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गुरुवार, 25 अक्तूबर 2018

सोशल मीडिया से साध रही है आईएसआई कश्मीर में भारत पर निशाना

दिल्ली : कश्मीर में दहशतगर्दों की हर चाल नाकाम होने के बाद अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने एक नई साजिश का ताना-बाना बुना है और आईएसआई ने अपनी इस साजिश की बुनियाद फ़ेक न्यूज़ पर रखी है. आईएसआई सोश्ल मीडिया प्लेटफार्म को एक हथियार की इस्तेमाल कर रहा है ताकि ना सिर्फ कश्मीर में आतंकवाद बना रहे बल्कि कश्मीर के नौजवानों को भी देश के खि़लाफ भड़काया जा सके।
न्यूज़18 इंडिया की एक खास रिपोर्ट के बाद कश्मीर पुलिस ने भी घाटी में हिंसा फैलाने की साजिश की खबर पर मुहर लगाते हुए लोगों से सोशल मीडिया पर फर्ज़ी खबरों को शेयर न करने की अपील की. जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है, “हमारी फ़ेक ट्विटर एकाउंट की इमेज सर्कुलेट कर गलत खबरे फैलाये जा रही है. हम लोगो से ये खबरें आगे ना शेयर करने की अपील करते हैं।"
दरअसल, आईएसआई घाटी में दहशतगर्दी की आग भड़काने के लिए सोशल प्लेटफॉर्म को एक हथियार बना कर कश्मीर के नौजवानों को कभी जेहाद तो कभी मजहब की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश कर रही है।
इस बारे में बात करते हुए इम्तियाज हुसैन, एसएसपी, बारामूला ने कहा, “ये एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक अभियान है जिसके तहत कुछ विशेष मुद्दों को अलग ही समर्थन दिया जा रहा है जिससे नौजवानों को तैयार किया जा रहा है कि वो बंदूक उठायें. ये एक बड़ी समस्या है जिस को सोशल मीडीया के वजह से खासा बढ़ावा मिल रहा है. फेसबुक पर कम से कम 25-30 हजार फेक प्रोफाइल्स बनाए हुए हैं. ऐसे लोगों का कोई वजूद ही नही है असल जिंदगी में।”
“वो ऐसे कॉमेंट्स करते हैं जिससे जनता की राय और नौजवानों की राय को अपने अनुकूल बनाया जाए. ये हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है,” उन्होने आगे बताया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अपनी इस साजिश में कुछ भटके हुए कश्मीरी नौजवानों को शामिल कर रखा है. आईएसआई ने इन लड़कों को रावलपिंडी में एक ऑफिस भी दे रखा है जहाँ से बैठ कर वो कश्मीर के नौजवानों को बहकाने के लिए सोश्ल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज़ या भड़काऊ बातों का प्रचार करते हैं।
पुलिस का ये भी मानना है की आईएसआई फेसबुक और ट्विटर पर फर्जी अकाउंट और फर्जी वाट्सएप ग्रुप बनाकर कश्मीर में आतंकवाद को फैलने के काम कर रही है. अपनी साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए पहले इसी के लोग फेसबुक पर एक नहीं बल्कि सैंकड़ों फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और फिर इनके जरिए वो धीरे-धीरे कश्मीरी नौजवानों को अपने जाल में फँसाना शुरु कर देते हैं. फेक न्यूज बनाने और फैलने के लिए नौजवान पीढ़ी की एक पूरी फौज तैयार करी हुई है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस सरहद पार से चलाई जा रही लगातार ऐसी फेक साइट्स और एकाउंट्स को बंद कर रही हैं जो लोगों को भड़काने के काम में लगी हुई हैं।
इसी बारे में बात करते हुए दिलबाग सिंह, डीजीपी, जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया, “जो फेक न्यूज डाली जाती है अलग अलग सोशल मीडिया पर वो पाकिस्तानी और आईएसआई के एजेंट्स द्वारा डाली जा रही है. उन्ही ग्रूप्स के अंदर उन्होने कुछ कश्मीर के नौजवानों को भी सदस्य बना रखा है. वो अकाउंट्स हॅक कर के ये दिखाना चाहते हैं की ऐसे खबरें वहाँ से नही बल्कि यही से आ रही हैं।"
साफ हो चुका है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया को अब एक नए ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा है. सरहद पार से इसे एक कैम्पेन के तैर पर चलाया जा रहा है जिस के जरिए कश्मीर की आवाम का और वहां के नौजवानों का ब्रेनवॉश किया जा सके.
तरीका चाहे जो भी हो लेकिन आईएसआई का एक ही मकसद है किसी भी कीमत पर भारत को बड़ा से बड़ा नुकसान पहुँचाना लेकिन कश्मीर घाटी में सेना, सरकार और पुलिस मिल कर आतंक के इस नये हमले का ना सिर्फ सामना कर रही हैं बल्कि इसको खत्म करने के लिए जरूरी कदम भी उठा रही हैं।

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