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शनिवार, 27 अप्रैल 2019

गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में एम्बेड परियोजना का विस्तार करने जा रही है

उत्तर प्रदेश : गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) ने मच्छरों से होने वाली स्थानीय बीमारियों के उन्मूलन के लिये चलाई जा रही परियोजना एम्बेड, का छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में विस्तार करने की घोषणा की। इसमें छत्तीसगढ़ में बस्तर और कोंडागांव जिलों के 200 गांव, और उत्तर प्रदेश के बरेली और बदायूं जिले के 200 गांव शामिल होंगे। इस विस्तार कार्यक्रम के दायरे में 1,50,000 जोखिम ग्रस्त लोग आयेंगे। जीसीपीएल आने वाले वर्षों में एम्बेड परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए इन दोनों राज्यों में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा।

25 अप्रैल, 2017 को, विश्व मलेरिया दिवस पर, जीसीपीएल ने 2030 तक मलेरिया मुक्त भारत के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी और एम्बेड को शुरू किया, जिसका उद्देश्य वेक्टर जनित बीमारियों के कारण होने वाली रुग्णता और मृत्यु दर को कम करना है। इस परियोजना में व्यवहार परिवर्तन के लिए अभियान चलाना, शिक्षा प्रदान करना और नीचले समुदायों के लिए जागरूकता गतिविधियों का संचालन करना, उन्हें अपनी सुरक्षा का प्रभार लेने के लिए सशक्त बनाया जाना शामिल है। अपने पहले चरण में, एम्बेड ने भारत में मध्य प्रदेश के 2 जिलों, मंडला और डिंडोरी, में 207 गांवों में परियोजना को लागू किया। मध्य प्रदेश भारत का ऐसा राज्य रहा, जहां मलेरिया का सर्वाधिक प्रकोप था, लेकिन एम्बेड के शुरू होने के बाद एक वर्ष के भीतर, मलेरिया की जाँच करने में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, मच्छर भगाने वाली दवाओं या मच्छरदानी के इस्तेमाल में 11 प्रतिशत  की वृद्धि हुई और 80 प्रतिशत गाँवों में मलेरिया का प्रकोप कम होने की रिपोर्ट दर्ज की गई।

अपने दूसरे चरण में, इस परियोजना का विस्तार 7 अतिरिक्त जिलों में किया गया, जिसके अंतर्गत झाबुआ, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, अलीराजपुर और बालाघाट में 1,300 गांवों और 2,00,000 घरों को शामिल किया गया, जहां मलेरिया का प्रकोप अधिक था। मार्च 2019 तक, 81 प्रतिशत गांवों में मलेरिया के शून्य मामले दर्ज किए गए और मच्छर भगाने वाली दवाओं या मच्छरदानी के उपयोग में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एम्बेड को राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन संरचना (एनएफएमई) 2016-2030 के अनुरूप विकसित किया गया है, जो 2030 तक रोग को खत्म करने के भारत के एजेंडे का समर्थन करता है। यह परियोजना स्वच्छ भारत के हिस्से के रूप में, पर्यावरण प्रबंधन और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों के लिए सरकार के साथ सहयोग करती है। पिछले कुछ वर्षों में एम्बेड परियोजना मलेरिया के उच्च जोखिम वाले 10,16,453 लोगों तक पहुंच गई है।

परियोजना पर टिप्पणी करते हुए, श्री विवेक गंभीर, मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ, गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड ने कहाः “एक कंपनी के रूप में, गोदरेज ने हमेशा सामाजिक जिम्मेदारी को सक्रिय रूप से निभाया है। हम जिन समुदायों के बीच कामकाज करते हैं, उनकी सामाजिक प्रगति के लिए हम गहराई से वचनबद्ध हैं। हमारे पास व्यापार वृद्धि और नवाचार के लिए एक ‘साझा मूल्य’ एप्रोच है। इसके पीछे हमारी सोच कारोबारी सफलता को सामाजिक प्रगति से जोड़ने की है। अप्रैल 2016 में एम्बेड शुरू करने के बाद से हम मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सरकार और फैमिली हेल्थ इंडिया ने राज्य में वेक्टर जनित रोगों के उन्मूलन की दिशा में जो समर्थन और प्रोत्साहन दिया है, उसके लिए हम बहुत आभारी हैं। हमारा मानना है कि मजबूत भागीदारी और सामुदायिक जुड़ाव से, हम 2030 तक भारत से मलेरिया के उन्मूलन की दिशा में अपने प्रयासों में भारी प्रगति कर सकते हैं। हम मध्य प्रदेश में एम्बेड की प्रगति से प्रोत्साहित हैं और अपने हस्तक्षेप और एंगेजमेंट मॉडल, और छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से मिली सीख को दोहराने के लिए तैयार रहेंगे।”

इसके साथ ही श्री विकास गोस्वामी, हेड, सस्टेनेबिलिटी - गुड एंड ग्रीन, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड एंड एसोसिएट कंपनीज, ने कहाः “एम्बेड प्रमुख रूप से व्यवहार में परिवर्तन पर जोर देता है। इसने लोगों को उपयुक्त जानकारी प्रदान कर एवं निवारक उपयोग के प्रारूपों को प्रोत्साहित कर समुदायों को सशक्त बनाने में मदद की है। हमारा उद्देश्य वेक्टर जनित बीमारियों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करना है, और किफायती मॉस्किटो रिपेलेंट की उपलब्धता बढ़ानी है, और इन बीमारियों से होने वाले हादसों के चलते पैदा होने वाले आर्थिक बोझ एवं उत्पादकता के नुकसान को कम करना है।”

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