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सोमवार, 26 अगस्त 2019

भारत में ग्लेनमार्क को टाइप टू डायबिटीज के वयस्क रोगियों के लिए रेमोग्लिफ्लोज़िन एटाबोनेट और मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड का संयोजन करने की स्वीकृति मिली

  • संयोजन का व्योवसाय ग्लेनमार्क ‘रेमो-एम’ और ‘रेमोजेन-एम’ के ब्रांड नाम से करेगा। 
  • इससे पहले अप्रैल 2019 में, ग्लेनमार्क को भारत में रेमोग्लिफ्लोज़िन एटाबोनेट के लिए रेग्यू। लेटरी एप्रूवल मिला था, और ग्लेमनमार्क रेमोग्लिफ्लोज़िन लॉन्चस करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई और भारत इस नई दवा को उपलब्धे कराने वाला पहला देश बन गया। 
  • रेमोग्लिफ्लोज़िन नई, पेटेंट-संरक्षित सोडियम ग्लूकोज को-ट्रांसपोर्टर-2 (एसजीएलटी2) इनहिबिटर है जिसका वयस्कों में टाइप -2 डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। 

अहमदाबाद : रिसर्च आधारित दवा निर्माण करने वाली वैश्विरक कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क),  ने बताया कि कंपनी को अपने नये, पेटेंट संरक्षित और विश्व स्तर पर रिसर्च के आधार पर तैयार किये गये सोडियम ग्लूकोज को-ट्रांसपोर्टर -2 (एसजीएलटी2) इनहिबिटर, रेमोग्लिफ़्लोज़िन एटाबोनेट (रेमोग्लिफ़्लोज़िन) और मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (मेटफ़ॉर्मिन) फिल्म-कोटेड टैबलेट का भारत में संयोजन करने के लिए रेग्यू्लेटरी एप्रूवल मिल गया है। इस दवा का वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज के उपचार में उपयोग होता है। इस संयोजन का व्य वसाय ग्लेगनमार्क ‘रेमो-एम’ और ‘रेमोज़ेन-एम’ के ब्रांड नाम से करेगा।

इससे पहले अप्रैल 2019 में, ग्लेनमार्क ने फेज-3 क्लिनिकल परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, रेमोग्लिफ्लोजिन एटाबनेट 100 मिलीग्राम का रेग्यूालेटरी एप्रूवल हासिल कर लिया था, जिसमें रेमोग्लिफ्लोज़िन ने डापाग्लिफ्लोज़िन के मुकाबले अच्छी प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रोफाइल पेश की थी। इस एप्रूवल के साथ ग्लेनमार्क दुनिया की पहली कंपनी बन गई जिसने एसजीएलटी2 इनहिबिटर रेमोग्लिफ्लोज़िन लॉन्च किया, और इसके साथ ही भारत इस नई दवा का उपयोग करने वाला पहला देश बन गया है। ग्लेनमार्क ने भारत में रेमोग्लिफ्लोजिन को 'रेमो' और 'रेमोज़ेन' ब्रांड नाम के साथ लॉन्च किया है।

ग्लेनमार्क को अब रेमोग्लिफ़्लोज़िन और मेटफ़ॉर्मिन फिल्म-कोटेड टैबलेट के संयोजन के लिए रेग्यू्लेटरी एप्रूवल मिल गया है। अनुमोदित खुराक की ताकत 100 मिलीग्राम रेमोग्लिफ्लोज़िन के साथ 500 मिलीग्राम या 1,000 मिलीग्राम मेटफॉर्मिन का संयोजन है। यह संयोजन टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस रोगियों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में देखा गया है (पूरी जानकारी के लिए, पैकेज के अंदर उपलब्धए जानकारी को देखने की सलाह दी जाती है)।

श्री सुदेश वासुदेवन, प्रेसिडेंट, इंडिया फार्म्यूोलेशंस, मिडिल-ईस्टा और अफ्रीका, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने कहा कि “रेमोग्लिफ़्लोज़िन और मेटफ़ॉर्मिन संयोजन के लिए एप्रूवल मिलना भारत में डायबिटीज प्रबंधन में क्रांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ग्लेनमार्क भारत में डायबिटीज रोगियों के लिए नवीनतम उपचार विकल्पों तक पहुंच प्रदान करने में अग्रणी है। इस वर्ष की शुरुआत में, हमने मरीजों को एसजीएलटी2 इनहिबिटर उपलब्धब कराने के उद्देश्य से रेमोग्लिफ्लोज़िन को लॉन्ची किया था,  क्योंीकि दवाओं के इस वर्ग ने प्रभावी डायबिटीज प्रबंधन के मामले में लाभकारी नतीजे दिये हैं। जैसे-जैसे डायबिटीज के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, हमें रोगियों को अतिरिक्त उपचार विकल्प प्रदान करने में प्रसन्नलता हो रही है। रेमोग्लिफ़्लोज़िन और मेटफ़ॉर्मिन के संयोजन के लिए यह एप्रूवल हमें प्रभावी, उच्च गुणवत्तापूर्ण और विश्व स्तरीय उपचार विकल्प प्रदान करने और भारत में रोगियों की एसजीएलटी 2 इनहिबिटर तक बेहतर पहुंच बनाने के हमारे लक्ष्य के करीब हमें लाने में मदद करेगा।”

कंपनी ने रेमोग्लिफ्लोज़िन को मोनो-थेरेपी के रूप में लॉन्च किया था, जिनकी कीमत भारत में उपलब्ध एसजीएलटी2 इनहिबिटर की तुलना में 50% कम है। रेमोग्लिफ्लोज़िन के लॉन्च से पहले, भारत में एसजीएलटी2 इनहिबिटर की प्रति दिन थिरेपी की औसत लागत लगभग 55 रुपये थी।

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