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सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

शहीदों के बलिदानों को भूलना आसान हैं पर इस फिल्म नें उनके शौर्य को वापस जीवित कर दिया हैं

  • कल्पना के परे, अद्भुत्ता का प्रतीक
  • हृदय को झकझोड़ देने वाली विडियो !!
  • कैसे एक टीम के लोगों की परिकल्पना के परे शहीद सूबेदार जोगिन्दर सिंह के लिए खुद को विकट परिस्थितिओं में समर्पित किया
मुम्बई : १९६२ का भारत चीन युद्ध भले ही भारतीयों के लिए एक सुखद याद ना हो पर हमारे वीरों का बलिदान पुरे राष्ट्र को गौरवान्वित कर देता हैं। यह युद्ध उस समय हुआ था, जब भारत आजादी और बटवारे के बाद दोबारा अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था। पुराने घाव अभी भरे भी नहीं थे की तभी अक्टूबर १९६२ के आखिर में चीन ने भारत के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंक दिया, जिसकी भारत ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। क्योंकि यह दोनों देश दोस्ती का पर्यायवाची माने जाते थे, पर यह मित्रता का स्वांग सामने तब आया जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन से लेकर नेफा तक एक साथ हमला बोल दिया। इस आकस्मक हमले का हिन्दुस्तानी सेना ने हिम्मत और जज्बे के साथ सामना किया। इसी दौरान बुमला क्षेत्र के तोंग्पें ला इलाके स्थित आईबी रिज पर पहली सिख रेजिमेंट को तैनात किया गया। भले ही चीनी भारतीयों से संख्या बल में अधिक थे पर यह बात डेल्टा कम्पनी की ग्यारहवीं पलटन के कमांडर सूबेदार जोगिन्दर सिंह के इरादों को पस्त नहीं कर पाई। जब चीनिओं ने हमला बोला २००-२०० टुकड़ी में तब सिख रेजिमेंट ने उनका डट कर सामना तो किया, पर धीरे धीरे उनमे से काफी वीरगति को प्राप्त हो गए थे अथवा उनका असलहा भी खत्म होने की कगार पर था। यही नहीं सूबेदार जोगिन्दर सिंह को खुद जांघ पर गोली लगी थी, फिर भी उन्होंने ना तो मैदान छोड़ा और ना ही घुटने टेके। यह सिर्फ प्रेरणादायक ही नहीं बल्कि यह भी दर्शाता हैं की वो मातृभूमि को कितना स्नेह करते थे !

सलाम है ऐसे सैनिक को !

शहीदों के बलिदानों को भूलना आसान हैं पर इस फिल्म नें उनके शौर्य को वापस जीवित कर दिया हैं। निर्माताओं ने हर पहलू को अक्षुण रखा हैं। जहाँ तक बात रही सूबेदार जोगिन्दर सिंह फिल्म की शूटिंग की जगहों की तो उन्हें महज़ चुनौती पूर्ण कहना लाज़मी नहीं होगा, क्योंकि वहां की परिस्थितियां कल्पना से परे हैं। इस फिल्म की शूटिंग सूरतगढ़ की तपा देने वाली गर्मी से लेकर द्रास सेक्टर की कपा देने वाली ठण्ड तक में हुई हैं !
सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स– जो इस फिल्म के निर्माता हैं उन्होंने इस फिल्म को बनाने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया हैं और आधुनिक प्रतिष्ठित निर्माता कम्पनिओं में अपना नाम दर्ज कर लिया हैं। आज के दौर में जहाँ हलकी फुलकी फिल्में बनके पैसे बनाने का रिवाज़ हो गया हैं, वहीँ इस निर्माता कम्पनी नें बीड़ा
उठाया राष्ट्र महत्व की इस फिल्म को बनाने का जो की पूरी देश के लिए गौरवपूर्ण बात हैं। यह बदलता हुआ पंजाबी सिनेमा हैं, सूत्रों को हवाले से जितना पता चला हैं कि सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स एकमात्र ऐसी निर्माता कम्पनी हैं जो स्क्रिप्ट लिखने से लेकर फिल्म (थिएट्रिकल एवं डिजिटल) रिलीज़ करने तक का सारा बीड़ा उठाती हैं।
इस फिल्म की मेकिंग विडियो सबके रौंगटे खड़े कर देने वाली हैं। द्रास का थर्रा देने वाला ठंडा वातावरण एक तरफ तो दूसरी तरफ सूरतगढ़ की चिलचिलाती धूप और गर्मी, दोनों ही निर्माता दल का हौसला पस्त नहीं कर पाई !
परम वीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिन्दर सिंह की जीवनी पर आधारित यह फिल्म विश्वभर में ६ अप्रैल २०१८ को रिलीज़ होने वाली हैं!

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