती है।

खुले प्रौद्योगिकी मानकों की टिकर को अपनाने से यह समृद्ध सुविधाओं और विश्लेषणात्मक उपकरणों के साथ सामग्री को एकीकृत करने, अनुकूलित वितरण, डाटा और टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्राहक का अनुभव को बढ़ाने में मदद करता है। रिसीलाइंट डाटा मेनेजमेंट सिस्टम और सूचना और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की समर्पित टीमों ने डाटा सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया है। अब 2018 में ये पूर्णता, गुणवत्ता और प्रमाणीकरण संगठन 9 उत्पादों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है जिसमें डाटा, सूचना और विश्लेषण के व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल हैं।

शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

मुजफ्फरपुर में वी.आई.पी. इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ‘वीआईपी लाउंज‘ शुरू किया

- यह स्टोर विशेष रूप से वीआईपी, कैपरीसी, कार्लटन, स्काईबैग और एरिस्ट्रोक्रेट जैसे ब्रांड बेचेगा

मुजफ्फरपुर : भारत के प्रमुख लगेज ब्रांड, वी.आई.पी इंडस्ट्रीज ने मुजफ्फरपुर में अपने तीसरे एक्सक्लूसिव ब्रांड स्टोर के शुभारंभ की घोषणा की। लगभग 2500 वर्गफुट क्षेत्रफल वाला ये पूर्वी भारत का सबसे बड़ा लगेज स्टोर है। इस लाउंज में वीआईपी, कार्लटन, स्काईबैग, कैपरीसी और एरिस्ट्रोक्रेट के लेटेस्ट स्टाइल की ट्रॉलीज, हैंडबैग, बैकपैक और लगेज बैग्स उपलब्ध होंगे।

मोतीझील के सामने स्थित ये वीआईपी लाउंज शहर का सबसे बेहतरीन लगेज स्टोर है। इसका भव्य उद्घाटन भी इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि यह स्टोर वास्तव में मुजफ्फरपुर के लिए एक ‘उपहार‘ है। इस स्टोर का शुभारंभ अमीय प्रकाष, हेड रिटेल, वीआईपी इंडस्ट्रीज द्वारा किया गया।

भारत में चार दशकों से अधिक समय से आजतक वी.आई.पी इंडस्ट्रीज अपने उत्पादों की गुणवत्ता और स्थायित्व के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि इसका उपयोग कई पीढ़ियों द्वारा किया जा रहा है। कंपनी के पास 250 कंपनी प्रबंधित स्टोर हैं और पूरे देश में लगभग 300 फ्रैंचाइजी स्टोर हैं। इसके अलावा कंपनी 1500 से अधिक मल्टी-ब्रांड डीलर और 3000 से अधिक मल्टी ब्रांड रिटेलर के साथ काम करती है, जो वी.आई.पी उत्पादों की बड़े पैमाने पर बिक्री सुनिश्चित करते हैं।

मुजफ्फरपुर में अपने तीसरे एक्सक्लूसिव स्टोर के शुभारंभ के बारे में बात करते हुए वी.आई.पी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट (मार्केटिंग, सेल्स एंड सर्विस) सुदीप घोष का कहना है, ‘हम मुजफ्फरपुर में अपने मौजूदा स्थिति का विस्तार करके बेहद खुश हैं, जो हमारे ब्रांड के प्रमुख बाजारों में से एक है। हमारी इच्छा है कि वी.आई.पी इंडस्ट्रीज को बनाने वाले विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ सभी क्षेत्रों के लोगों की सेवा की जाए। यह स्टोर हमारे दृष्टिकोण को एक कदम से आगे ले जाता है। हम आगे के वर्षों में और ज्यादा ‘वी.आई.पी लाउंज‘ खोलने की अपेक्षा कर रहे हैं।‘

‘वी.आई.पी लाउंज‘ ने अपने उपभोक्ताओं के लिए अच्छी पेशकश की है और आज से यहाँ सभी नए ब्रांड्स उपलब्ध होंगे।

जाने वी.आई.पी. इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बारे में :

1971 में स्थापित वीआईपी इंडस्ट्रीज लिमिटेड एशिया का नंबर 1 लगेज निर्माता है। इस कम्पनी के चार कारखाने प्रति वर्ष लगभग पांच लाख लगेज बनाते हैं। इससे यह दुनिया में लगेज निर्माण का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। नासिक में अत्याधुनिक ‘वीआईपी डिजाइन लैब‘ को कई अंतरराष्ट्रीय पेटेंट और डिजाइन रजिस्ट्रेशन का सम्मान प्राप्त है। स्थापना के बाद से ही कंपनी ने समझदार और गुणवत्ता चाहने वाले जागरूक यात्रियों की बदलती जरूरत और पसंद के साथ कदम बढ़ाए हैं। वीआईपी इंडस्ट्रीज भारत के साथ दुनिया के कई देशों में जैसे पूरे मध्य पूर्व, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, इटली और अफ्रीकी और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में उपलब्ध हैं।

अशोक लेलैंड ने कैप्टन हॉलिज और 3718 प्लस ट्रक किए लॉन्च

इंदौर : हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी और भारत में सबसे बड़े वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं में से एक, अशोक लेलैंड ने आज इंदौर में कैप्टन हॉलिज और 3718 प्लस ट्रक लॉन्च किए। ये बीएस-4 ट्रक आई-ईजीआर (इंटेलिजेंट इग्जॉस्ट गैस रिसर्कुलेशन) इंजन से युक्त हैं। अशोक लेलैंड ने मेंटनेंस फ्री हब्स, यानी यूनिटाइज व्हीलबियरिंग्स वाले हॉलिज ट्रक भी पेश किए।
इस लॉन्च के अवसर पर मौजूद ग्लोबल ट्रक्स, अशोक लेलैंड लिमिटेड के अध्यक्ष श्री अनुज कथुरिया ने कहा, ‘‘अशोक लेलैंड ने देश के सभी हिस्सों में सभी सैगमेंट में ग्राहकों का विश्वास अर्जित किया है। यह हमारे उत्पादों के साथ ही हमारी नवाचार- संचलित तकनीकों और हमारे ग्राहक-प्रथम दृष्टिकोण के बेहतरीन मेल के कारण संभव हो पाया है। मध्यप्रदेश (एम.पी.) हमारे मुख्य फोकस वाले बाजारों में से एक रहा है और यहां हमारे ग्राहक हमारे उत्पादों में पैसे लगाने की सार्थकता देख रहे हैं। आगे बढ़ने तथा अपनी अग्रणी स्थिति को और सुदृढ़ करने के लिए हमारी रणनीति के हिस्से के रुप में, कैपटन हॉलिज और 3718 प्लस एक अहम भूमिका निभाएंगे।
दोनों ही हमारे ग्राहकों को हमारे ब्रांड के वादे ‘आपकी जीत हमारी जीत’ को पूरा करने में सबसे आगे होंगे। 3718 ने फ्लाई व्हील ट्रक पुरस्कार जीता। जीत के संयोजन में शामिल हैं प्रतिस्पर्धी मूल्य, उच्च ईधन दक्षता, अधिक पे लोड और भारी-भरकम कामकाज। कुल मिलाकर इनके परिणाम स्वरुप परिचालन और रखरखाव की लागत कम हो जाती है और बेहतर गतिशीलता व टिकाऊपन मिलता है। हमारी इनोवेटिव आई-ईजीआर तकनीक के साथ मिलकर यह सब ग्राहकों के लिए परिचालन लागतों को घटाने में मदद करेगा, जिसका नतीजा ऊंचे मुनाफे के रुप में मिलता है।
कैप्टन हॉलिज ट्रकों को खासतौर पर ज्यादा से ज्यादा समय तक काम कर सकने (अपटाइम) और तमाम काम तेजी से निपटाने (टर्न अराउंड टाइम) के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि वेलॉजिस्टिक्स उद्योग की उच्च उत्पादकता मांगों को पूरा कर सकें। आई-ईजीआर तकनीक से युक्त एच सीरीज सीआरएस इंजन से चलने वाला कैप्टन ऊंचा शुरूआती पिकअप, बेहतरीन चालन क्षमता और ईंधन के मामले में बेजोड़ हिसाब-किताब देता है।

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018

राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तहत अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी के नाटक 'नारीबाई' का मंचन 28 फ़रवरी को

इंदौर : अभिनव रंगमंडल द्वारा 28 फ़रवरी को स्थानीय आनंद मोहन सभागृह में जानी-मानी फिल्म और टीवी अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी के नाटक 'नारीबाई' का मंचन किया जा रहा है। राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तहत इस नाटक का मंचन इंदौर के साथ उज्जैन में भी किया जाएगा।
बुंदेलखंड की एक बेड़नी (वेश्या) और एक ब्लॉग लेखक के साथ एक महिला सूत्रधार से जुड़े इस नाटक की लेखक, निर्देशक भी सुष्मिता मुखर्जी ही हैं। सुष्मिता ने बताया कि नाटक में एक औरत की व्यथा कथा को दर्शाया गया है। नाटक 'नारीबाई' एक सोलो एक्ट ही और सच्ची कहानी पर आधारित है। इस नाटक में अंग्रेजी और ब्रजभाषा का मेल दिखाया गया है।
इसमें सुष्मिता मुखर्जी ने अपनी स्कूली दोस्त सुनयना की जिंदगी को दर्शाया है जो बहुत पढ़ी लिखी और अमीर है। उसका पति उसे वेश्या 'नारीबाई' पर नॉवेल लिखने को कहता है। सुनयना अपनी अमीरी छोड़कर उसके कच्चे घर में जाकर रहने लगती है। उसे वहां काफी गंदा माहौल दिखाई देता है। वहां रहने वाले लोगाें और बातचीत के तरीके को भी वो करीब से देखती हैं। ये सब सुनयना अपनी कहानी में लिखती हैं। इसके साथ ही 'नारीबाई' की जिंदगी की परतें खुलनी शुरू होती हैं। इसके बाद एक औरत और बाजार के बीच का रिश्ता और इंसान से सामान बन जाने की कहानी जन्म लेती है।
इस नाटक की प्रस्तुति मुंबई की नाट्य संस्था 'नाटक कंपनी' ने की है। ‘करमचंदमें पंकज कपूर के साथ किटी का किरदार निभाकर शोहरत बटोरने वाली अदाकारा सुष्मिता मुखर्जी पिछले तीन दशकों से एक्टिंग की दुनिया में है। टीवी सीरियल 'करमचंद' में पंकज कपूर के साथ किटी का किरदार निभाकर शोहरत बटोरने वाली अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी को लोग आज भी ‘किटीके नाम से ही पहचानते हैं।
किटी यानी सुष्मिता मुखर्जी का अपना एक दर्शक वर्ग है। दर्शकों ने सुष्मिता को निगेटिव व पॉजीटिव हर तरह के किरदारों में हमेशा पसंद किया गया है। अब वे फिल्मों और टीवी सीरियल्स के साथ स्टेज पर भी अपनी प्रस्तुति देने के लिए समय निकलने लगी हैं। इंदौर और उज्जैन में वे पहली बार अपनी संस्था 'नाटक कंपनी' के साथ आ रही हैं।

‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ को इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड से मिली मान्यता

इंदौर : आगरा-मुंबई बायपास पर स्थित ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ को आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो गई है। ये बोर्ड ‘‘आईसीएसई’’ 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करता है। ‘‘आईसीएसई’’ इस स्कूल के शिक्षा दृष्टिकोण और भविष्य की रुपरेखा को स्पष्ट करता है। मार्केट रिसर्च के मुताबिक इंदौर में आईसीएसई स्कूल की आवश्यकता बहुत स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आई है। इस अवसर पर जेम्स एजुकेशन इंडिया के सीईओ भावीक अंजारिया एवं जेम्स पब्लिक स्कूल इंदौर की सीनियर प्रिंसिपल सुश्री शाहीन शफी भी मौजूद थी।

प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए जेम्स एजुकेशन इंडिया के सीईओ भावीक अंजारिया ने बताया कि ‘‘आईसीएसई’’ बोर्ड दुनियाभर में विशेष रूप से विदेशी स्कूलों और विश्वविद्यालयों द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस बोर्ड में अंग्रेजी पर जोर देने के कारण छात्रों को ‘‘टॉफेल’’ जैसी परीक्षाओं में अन्य छात्रों की तुलना में अग्रणी रखता है। इसकी पढाई की पद्धति वास्तविक जीवन की अवधारणाओं पर आधारित है जो प्रभावी ढंग से पाठ्यक्रम को समझने के लिए अवसर प्रदान करती है। ‘‘आईसीएसई’’ बोर्ड में कक्षा-12 में चुनने के लिए बहुत से विषय हैं। शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के बजाए रूचि पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम लेने का भी विकल्प है।

‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ इंदौर दुबई की ‘‘जेम्स एजुकेशन ग्रुप’’ का एक हिस्सा है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी ग्रेड-12 स्कूल एजुकेशन संस्था है। शिक्षा के क्षेत्र में इस ग्रुप को 55 सालों का अनुभव प्राप्त है। ये ग्रुप 14 देशों के 250 से अधिक स्कूलों के नेटवर्क के साथ दुनिया में केजी से ग्रेड -12 तक के कई बड़े स्कूलों को संचालित करता है। ‘‘जेम्स’’ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका, अमेरिका, एशिया-पैसिफिक, यूरोप और भारत सहित दुनिया के छः क्षेत्रों में बड़े इंटरनेशनल स्कूलों का स्वतंत्र संचालन कर रहा है।

‘‘जेम्स एजुकेशन’’ 1959 में केएस वार्की और उनकी पत्नी मरियमा द्वारा स्थापित किया गया था। आज ‘‘जेम्स एजुकेशन ग्रुप’’ हर किसी के लिए गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के मिशन के साथ एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी बन गया है। सनी वार्की जेम्स ग्लोबल के समूह के चेयरमैन और वार्की फाउंडेशन के संस्थापक हैं। इस स्कूल ग्रुप को सही मायनों में 21वीं सदी का स्कूल कहा जा सकता है। इस ग्रुप के स्कूलों से अभी तक 176 देशों के 2 लाख 70 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स निकले हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को साबित किया है।

‘जेम्स इंडिया ग्रुप‘ के प्रेसीडेंट अमरीश चंद्रा ने मीडिया के साथ अपना एक विशेष संदेश साझा किया :

‘जेम्स एजुकेशन ग्रुप‘ से सम्बद्ध जेम्स पब्लिक स्कूल इंदौर की सफलता और उपलब्धि की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रहे है। ‘जेम्स पब्लिक स्कूल, इंदौर अब आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध हो गया है। सभी पेरेंट्स, स्टूडेंट और हमारे एसोसिएट पार्टनर्स के लिए ये एक सफलता है और यह बेहद खुशी का दिन है। इस उपलब्धि के साथ अब हम निश्चित रूप से हमारे स्कूल को क्वालिटी एजुकेशन के मामले में पूरे देश में स्थापित कर सकेंगे। एक बार फिर मैं इस संबद्धता के लिए स्कूल को बधाई देना चाहूंगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि वास्तव में हमारी देखरेख में स्टूडेंट्स की प्रतिभा उभरकर सामने आएगी!

प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए जेम्स पब्लिक स्कूल इंदौर की सीनियर प्रिंसिपल शाहीन शफी ने बताया कि ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ का पाठ्यक्रम दुनियाभर की शिक्षा प्रणालियों को समझकर तैयार किया गया है। ‘‘जेम्स ग्रुप’’ को ग्लोबल स्कूल नेटवर्क को भारतीय, यूके के ईवाईएफएस (आठ वर्षीय फाउंडेशन स्टेज) आईबी, अमेरिकी, कनाडियन, ब्रिटिश, फ्रेंच और अरबी जैसे 8 पाठ्यक्रमों के शिक्षण का अनुभव है। इस स्कूल ने अपनी शिक्षा प्रक्रिया में अपने श्रेष्ठ अभ्यासों को एकीकृत करते हुए स्टूडेंट्स के लिए पाठ्यक्रम का आधुनिक ढांचा तैयार किया है। ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ के साथ स्टूडेंट्स को विश्व स्तर पर जुड़ने का अवसर मिलता है। साथ ही सीखने के साथ जानने की जिज्ञासा और चिंतन व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

इंदौर के ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ में स्टूडेंट्स को पर्सनल अटेंशन दिया जाता है। इस ग्रुप का शिक्षा दृष्टिकोण छात्र-केंद्रित और गतिविधियों पर आधारित है, ताकि उसमे प्रत्येक स्टूडेंट्स व्यक्तिगत पढाई की शैली को समायोजित किया जा सके। इंदौर का ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ ऐसी तकनीक द्वारा संचालित है, जो स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों को ग्लोबल नेटवर्क से जोड़े रखता है। टीचर्स को जीवनभर सीखने के लिए प्रेरित किया जाता है। ‘‘जेम्स ग्रुप’’ द्वारा टीचर्स को शिक्षा में आने वाले नए बदलाव से अवगत करने के लिए उन्हें ट्रेनिंग प्रोग्राम से जोड़े रखा जाता है।

हमारे स्टूडेंट्स सर्वश्रेष्ठ टीचर्स से जीवन के सबक सीखते हैं। हमारा निरंतर प्रयास पेरेंट्स की भूमिका को सुविधाजनक बनाने का है। साथ ही हमारा उद्देश्य स्टूडेंट्स को सजग रहने, हाई-ग्रेड प्राप्त करने, सीखने की क्षमता को लगातार बढ़ाने, उसकी सोशल स्किल का उपयोग करके उसे एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायता करना है। पेरेंट्स, स्टूडेंट्स और हमारे बीच का ये सहयोगपूर्ण रिश्ता हमारे कार्यक्रम का मुख्य भाग हैं।

जहाँ तक ‘‘जेम्स पब्लिक स्कूल’’ इंदौर की सुविधा की बात है तो यहाँ सुसज्जित ऑडियो विजुअल रूम है जिसके जरिए पढाई को ऑडियो विजुअल कम्युनिकेशन की गहन पद्धति से आसान बनाया गया है। यहाँ की लैबोरेटरी नवीनतम प्रोसेसर के साथ पर्याप्त मशीनों से सुसज्जित है। स्कूल की लाइब्रेरी वह जगह है, जहां ज्ञान का सागर है। छात्र को यहाँ किताबों के इस अथाह सागर से खुद के लिए जरुरी ज्ञान खोजना पड़ता है। स्कूल का ‘‘वाईफाई कैंपस’’ स्टूडेंट्स को स्कूल में कहीं से भी जानने के लिए सुविधा प्रदान करता है।


सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

बलदेवकृष्ण सहगल ने 'भजनानंद' के मंच पर जमकर समां बाँधा

इंदौर : ‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’ द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में रविवार शाम जाने माने भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘भजनानंद’ आयोजित की गई। भजन संध्या के प्रारम्भ में विनोद अग्रवाल, बलदेवकृष्ण सहगल, विनोद सहगल और आरएसएस के कुमार संथाना ने दीपप्रज्वलन किया। भजन संध्या की शुरुआत हरे कृष्ण हरे, कृष्णा-कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे, राम-राम-राम भजनों से हुई। बलदेवकृष्ण सहगल ने 'भजनानंद' के मंच पर जमकर समां बाँधा। विनोद अग्रवाल के भजनों से उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। 

कार्यक्रम के संयोजक श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय ने अतिथियों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं यहाँ उपस्थित सभी श्रद्धालुओं का अपनी और 'देव से महादेव सोसायटी' के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं का इस आयोजन में स्वागत करता हूँ। साथ ही परमपूज्य बलदेव गुरूजी, विनोद अग्रवालजी, आरएसएस के कुमार संथानाजी और साहित्यकार हरेराम बाजपेई का शुक्रगुजार हूँ कि वे इस कार्यक्रम में पधारे! क्षेत्र क्रमांक तीन के 'देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी' के सभी कार्यकर्ताओं का भी इस भजन संध्या में स्वागत है। 

उन्होंने कहा कि यह भजन संध्या लोगों को भक्ति की शक्ति से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया है। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस तरह के आयोजन करते रहते हैं, जिसमें उन्हें सुकून मिलता है और शहर का माहौल सुखद रहता है। इस भजन संध्या में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला समेत कई भाजपा नेता उपस्थित थे।

शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

महाशिवरात्रि पर भजन संध्या ‘भजनानंद’, होंगे शिवजी के भजन

इंदौर : ‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’ द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में 11 फरवरी को राजबाड़ा प्रांगण में संध्या 7 बजे विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘भजनानंद’ आयोजित की जा रही है। ‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’ के संस्थापक और युवा भाजपा नेता आकाश कैलाश विजयवर्गीय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस भजन संध्या में शिवजी के भजन होंगे। यह कार्यक्रम लोगो को भक्ति और शक्ति से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने सभी शिव भक्तों को ‘भजनानंद’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है ।

‘भजनानंद’ आयोजन की जानकारी प्रेस क्लब, इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से साँझा की, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में भक्तजन पधार कर इस मधुरमय संध्या का आनंद ले सके।

युवा भाजपा नेता आकाश कैलाश विजयवर्गीय इस तरह के आयोजन करते रहते है जिससे उन्हें बहुत सुकून मिलता है और उनके घर का माहौल सुखदमय रहता है, वे चाहते है की सभी का जीवन आनंदमय हो इसलिए वे जनता को इस तरह के आयोजनों में पधारने का सुअवसर प्रदान करते रहते है।

Amazon.in की योजना रूपांतरकारी प्रोग्राम को मध्यप्रदेश के अन्य शहरों और कस्बों तक पहुंचाने की है

Amazon.in के “आई हैव स्पेस प्रोग्राम” ने  इंदौर के प्रकाश की जिंदगी बदल दी

इंदौर : मूनलाइट ड्राई क्लीनर्स के मालिक प्रकाश इंदौर में ड्राईक्लीनर स्टोर चलाते हैं। उन्हें अपने काम पर जाने के लिए हर दिन 20 किमी सफर करना पड़ता था। उनका दिन तड़के 4 बजे शुरू होता था और घर लौटते-लौटते रात के 10 बज जाते थे। अपने इन सारे प्रयास के बावजूद उन्हें अपने खर्चों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था। इसी के चलते वह अपनी आय बढ़ाने के लिए मौके की तलाश कर रहे थे। इस मुकाम पर Amazon.in के आई हैव स्पेस प्रोग्राम से उनके जुड़ाव ने उन्हें स्वतंत्र बनाया और अतिरिक्त आय अर्जित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाकर उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। इस कार्यक्रम से उनकी मासिक आय दोगुनी से ज्यादा हो गई और आजकल उनका परिवार मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में काफी बेहतर जिंदगी जी रहा है।
Amazon.in ने मध्यप्रदेश में 160 से ज्यादा आई हैव स्पेस स्टोर्स से साझेदारी की है। केवल एक साल में राज्य में स्टोर के कस्टमर्स के आगमन में 125 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
प्रकाश Amazon.in के आई हैव स्पेस (आईएचएस) प्रोग्राम से मार्च 2017 में जुड़े थे। उन्होंने ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए ई-कॉमर्स के विकास का लाभ लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। ड्राईक्लीनिंग बिजनेस से आय के अतिरिक्त प्रकाश का परिवार अब इस प्रोग्राम के माध्यम से 12 हजार से 18 हजार रुपये हर महीने कमाता है। आसपास के लोग उन्हें अमेज़न के पार्टनर के नाम से पहचानते है, जिसकी वजह से उनके स्टोर की आय भी बढ़ गई है।
मूनलाइट ड्राई क्लीनर्स के मालिक प्रकाश ने कहा, “आई हैव स्पेस प्रोग्राम के माध्यम से अमेजन ने मुझे अतिरिक्त आय अर्जित करने का एक सुनहरा मौका उपलब्ध कराया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से मुझे अपने क्षेत्र में पहचान मिली है। इससे मेरे ड्राईक्लीनिंग स्टोर का कारोबार और भी बेहतर हो गया है।“
अखिल सक्सेना, वाइस प्रेसिडेंट, इंडिया कस्टमर फुलफिलमेंट, Amazon.in ने कहा, “यह देखकर काफी अच्छा लगता है कि हमने केवल अपनी पहुंच ही नहीं बढ़ाई और ज्यादा उपभोक्ताओं तक ही नहीं पहुंचे, बल्कि हमने देश भर में स्थानीय कारोबारियों को अपने प्लेटफॉर्म से लाभ लेने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए सशक्त किया है।“
आई हैव स्पेस (आईएचएस) प्रोग्राम के तहत अमेज़न इंडिया स्थानीय स्टोर के मालिकों से साझेदारी कर उन्हें अलग-अलग शहरों में उपभोक्ताओं को 2 से 4 किलोमीटर के दायरे में पिक अप और डिलिवरी सर्विस मुहैया कराता है। ये स्थानीय कारोबारी अपने क्षेत्र को अच्छी तरह पहचानते हैं और उनकी अपने पड़ोस में सामान की अच्छी तरह डिलीवरी करने और प्रॉडक्ट्स को प्राप्त करने में अच्छी साख रहती है। Amazon.in ने इन स्टोर्स के मालिकों की क्षमता को काफी बेहतर ढंग से बढ़ाने में सफलता अर्जित की है, जिससे इन स्टोर मालिकों की आय तो बढ़ी ही है, उनके स्टोर्स पर ज्यादा कस्टमर भी पहुंचने लगे हैं। अगर औसत देखा जाए तो अमेज़न इंडिया स्टोर के साझीदार 30 से 40 पैकेज एक दिन में डिलीवर करते हैं, जिससे उन्हें हर डिलीवरी के लिए एक निश्चित रकम मिलती है।
अमेज़न इंडिया का आई हैव स्पेस प्रोग्राम उन सभी दुकानदारों के लिए है, जो पैदल या टु व्हीलर पर ग्राहकों को सर्विसेज देने में सक्षम है। इन दुकानदारों के पास आई हैव स्पेस का पार्टनर बनने के लिए केवल एक ही योग्यता होनी आवश्यक है कि उनके पास ऑफ या पीक आवर्स के दौरान स्थानीय लोगों को डिलीवरी करने के लिए पर्याप्त मैनपावर मौजूद हो और पैकेज को रखने के लिए स्टोर की सुविधा हो। मौजूदा समय में इस प्रोग्राम के तहत राशन टेलीकॉम, स्टेशनरी, केमिस्ट्स, जनरल स्टोर और दूसरे मॉडर्न ट्रेड आउटलेट्स जैसी कुछ सुविधाओं का नाम लिया जा सकता है। Amazon.in पर आई हैव स्पेस टीम इस काम में दिलचस्पी रखने वाले स्टोर मालिकों का इन पैमानों पर आकलन करती है। उसमें यह भी देखा जाता है कि उनकी अमेज़न के साथ साझेदारी करने की कितनी क्षमता है और इसमें अपने उपभोक्ताओं को अच्छी सर्विस देने की लगन या संस्कृति किस हद तक है।
एक बार स्टोर्स की पहचान होने के बाद अमेज़न अपने स्टोर पाटर्नर्स को प्रशिक्षित करते हैं और उनमें उपभोक्ताओं को मैनेज करने की क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं। इसमें मुख्य रूप से उपभोक्ताओं के साथ बातचीत करने के तौर-तरीकों, उनकी ग्रूमिंग, सुरक्षा और उपभोक्ताओं को सकारात्मक अनुभव देने पर ध्यान केंद्रित दिया जाता है।
इस प्रोग्राम के तहत 225 शहरों के 17,500 स्टोर्स को कवर किया गया है, जिसमें मेट्रो शहरों के अलावा देहरादून, चंडीगढ़, अमृतसर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, वडोदरा, भरूच, कोल्हापुर, बेलगांव, तिरुपुर, वारंगल, वेल्लौर, सलेम, गुंटूर, रायपुर, आगरा और देहरादून शामिल हैं। यह चैनल वहां अमेज़न लॉजिटिक्स की मात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा संभालता है, जहां यह मौजूद है और देश भर के लोगों की जिंदगी में बदलाव करते समय उपभोक्ताओं से किए गए वायदे को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Amazon.in के आई हैव स्पेस प्रोग्राम के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये कृपया http://amzn.to/2ugTdIs पर लॉग ऑन करें।

‘‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’’ द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में 11 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है भजन संध्या ‘‘भजनानंद’’

- महाशिवरात्रि के मौके पर किया जा रहा है ‘‘भजनानंद’’ आयोजित

- 11 फरवरी को देवी अहिल्या की पावन नगरी में स्थित राजबाड़ा प्रांगण में 7 बजे भजन संध्या

इंदौर : ‘‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’’ द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में 11 फरवरी रविवार को राजबाड़ा प्रांगण में शाम 7 बजे से विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘भजनानंद’’ आयोजित किया जा रहा है। ‘‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’’ के संस्थापक और युवा भाजपा नेता आकाश कैलाश विजयवर्गीय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस भजन संध्या में शिवजी के भजन होंगे।

यह कार्यक्रम लोगो को भक्ति और शक्ति से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने सभी शिव भक्तों को ‘‘भजनानंद’’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। अधिक जानकारी के लिए ‘देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी’ द्वारा जारी नम्बर 966965235 पर अभिषेक से संपर्क कर सकते है।

सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

शहीदों के बलिदानों को भूलना आसान हैं पर इस फिल्म नें उनके शौर्य को वापस जीवित कर दिया हैं

  • कल्पना के परे, अद्भुत्ता का प्रतीक
  • हृदय को झकझोड़ देने वाली विडियो !!
  • कैसे एक टीम के लोगों की परिकल्पना के परे शहीद सूबेदार जोगिन्दर सिंह के लिए खुद को विकट परिस्थितिओं में समर्पित किया
मुम्बई : १९६२ का भारत चीन युद्ध भले ही भारतीयों के लिए एक सुखद याद ना हो पर हमारे वीरों का बलिदान पुरे राष्ट्र को गौरवान्वित कर देता हैं। यह युद्ध उस समय हुआ था, जब भारत आजादी और बटवारे के बाद दोबारा अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था। पुराने घाव अभी भरे भी नहीं थे की तभी अक्टूबर १९६२ के आखिर में चीन ने भारत के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंक दिया, जिसकी भारत ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। क्योंकि यह दोनों देश दोस्ती का पर्यायवाची माने जाते थे, पर यह मित्रता का स्वांग सामने तब आया जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन से लेकर नेफा तक एक साथ हमला बोल दिया। इस आकस्मक हमले का हिन्दुस्तानी सेना ने हिम्मत और जज्बे के साथ सामना किया। इसी दौरान बुमला क्षेत्र के तोंग्पें ला इलाके स्थित आईबी रिज पर पहली सिख रेजिमेंट को तैनात किया गया। भले ही चीनी भारतीयों से संख्या बल में अधिक थे पर यह बात डेल्टा कम्पनी की ग्यारहवीं पलटन के कमांडर सूबेदार जोगिन्दर सिंह के इरादों को पस्त नहीं कर पाई। जब चीनिओं ने हमला बोला २००-२०० टुकड़ी में तब सिख रेजिमेंट ने उनका डट कर सामना तो किया, पर धीरे धीरे उनमे से काफी वीरगति को प्राप्त हो गए थे अथवा उनका असलहा भी खत्म होने की कगार पर था। यही नहीं सूबेदार जोगिन्दर सिंह को खुद जांघ पर गोली लगी थी, फिर भी उन्होंने ना तो मैदान छोड़ा और ना ही घुटने टेके। यह सिर्फ प्रेरणादायक ही नहीं बल्कि यह भी दर्शाता हैं की वो मातृभूमि को कितना स्नेह करते थे !

सलाम है ऐसे सैनिक को !

शहीदों के बलिदानों को भूलना आसान हैं पर इस फिल्म नें उनके शौर्य को वापस जीवित कर दिया हैं। निर्माताओं ने हर पहलू को अक्षुण रखा हैं। जहाँ तक बात रही सूबेदार जोगिन्दर सिंह फिल्म की शूटिंग की जगहों की तो उन्हें महज़ चुनौती पूर्ण कहना लाज़मी नहीं होगा, क्योंकि वहां की परिस्थितियां कल्पना से परे हैं। इस फिल्म की शूटिंग सूरतगढ़ की तपा देने वाली गर्मी से लेकर द्रास सेक्टर की कपा देने वाली ठण्ड तक में हुई हैं !
सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स– जो इस फिल्म के निर्माता हैं उन्होंने इस फिल्म को बनाने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया हैं और आधुनिक प्रतिष्ठित निर्माता कम्पनिओं में अपना नाम दर्ज कर लिया हैं। आज के दौर में जहाँ हलकी फुलकी फिल्में बनके पैसे बनाने का रिवाज़ हो गया हैं, वहीँ इस निर्माता कम्पनी नें बीड़ा
उठाया राष्ट्र महत्व की इस फिल्म को बनाने का जो की पूरी देश के लिए गौरवपूर्ण बात हैं। यह बदलता हुआ पंजाबी सिनेमा हैं, सूत्रों को हवाले से जितना पता चला हैं कि सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स एकमात्र ऐसी निर्माता कम्पनी हैं जो स्क्रिप्ट लिखने से लेकर फिल्म (थिएट्रिकल एवं डिजिटल) रिलीज़ करने तक का सारा बीड़ा उठाती हैं।
इस फिल्म की मेकिंग विडियो सबके रौंगटे खड़े कर देने वाली हैं। द्रास का थर्रा देने वाला ठंडा वातावरण एक तरफ तो दूसरी तरफ सूरतगढ़ की चिलचिलाती धूप और गर्मी, दोनों ही निर्माता दल का हौसला पस्त नहीं कर पाई !
परम वीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिन्दर सिंह की जीवनी पर आधारित यह फिल्म विश्वभर में ६ अप्रैल २०१८ को रिलीज़ होने वाली हैं!
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