गोरखपुर. बड़हलगंज तेजाब कांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एसपीआरए
ब्रजेश सिंह के मुताबिक, विंध्यवासिनी देवी (55) की बहू शिल्पी अग्रवाल ने गला घोंटकर हत्या की थी। लूट के दौरान
हत्या होने की तरफ घटना का रुख मोड़ने के लिए उसने सास के शरीर पर तेजाब डालकर जला
दिया था।
क्या है मामला
कॉलेज तिराहा
निवासी विंध्यवासिनी देवी की उनके घर में ही 9 मार्च, 2015 को तेजाब से जली हुई लाश मिली थी। उनके सौतेले बेटे अंकित अग्रवाल
की पत्नी शिल्पी भी झुलसी हुई थी। घटना की जानकारी होने पर पहुंची पुलिस को शिल्पी
ने बताया था कि लूट की नीयत से घर में घुसे बदमाशों ने तेजाब डालकर सास की हत्या
करने के बाद उसके ऊपर भी तेजाब फेंक दिया था।
पोस्टमार्टम
रिपोर्ट में हुआ दूसरा खुलासा
पोस्टमार्टम
रिपोर्ट में पता चला कि विंध्यवासिनी देवी की पहले गला घोंट कर हत्या की गई थी।
इसके बाद उस पर तेजाब डाला गया था। इसके बाद पुलिस शिल्पी से दोबारा पूछताछ करना
चाह रही थी,
लेकिन उसके पति इलाज के बहाने उसे
गोरखपुर से वाराणसी लेकर चले गए। बाद में वाराणसी से वे उसे लखनऊ ले गए। कुछ दिन
वहां से इलाज कराने के बाद उसको लेकर पहले दिल्ली और बाद में जबलपुर चले गए।
पिता ने तीन हिस्सों
में बांटी थी संपत्ति
घटना के समय जुटाए
गए वैज्ञानिक साक्ष्यों का विश्लेषण करने के दौरान शिल्पी द्वारा ही विंध्यवासिनी
देवी की हत्या करने के ठोस प्रमाण मिले। इसपर पुलिस ने उसे अभियुक्त बनाने का
फैसला किया। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि शिल्पी का पति विंध्यवासिनी देवी
का सौतेला बेटा था। पति ने मरने से पहले अपनी संपत्ति तीन हिस्सों में बांट दी थी।
एक हिस्सा सौतेले बेटे को और एक-एक हिस्सा विंध्यवासिनी देवी और उनसे पैदा हुए
बेटे को दे दिया था।
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