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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

बलात्कार के मामले में 12 दिन में फांसी की सजा

लैंगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम प्रभाव में आने के बाद बलात्कार व हत्या के मामले में किसी अभियुक्त को फांसी देने का पहला मामला
अभियुक्त अनोखी
नौ वर्षीय आदिवासी बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रकरण में खंडवा जिला अदालत ने यहां 9 कार्य दिवस मे सुनवाई पूरी करते हुये 4 मार्च को आरोपी अनोखी पुत्र सीताराम (21 साल) निवासी ग्राम डाभिया(खालवा थाना) को मृत्यु दंड की सजा से दंडित किया है। आरोपी ने अपने ही दोस्त की नाबालिक पुत्री का गत 30 जनवरी को अगुआ कर दुष्कर्म किया और हत्या कर लाश एक खेत में फैंक दी थी।
घटना जिले के छैगावं माखन थाना क्षेत्र के ग्राम सुरगांवजोशी की है जहां लापता बालिका का शव पुलिस को 1 फरवरी को मिला था। इसके बाद हत्यारे को 4 फरवरी को भैरूखेडा के जंगल से पुलिस ने खोज निकाला। परिस्थिति जन्य साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट को विश्वसनीय मानकर विशेष न्यायाधीश जगदीश बाहेती ने आरोपी को भादवि धारा 363, 366, 376, 377, 302 व लैंगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम की धारा 3,4,5, 6 का दोषी ठहराते हुये मृत्यु दंड की सजा सुनाई। प्रकरण में 13 साक्षियों ने साक्ष्य दी। बचाव पक्ष की सभी दलीलों को न्यायालय ने खारिज करते हुये आरोपी को दुर्दात अभियुक्त ठहराया।
शनिवार को डीएनए रिपोर्ट सकारात्मक मिलने के बाद 4 मार्च को अंतिम बहस के की तिथि मुकर्रर की गयी थी और इसके उपंरात जिला न्यायाधीश ने फैसला भी सुना दिया। फैसला सुनने के लिये अदालत खचाखच भरी हुई थी। इस प्रकरण में अभियोग पत्र पेश किये जाने के बाद 21 फरवरी को न्यायालय ने आरोपी पर चार्ज तय किया था और 12 दिन में से 9 कार्यदिवस में सुनवाई पूरी कर 4 मार्च को फैसला सुना दिया। अभियोजक बी.एल.मंडलोई के अनुसार लैंगिक अपराधों से बालकों को संरक्षण अधिनियम प्रभाव में आने के बाद बलात्कार व हत्या के मामले में किसी अभियुक्त को फांसी देने का यह पहला मामला है। उन्होने बताया कि अभियुक्त अनोखी को इसके पूर्व भी भादवि धारा 377 में 6 माह की सजा भोग चुका है तो चोरी का एक मामला भी उसके विरूद्ध न्यायालय में विचाराधीन है। आरोपी की ओर से अधिवक्ता डी एस चैहान उपस्थित थे।
यह है मामला गत एक फरवरी के तडके समीपस्थ ग्राम सुरगांव जोशी में उस समय सनसनी फैल गयी थी जब 9 वर्षीय आदिवासी बालिका का शव एक खेत में पड़ा मिला। छैगांव माखन पुलिस ने मामले की तपतीश के बाद ग्राम डाभिया निवासी अनोखी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। उसे 4 फरवरी को भैयखेडा के जंगल से बंदी बनाया। एक दिन की रिमांड के बाद 7 फरवरी को पुनः न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। मृत बालिका का पिता खालवा क्षेत्र में एक विभाग में चैकीदार है और आरोपी भी उसी क्षेत्र का निवासी होने से इनमें मि़त्रता थी। आरोपी जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर दूर ग्राम सुरगांवजोशी मे मजदूरी करने आया और और पीडिता के घर आना जाना करता था। घटना दिवस उसने बालिका को बीडी लेने भेजा और फिर उसके पीछे हो लिया।
" कब कब क्या हुआ "
*घटना- 30 जनवरी 2013
*चालान पेश- 19 फरवरी 2013
*आरोप तय- 19 फरवरी 2013
*गवाह आरम्भ- 21 फरवरी 2013
*गवाह- घटना में टोटल 13 गवाह पेश किये गए
*धारा- अभियुक्त पर भादवि की धारा 363, 366, 376, 377, 302 एवं बालकों को संरक्षण अधिनियम की     धारा 3, 4, 5, 6 मुकदमा चलाया गया
*लोक अभियोजक- बाबूलाल मंडलोई
*बचाव पक्ष के वकी्ल- डी.एस चौहान

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